अमेरिकी साहित्य के शिखर पर: रॉबर्ट फ्रोस्ट का जीवन और आधुनिक कविता पर प्रभाव! Biography of Robert Frost
Robert Frost Biography: रॉबर्ट फ्रोस्ट, 20वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण अमेरिकी कवियों में से एक थे। रॉबर्ट फ्रोस्ट की कविताओं ने साहित्यिक दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ी है। इस ब्लॉग म...
जीवनी Last Update Sun, 01 September 2024, Author Profile Share via
अमेरिकी साहित्य के शिखर पर: रॉबर्ट फ्रोस्ट
रॉबर्ट फ्रोस्ट का जन्म 26 मार्च 1874 को सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में हुआ था। उनके बचपन का अधिकांश समय पश्चिमी अमेरिका में बीता। उनके पिता विलियम प्रेस्कॉट फ्रोस्ट जूनियर एक अखबार के संपादक और राजनैतिक उम्मीदवार थे, जबकि उनकी माँ इसाबेल मूडी एक शिक्षिका थीं। रॉबर्ट का बचपन संघर्षों से भरा रहा, क्योंकि उनके पिता का स्वभाव कठोर और उग्र था।
जब रॉबर्ट केवल 11 वर्ष के थे, तब उनके पिता की तपेदिक (टीबी) के कारण मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी माँ उन्हें और उनकी बहन को लेकर पूर्वी अमेरिका के मैसाचुसेट्स में लॉरेंस चली आईं, जहां उनका परिवार काफी कठिनाइयों में जीवनयापन करने लगा। रॉबर्ट ने अपने बचपन में काफी मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों का सामना किया, लेकिन इन चुनौतियों ने उनके व्यक्तित्व और लेखन पर गहरा प्रभाव डाला।
रॉबर्ट फ्रोस्ट का परिवार
फ्रोस्ट का परिवार छोटे और करीबी संबंधों वाला था। उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी माँ ने उन्हें और उनकी बहन जेनी को बड़े संघर्षों के साथ पाला। फ्रोस्ट की माँ ने ही उन्हें शिक्षा की ओर प्रेरित किया और उनके साहित्यिक प्रेम को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रॉबर्ट फ्रोस्ट की शिक्षा
रॉबर्ट फ्रोस्ट की प्रारंभिक शिक्षा लॉरेंस, मैसाचुसेट्स के लॉरेंस हाई स्कूल में हुई, जहां वे एक उज्ज्वल और मेधावी छात्र थे। हाई स्कूल के दौरान ही उनकी रुचि कविता और साहित्य की ओर विकसित हुई। उन्होंने 1892 में लॉरेंस हाई स्कूल से स्नातक किया, जहाँ वे अपनी कक्षा के शीर्ष छात्र थे और उन्हें अपनी कविता "ला नॉचेस्ट्रा" के लिए स्कूल का प्रतिष्ठित कविता पुरस्कार भी मिला।
हाई स्कूल के बाद, फ्रोस्ट ने डार्टमाउथ कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन वे वहाँ लंबे समय तक नहीं रह सके। कॉलेज की पारंपरिक शिक्षा से असंतुष्ट होकर वे कुछ महीनों बाद ही कॉलेज छोड़कर विभिन्न नौकरियों में लगे रहे, जैसे कि शिक्षण, पत्रकारिता, और खेती। बाद में, उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, लेकिन आर्थिक तंगी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्हें यह भी बीच में ही छोड़ना पड़ा। हालांकि उन्होंने अपनी शिक्षा को औपचारिक रूप से पूरा नहीं किया, लेकिन वे जीवनभर एक स्वाध्यायी रहे और साहित्य, दर्शन और प्रकृति में गहरी रुचि रखते थे।
प्रारंभिक प्रभाव और प्रेरणा
