सैमुअल जॉनसन का जीवन सफर: अंग्रेजी साहित्य के महान आलोचक और शब्दकोशकार Samuel Johnson

Samuel Johnson: सैमुअल जॉनसन, अंग्रेजी साहित्य का एक महत्वपूर्ण नाम, अपने गहरे साहित्यिक आलोचनात्मक दृष्टिकोण और शब्दकोश निर्माण के लिए प्रसिद्ध हैं। इस लेख में हम उनके जीवन की प्र...

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अंग्रेजी साहित्य के महान आलोचक और शब्दकोशकार: सैमुअल जॉनसन

सैमुअल जॉनसन का जन्म 18 सितंबर 1709 को इंग्लैंड के लिचफील्ड नामक छोटे से शहर में हुआ था। उनके पिता माइकल जॉनसन एक पुस्तक विक्रेता थे और उनकी मां का नाम सारा फोर्ड था। सैमुअल का परिवार आर्थिक रूप से बहुत संपन्न नहीं था, लेकिन उनके पिता का पुस्तक व्यापार उन्हें साहित्य के करीब ले आया।

सैमुअल जॉनसन का बचपन:

सैमुअल जॉनसन का बचपन कई चुनौतियों से भरा रहा। उनका स्वास्थ्य बचपन से ही कमजोर था और उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़ा। उन्हें त्वचा की एक बीमारी 'स्क्रोफुला' थी, जो उस समय "राजरोग" के रूप में जानी जाती थी। इसके इलाज के लिए उन्हें लंदन ले जाया गया, लेकिन यह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई। इसके बावजूद, जॉनसन के मन में पढ़ाई और साहित्य के प्रति गहरी रुचि थी, जो उन्हें आगे जीवन में सफलता की ओर ले गई।

बचपन में ही सैमुअल का परिवार वित्तीय समस्याओं से जूझ रहा था, जिससे उनका जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था। हालांकि, उनके पिता के पुस्तक विक्रय व्यवसाय ने उन्हें किताबों के बीच पलने का अवसर दिया, और यही से उनकी साहित्यिक यात्रा की शुरुआत हुई।

सैमुअल जॉनसन की प्रारंभिक शिक्षा:

सैमुअल जॉनसन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लिचफील्ड के ग्रैमर स्कूल में शुरू की, जहां उन्होंने लैटिन और ग्रीक भाषाओं में गहरी रुचि दिखाई। उनके शिक्षक उनके कौशल से प्रभावित थे, लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं और आर्थिक तंगी के कारण उनकी शिक्षा में कई बार रुकावटें आईं। 1728 में, वे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के पेमब्रोक कॉलेज में दाखिला लेने गए। हालांकि, उन्हें आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी, लेकिन ऑक्सफोर्ड में बिताए गए समय ने उनकी साहित्यिक नींव को और मजबूत किया।

बचपन और प्रारंभिक शिक्षा के दौरान सैमुअल जॉनसन ने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनका साहित्य के प्रति प्रेम और जिज्ञासा उन्हें जीवन में महानता की ओर ले गई। उनके द्वारा बनाए गए शब्दकोश और अन्य रचनाओं ने उन्हें विश्व साहित्य के इतिहास में अमर कर दिया।

सैमुअल जॉनसन के प्रारंभिक लेखन प्रयास

सैमुअल जॉनसन का लेखन करियर उनकी कठिनाइयों के बावजूद अत्यधिक प्रेरणादायक रहा। शुरुआती दिनों में उन्होंने आर्थिक संकट के बीच अपने साहित्यिक प्रयासों को जारी रखा। उनके प्रमुख प्रारंभिक कार्यों में नाटक "इरिन," यात्रा विवरण "अ वॉयज टू एबिसिनिया," और जीवनी "लाइफ ऑफ मिस्टर रिचर्ड सैवेज" शामिल हैं। इन रचनाओं के माध्यम से उन्होंने अपनी साहित्यिक योग्यता का प्रदर्शन किया और धीरे-धीरे खुद को एक प्रतिष्ठित लेखक के रूप में स्थापित किया।

1. इरिन (Irene)

