भौतिकवादी विचारधारा का उदय: चार्वाक दर्शन

चार्वाक या लोकायत प्राचीन भारतीय दर्शन का एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद प्रतिनिधि था। इसका उद्भव वेदों के समय के आस-पास हुआ था, लेकिन इसका सही समय और संस्थापक का नाम अस्पष्ट है। चार्वाक दर्शन को 'लोकायत' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "जनता में व्याप्त" या "लोकप्रिय"। यह एक भौतिकवादी, नास्तिक और तर्कसंगत दर्शन है, जो केवल प्रत्यक्ष अनुभव और इंद्रिय-ज्ञान को ही सत्य मानता है।