कल्पना चावला अंतरिक्ष छूने वाली भारतीय बेटी! जीवन परिचय और उपलब्धियां Kalpana Chawla Biography
कल्पना चावला का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला वैज्ञानिक थीं, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और लगन से देश का गौरव बढ़ाया। आइए, उनकी प्रेरणादायक जीवन यात्रा पर एक नज़र डालें।
जीवनी By Tathya Tarang, Last Update Mon, 22 July 2024, Share via
बचपन का सपना, अंतरिक्ष की उड़ान
कल्पना चावला का जन्म 1 जुलाई 1961 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था। बचपन से ही उनकी आकाश की ओर टकटकी लगाए रहने की आदत थी। अंतरिक्ष यान और विमानों को देखना उन्हें रोमांचित कर देता था। यही वह समय था, जब उनके मन में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने का सपना जगा। पढ़ाई में तेज कल्पना ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इस क्षेत्र में निरंतर प्रगति करती रहीं।
अमेरिका में शिक्षा और उपलब्धियां
अपने सपने को साकार करने के लिए कल्पना 1982 में अमेरिका चली गईं। वहां उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री और फिर कोलोराडो विश्वविद्यालय से उसी विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात जीन-पियरे हैरिसन से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने शादी कर ली। अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था NASA में वैज्ञानिक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में योगदान दिया।
अंतरिक्ष मिशन में चयन और पहली उड़ान
कल्पना की मेहनत और योग्यता को देखते हुए उन्हें साल 1994 में NASA के अंतरिक्ष यात्री दल में शामिल कर लिया गया। साल 1997 में अंतरिक्ष यान कोलंबिया के STS-87 मिशन में वह अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय मूल की महिला वैज्ञानिक बन गईं। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 31 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट बिताए और कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया।
दूसरा अंतरिक्ष मिशन और दुखद अंत
अपनी पहली सफल उड़ान के बाद कल्पना चावला को दूसरी बार अंतरिक्ष यान कोलंबिया के STS-107 मिशन के लिए चुना गया। 1 फरवरी, 2003 को यह यान पृथ्वी के वातावरण में वापस दाखिल हो रहा था, तभी दुर्भाग्यवश एक तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में कल्पना सहित चालक दल के सभी सात सदस्य शहीद हो गए।
कल्पना चावला: एक प्रेरणा
कल्पना चावला भले ही हमारे बीच नहीं रहीं, लेकिन उनका नाम इतिहास में हमेशा अमर रहेगा। उन्होंने साबित कर दिया कि सपनों को पाने के लिए कड़ी मेहनत और लगन जरूरी है। वह न केवल भारतीय महिलाओं के लिए बल्कि दुनिया भर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं।
कल्पना चावला से जुड़ी अन्य रोचक बातें
- बचपन में उनकी उपनाम "मोंटू" था।
- उन्हें भारतीय व्यंजन बहुत पसंद थे और वह अंतरिक्ष में भी भारतीय खाने के लिए स्पेशल पैकेट साथ ले जाती थीं।
- वह एक शानदार पायलट भी थीं और उन्हें हवाई जहाज उड़ाना बहुत पसंद था।
- अंतरिक्ष में रहते हुए उन्होंने कई बार अपनी माँ से बात की और उन्हें अंतरिक्ष से पृथ्वी का नजारा बताया।
- अमेरिका में रहने के बाद भी वह भारतीय संस्कृति से जुड़ी रहीं और हिंदी बोलना नहीं भूलीं।
- अंतरिक्ष में संगीत : अंतरिक्ष यान में सफर के दौरान मनोरंजन के लिए वह अपने साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत की कैसेट ले गई थीं।
- अंतरिक्ष शिक्षा में रुचि : उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में बच्चों को पढ़ाना बहुत पसंद था। वह अक्सर स्कूलों में जाकर बच्चों को अंतरिक्ष के बारे में बताती थीं।
- "पताका फहराने वाली पहली भारतीय" का सपना : उनकी बहन, प्रतिभा चावला ने बताया है कि कल्पना का सपना चाँद पर भारतीय पताका फहराने वाली पहली भारतीय बनना था।
- "हेलो इंडिया" का अंतरिक्ष संदेश : अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को संदेश भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था "नमस्ते भारत। यह कल्पना चावला बोल रही हूँ।"