रॉबर्ट फ्रोस्ट के साहित्यिक जीवन पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़े। उनके प्रारंभिक जीवन में उनकी माँ इसाबेल मूडी ने उन्हें साहित्य और कविता के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने फ्रोस्ट को कविताएँ सुनाई और उनके साहित्यिक ज्ञान को विकसित किया। इसके अलावा, फ्रोस्ट की दादी और माँ दोनों ने उन्हें पारंपरिक स्कॉटिश और अंग्रेजी बाल कथाएँ और लोकगीत सुनाए, जिनका प्रभाव उनकी कविताओं में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
फ्रोस्ट पर राल्फ वाल्डो इमर्सन, हेनरी डेविड थोरो, और विलियम वर्ड्सवर्थ जैसे महान लेखकों का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने प्रकृति और ग्रामीण जीवन की सादगी को अपनी कविताओं का विषय बनाया, जो इन लेखकों की रचनाओं में भी देखा जा सकता है। इसके अलावा, वे जीवन के दार्शनिक प्रश्नों और संघर्षों को भी अपनी कविताओं में स्थान देते थे, जो उनके जीवन के अनुभवों और साहित्यिक प्रभावों का परिणाम था।
फ्रोस्ट की प्रारंभिक कविताएँ उनके इस गहरे और विविध साहित्यिक प्रभाव का परिणाम थीं, जो उन्हें अमेरिकी साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित और प्रिय कवियों में से एक बनाती हैं।
रॉबर्ट फ्रोस्ट का इंग्लैंड जाने का निर्णय
रॉबर्ट फ्रोस्ट का इंग्लैंड जाने का निर्णय उनके जीवन और साहित्यिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। यह निर्णय उन्होंने 1912 में लिया, जब वे 38 वर्ष के थे, और यह उनके लिए एक साहसी और जोखिम भरा कदम था, जिसने उनके जीवन को एक नई दिशा दी।
अमेरिका में संघर्ष और निराशा
1912 तक, रॉबर्ट फ्रोस्ट ने कई वर्षों तक अमेरिका में एक कवि के रूप में पहचान बनाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कई नौकरियाँ कीं, जिनमें खेती और शिक्षण शामिल थे, लेकिन वे अपनी कविताओं को व्यापक रूप से प्रकाशित कराने में असफल रहे। उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब थी, और वे अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित थे। इस निराशाजनक स्थिति में, फ्रोस्ट ने अपने जीवन और करियर को एक नई दिशा देने का फैसला किया।
इंग्लैंड जाने का निर्णय
फ्रोस्ट ने अपनी पत्नी एलिनोर के साथ इंग्लैंड जाने का निर्णय लिया, जहाँ उन्हें लगा कि उन्हें एक कवि के रूप में अधिक अवसर मिल सकते हैं। उस समय इंग्लैंड साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र था, और वहाँ कई प्रसिद्ध कवि और लेखक कार्य कर रहे थे। फ्रोस्ट को विश्वास था कि इंग्लैंड में उन्हें एक नई शुरुआत करने का मौका मिलेगा और वे अपनी कविताओं को प्रकाशित कराने और पहचान बनाने में सफल हो सकेंगे।
इंग्लैंड में सफलता
इंग्लैंड पहुँचने के बाद, फ्रोस्ट का अनुमान सही साबित हुआ। उन्होंने वहाँ रहने के दौरान दो महत्वपूर्ण कविता संग्रह प्रकाशित किए: "ए बॉयज विल" (1913) और "नॉर्थ ऑफ बॉस्टन" (1914)। इन पुस्तकों ने उन्हें साहित्यिक दुनिया में व्यापक पहचान दिलाई। इंग्लैंड में, फ्रोस्ट की मुलाकात कई प्रमुख साहित्यकारों से हुई, जिनमें एडवर्ड थॉमस, रूबेन डारियो, और विल्फ्रेड गिब्सन शामिल थे। इन मुलाकातों और मित्रताओं ने उनके साहित्यिक दृष्टिकोण को समृद्ध किया और उनके करियर को आगे बढ़ाया।
अमेरिका में वापसी
