कल्पना चावला अंतरिक्ष छूने वाली भारतीय बेटी! जीवन परिचय और उपलब्धियां Kalpana Chawla Biography

कल्पना चावला का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला वैज्ञानिक थीं, जिन्होंने अपने अदम्य...

कल्पना चावला अंतरिक्ष छूने वाली भारतीय ब...
कल्पना चावला अंतरिक्ष छूने वाली भारतीय ब...


बचपन का सपना, अंतरिक्ष की उड़ान

कल्पना चावला का जन्म 1 जुलाई 1961 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था। बचपन से ही उनकी आकाश की ओर टकटकी लगाए रहने की आदत थी। अंतरिक्ष यान और विमानों को देखना उन्हें रोमांचित कर देता था। यही वह समय था, जब उनके मन में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने का सपना जगा। पढ़ाई में तेज कल्पना ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इस क्षेत्र में निरंतर प्रगति करती रहीं।

अमेरिका में शिक्षा और उपलब्धियां

अपने सपने को साकार करने के लिए कल्पना 1982 में अमेरिका चली गईं। वहां उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री और फिर कोलोराडो विश्वविद्यालय से उसी विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात जीन-पियरे हैरिसन से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने शादी कर ली। अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था NASA में वैज्ञानिक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में योगदान दिया।

अंतरिक्ष मिशन में चयन और पहली उड़ान

कल्पना की मेहनत और योग्यता को देखते हुए उन्हें साल 1994 में NASA के अंतरिक्ष यात्री दल में शामिल कर लिया गया। साल 1997 में अंतरिक्ष यान कोलंबिया के STS-87 मिशन में वह अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय मूल की महिला वैज्ञानिक बन गईं। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 31 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट बिताए और कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया।

दूसरा अंतरिक्ष मिशन और दुखद अंत

अपनी पहली सफल उड़ान के बाद कल्पना चावला को दूसरी बार अंतरिक्ष यान कोलंबिया के STS-107 मिशन के लिए चुना गया। 1 फरवरी, 2003 को यह यान पृथ्वी के वातावरण में वापस दाखिल हो रहा था, तभी दुर्भाग्यवश एक तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में कल्पना सहित चालक दल के सभी सात सदस्य शहीद हो गए।

कल्पना चावला: एक प्रेरणा

कल्पना चावला भले ही हमारे बीच नहीं रहीं, लेकिन उनका नाम इतिहास में हमेशा अमर रहेगा। उन्होंने साबित कर दिया कि सपनों को पाने के लिए कड़ी मेहनत और लगन जरूरी है। वह न केवल भारतीय महिलाओं के लिए बल्कि दुनिया भर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं।

कल्पना चावला से जुड़ी अन्य रोचक बातें

  • बचपन में उनकी उपनाम "मोंटू" था।
  • उन्हें भारतीय व्यंजन बहुत पसंद थे और वह अंतरिक्ष में भी भारतीय खाने के लिए स्पेशल पैकेट साथ ले जाती थीं।
  • वह एक शानदार पायलट भी थीं और उन्हें हवाई जहाज उड़ाना बहुत पसंद था। 
  • अंतरिक्ष में रहते हुए उन्होंने कई बार अपनी माँ से बात की और उन्हें अंतरिक्ष से पृथ्वी का नजारा बताया।
  • अमेरिका में रहने के बाद भी वह भारतीय संस्कृति से जुड़ी रहीं और हिंदी बोलना नहीं भूलीं।
  • शौकीन स्केटबोर्डर : बचपन में पढ़ाई के अलावा उन्हें स्केटबोर्डिंग का भी बहुत शौक था।
    • अंतरिक्ष में संगीत : अंतरिक्ष यान में सफर के दौरान मनोरंजन के लिए वह अपने साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत की कैसेट ले गई थीं।
    • अंतरिक्ष शिक्षा में रुचि : उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में बच्चों को पढ़ाना बहुत पसंद था। वह अक्सर स्कूलों में जाकर बच्चों को अंतरिक्ष के बारे में बताती थीं।
    • "पताका फहराने वाली पहली भारतीय" का सपना : उनकी बहन, प्रतिभा चावला ने बताया है कि कल्पना का सपना चाँद पर भारतीय पताका फहराने वाली पहली भारतीय बनना था।
    • "हेलो इंडिया" का अंतरिक्ष संदेश : अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को संदेश भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था "नमस्ते भारत। यह कल्पना चावला बोल रही हूँ।"
    • उनके सम्मान में भारत और अमेरिका दोनों देशों में कई डाक टिकट जारी किए गए हैं।

    चर्चा में