- उनके सम्मान में भारत और अमेरिका दोनों देशों में कई डाक टिकट जारी किए गए हैं।
Related Articles
कल्पना चावला की शिक्षा
कल्पना चावला की शिक्षा यात्रा उनके जन्म स्थान करनाल, हरियाणा से शुरू होकर अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने तक की एक प्रेरणादायक कहानी है। आइए, उनके शिक्षा सफर पर विस्तार से नजर डालें:
प्रारंभिक शिक्षा :
- कल्पना चावला की प्रारंभिक शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन स्कूल में हुई।
- बचपन से ही वह पढ़ाई में तेज थीं और विज्ञान तथा गणित में उनकी विशेष रुचि थी।
- आठवीं कक्षा में आते-आते उन्हें इंजीनियर बनने का सपना जगा।
उच्च शिक्षा :
- सन 1976 में उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (अब पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़) से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की।
- उस समय वह एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने वाली अकेली लड़की थीं।
- अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद, वह अपने अंतरिक्ष यान इंजीनियर बनने के सपने को पूरा करने के लिए अमेरिका चली गईं।
अमेरिका में शिक्षा (Education in the US):
- 1982 में अमेरिका जाने के बाद उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।
- अपनी पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात जीन-पियरे हैरिसन से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने शादी कर ली।
- अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
- उनकी पीएचडी का विषय "एयरफोइल ड्रैग रीडक्शन इन सुपरसोनिक फ्लो" (अतिध्वनिक प्रवाह में वायुगतिकीय प्रतिरोध में कमी) था।
कल्पना चावला की शिक्षा यात्रा कड़ी मेहनत, लगन और अपने सपनों को पूरा करने की जुनून की कहानी है। उन्होंने भारत में इंजीनियरिंग की बुनियाद रखी और फिर अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त कर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया।
कल्पना चावला के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. कल्पना चावला कौन थीं?
कल्पना चावला एक भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और वैज्ञानिक थीं। वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं।
2. कल्पना चावला का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उनका जन्म 1 जुलाई 1961 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था।
3. कल्पना चावला ने किस क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त की?
उन्होंने एयरोनॉटिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में शिक्षा प्राप्त की।
4. कल्पना चावला NASA में कैसे शामिल हुईं?
उन्होंने अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर 1994 में NASA के अंतरिक्ष यात्री दल में जगह बनाई।
5. कल्पना चावला कितनी बार अंतरिक्ष यात्रा पर गईं?
वह दो बार अंतरिक्ष यात्रा पर गईं। पहली बार 1997 में कोलंबिया के STS-87 मिशन में और दूसरी बार 2003 में कोलंबिया के STS-107 मिशन में।
6. कल्पना चावला की मृत्यु कैसे हुई?
2003 में उनके दूसरे अंतरिक्ष मिशन के दौरान अंतरिक्ष यान कोलंबिया पृथ्वी के वातावरण में वापस दाखिल होते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमे उनकी और चालक दल के सभी सदस्यों की मृत्यु हो गई।
7. कल्पना चावला को क्या सम्मान मिले?
उन्हें भारत और अमेरिका दोनों देशों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उनके नाम पर कई डाक टिकट जारी किए गए।
8. कल्पना चावला युवाओं के लिए एक प्रेरणा क्यों हैं?
वह सपनों को पाने के लिए कड़ी मेहनत और लगन का प्रतीक हैं। उन्होंने साबित किया कि महिलाएं भी अंतरिक्ष विज्ञान जैसे जटिल क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं।
9. कल्पना चावला के बारे में और क्या जानने योग्य है?
आप उनकी रुचियों, उनके बचपन के सपनों और अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उनके अनुभवों के बारे में अधिक जान सकते हैं।