1915 में, प्रथम विश्व युद्ध के कारण फ्रोस्ट को अपने परिवार के साथ अमेरिका लौटना पड़ा। लेकिन इस बार वे एक स्थापित और सम्मानित कवि के रूप में लौटे। इंग्लैंड में मिले अनुभवों और सफलता ने उन्हें अमेरिका में भी साहित्यिक क्षेत्र में पहचान दिलाई। फ्रोस्ट की कविताओं की सरलता, गहराई, और जीवन के अनुभवों की सजीवता ने उन्हें अमेरिकी साहित्य के इतिहास में एक अमर स्थान दिलाया। उनकी प्रारंभिक लेखन और प्रकाशन ने उनकी पहचान बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वे अंततः 20वीं सदी के सबसे प्रिय कवियों में से एक बने।
रॉबर्ट फ्रोस्ट के शिक्षण पद और अनुभव
रॉबर्ट फ्रोस्ट ने अपने जीवन में कई शिक्षण पदों पर कार्य किया, जो उनके साहित्यिक करियर और जीवन के अनुभवों का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे। हालांकि उन्होंने औपचारिक शिक्षा पूरी नहीं की थी, लेकिन उनके ज्ञान और साहित्यिक प्रतिभा के कारण वे एक सम्मानित शिक्षक बने।
1. प्रारंभिक शिक्षण अनुभव
अपने करियर की शुरुआत में, फ्रोस्ट ने विभिन्न स्कूलों में पढ़ाना शुरू किया। डार्टमाउथ कॉलेज और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अपने अध्ययन को अधूरा छोड़ने के बाद, उन्होंने कई छोटे शिक्षण पदों पर कार्य किया। उन्होंने न्यू हैम्पशायर के डेर्री गांव में पिंकर्टन अकादमी में अंग्रेजी पढ़ाया। इस दौरान, उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा को निखारा और अपने छात्रों को साहित्य के प्रति प्रेम विकसित करने में मदद की।
2. प्रमुख शिक्षण पद
1912 में इंग्लैंड जाने और वहाँ अपने साहित्यिक करियर की शुरुआत करने के बाद, रॉबर्ट फ्रोस्ट ने 1915 में अमेरिका लौटने के बाद कई प्रमुख शिक्षण पदों पर कार्य किया। उन्होंने एमहर्स्ट कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया, जहाँ उन्होंने 1917 से 1920 तक और फिर 1923 से 1938 तक पढ़ाया। इस दौरान, उन्होंने न केवल साहित्य का ज्ञान दिया बल्कि अपने छात्रों को रचनात्मक लेखन की बारीकियाँ भी सिखाईं।
फ्रोस्ट ने 1921 से 1923 तक मिशिगन विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया, जहाँ उन्हें फैकल्टी की तरफ से विशेष सम्मान प्राप्त हुआ। वे इस विश्वविद्यालय से जुड़ने के बाद इतना प्रसिद्ध हो गए कि उन्हें कई अन्य विश्वविद्यालयों से भी पढ़ाने के निमंत्रण मिलने लगे।
3. शिक्षण का प्रभाव
रॉबर्ट फ्रोस्ट का शिक्षण करियर उनकी कविताओं और साहित्यिक योगदान में भी परिलक्षित होता है। वे अपने शिक्षण के माध्यम से साहित्य के प्रति अपने गहरे प्रेम और ज्ञान को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाने में सफल रहे। उनके शिक्षण का प्रभाव उनके छात्रों पर इतना गहरा था कि कई छात्रों ने बाद में प्रसिद्ध साहित्यकार बनने की दिशा में कदम बढ़ाया।
फ्रोस्ट के शिक्षण का अनुभव उनकी कविताओं में भी झलकता है, जहाँ वे जीवन के कठिन प्रश्नों और मानव अनुभवों पर विचार करते हैं। उन्होंने शिक्षा को केवल ज्ञान का संचार करने का माध्यम नहीं माना, बल्कि इसे जीवन की गहरी समझ विकसित करने का एक साधन भी माना।
रॉबर्ट फ्रोस्ट की रूपर्ट ब्रुक और अन्य प्रमुख हस्तियों से मुलाकात
रॉबर्ट फ्रोस्ट की इंग्लैंड यात्रा उनके साहित्यिक करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई। इस यात्रा के दौरान, उनकी मुलाकात कई प्रमुख साहित्यिक हस्तियों से हुई, जिनका उनके लेखन और सोच पर गहरा प्रभाव पड़ा। इनमें से एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे रूपर्ट ब्रुक, जो उस समय के प्रसिद्ध कवि थे।
रूपर्ट ब्रुक से मुलाकात
रूपर्ट ब्रुक एक प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि थे, जिन्हें उनकी युद्ध कविताओं के लिए जाना जाता था। फ्रोस्ट की मुलाकात ब्रुक से इंग्लैंड में हुई, जहाँ दोनों ने साहित्य और कविता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। ब्रुक का व्यक्तित्व और उनकी गहरी कविताएँ फ्रोस्ट को प्रभावित करती थीं। ब्रुक की कविताओं में देशभक्ति और मानवीय संवेदनाओं का अद्भुत समन्वय था, जिसने फ्रोस्ट के लेखन और विचारों को एक नई दिशा दी। दोनों के बीच की यह मुलाकात साहित्यिक दृष्टिकोण से बेहद सार्थक थी, हालांकि ब्रुक का जल्द ही निधन हो गया, लेकिन उनकी कविताओं का प्रभाव फ्रोस्ट के दिल में बना रहा।
अन्य प्रमुख हस्तियों से मुलाकात
फ्रोस्ट की इंग्लैंड यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात कई अन्य प्रमुख साहित्यिक हस्तियों से भी हुई, जिनमें एडवर्ड थॉमस, विल्फ्रेड गिब्सन, और रूबेन डारियो शामिल थे।
एडवर्ड थॉमस: एडवर्ड थॉमस, जो एक प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि और आलोचक थे, फ्रोस्ट के करीबी मित्र बने। फ्रोस्ट और थॉमस के बीच गहरी मित्रता विकसित हुई, और थॉमस की कविताओं का फ्रोस्ट पर गहरा प्रभाव पड़ा। फ्रोस्ट की प्रसिद्ध कविता "द रोड नॉट टेकन" (The Road Not Taken) का प्रेरणा स्रोत भी एडवर्ड थॉमस ही थे।
विल्फ्रेड गिब्सन: विल्फ्रेड गिब्सन भी उस समय के एक प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि थे। गिब्सन और फ्रोस्ट के बीच कई साहित्यिक चर्चाएँ हुईं, जिनसे फ्रोस्ट ने बहुत कुछ सीखा। गिब्सन की कविताओं की सरलता और गहराई फ्रोस्ट की अपनी कविताओं में भी परिलक्षित होती है।
रूबेन डारियो: रूबेन डारियो निकारागुआ के एक प्रमुख कवि थे, जिन्हें आधुनिकतावाद (Modernismo) के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। डारियो की कविताओं और उनके विचारों ने फ्रोस्ट को नए साहित्यिक दृष्टिकोणों से परिचित कराया, जिसने उनकी लेखनी में नयापन और विविधता लाई।
इन मुलाकातों का प्रभाव
इन प्रमुख हस्तियों के साथ मुलाकातों ने फ्रोस्ट की साहित्यिक दृष्टि को व्यापक बनाया और उनकी कविताओं को अधिक गहराई दी। उन्होंने न केवल अपनी शैली को निखारा बल्कि अपनी कविताओं में जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने का तरीका भी विकसित किया।
इन मुलाकातों ने फ्रोस्ट को एक ऐसे कवि के रूप में स्थापित किया, जो न केवल अपने समय के प्रमुख साहित्यकारों से प्रेरणा लेता था, बल्कि अपनी अनूठी आवाज और दृष्टिकोण से भी प्रभावित करता था। इंग्लैंड में बिताए गए समय और इन मुलाकातों ने फ्रोस्ट को एक महान कवि के रूप में आकार दिया, जिनकी कविताएँ आज भी साहित्यिक दुनिया में सम्मानित हैं।
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