सैमुअल जॉनसन का पहला बड़ा साहित्यिक प्रयास एक त्रासदी नाटक "इरिन" था। यह नाटक उनके जीवन में संघर्ष और साहित्यिक रुझान का परिणाम था। उन्होंने इसे 1720 के दशक के अंत में लिखना शुरू किया और लगभग एक दशक तक इसे पूरा करने में लगे रहे। "इरिन" एक ऐतिहासिक त्रासदी है, जिसमें ओटोमन साम्राज्य के दौरान इरिन नामक एक महिला की कहानी को दर्शाया गया है, जो आत्मसंघर्ष और राजनीतिक साजिशों में उलझी रहती है।

हालांकि यह नाटक उनके जीवनकाल में मंचित हुआ, परंतु इसे बहुत ज्यादा सराहना नहीं मिली। प्रसिद्ध अभिनेता डेविड गैरिक ने इस नाटक का मंचन 1749 में लंदन के ड्रुरी लेन थियेटर में किया, लेकिन दर्शकों और समीक्षकों के बीच इसकी प्रतिक्रिया मिश्रित रही। यह जॉनसन की साहित्यिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, क्योंकि इसने उन्हें साहित्य के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की शुरुआत दी।

2. अ वॉयज टू एबिसिनिया (A Voyage to Abyssinia)

"अ वॉयज टू एबिसिनिया" सैमुअल जॉनसन का एक अनुवाद कार्य था, जिसे उन्होंने 1735 में प्रकाशित किया। यह किताब मूल रूप से पुर्तगाली लेखक फादर लोबो द्वारा लिखी गई थी और इथियोपिया (जिसे उस समय एबिसिनिया कहा जाता था) की यात्रा के विवरण को समाहित करती है। इस कार्य का मुख्य उद्देश्य इथियोपिया के संस्कृति, धर्म, और भूगोल के बारे में यूरोपीय पाठकों को जानकारी देना था।

जॉनसन ने इस पुस्तक का अनुवाद अपने लेखन करियर के शुरुआती चरण में किया, जब वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। यह अनुवाद उनके लिए एक व्यावहारिक कदम था, क्योंकि इससे उन्हें कुछ आर्थिक लाभ हुआ और साथ ही यह उनके गहन अध्ययनशील स्वभाव को भी दर्शाता है। इस पुस्तक ने जॉनसन के लेखन कौशल और अनुवाद कला को विकसित करने में मदद की और उनके आगे के लेखन कार्यों की नींव रखी।

3. लाइफ ऑफ मिस्टर रिचर्ड सैवेज (Life of Mr. Richard Savage)

"लाइफ ऑफ मिस्टर रिचर्ड सैवेज" 1744 में प्रकाशित हुई और यह सैमुअल जॉनसन की प्रारंभिक प्रमुख जीवनी रचना मानी जाती है। यह जीवनी उनके मित्र और विवादास्पद कवि रिचर्ड सैवेज पर आधारित है, जिनके साथ जॉनसन का व्यक्तिगत संबंध था। रिचर्ड सैवेज के जीवन में कई उतार-चढ़ाव थे, और उनकी जीवन कहानी ने जॉनसन को बहुत प्रभावित किया।

इस जीवनी में जॉनसन ने सैवेज के जीवन के संघर्षों, उनके कठिन बचपन, और उनके साहित्यिक करियर की जटिलताओं का विवरण दिया है। जॉनसन की लेखन शैली इस जीवनी में सरल लेकिन प्रभावी है, जो सैवेज के व्यक्तित्व और उनके जीवन की त्रासदियों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है। इस रचना ने जॉनसन को एक बेहतरीन जीवनलेखक के रूप में स्थापित किया और उनकी साहित्यिक प्रतिष्ठा को और मजबूत किया।

सैमुअल जॉनसन की जीवनी लेखन में नवाचार

सैमुअल जॉनसन को अंग्रेजी साहित्य में जीवनी लेखन की परंपरा में एक महत्वपूर्ण नवोन्मेषक माना जाता है। उन्होंने इस विधा में कई नए विचारों और तकनीकों का समावेश किया, जिससे उन्होंने जीवनी लेखन को एक नया दृष्टिकोण दिया। उनके कार्यों में विशेष रूप से "लाइफ ऑफ मिस्टर रिचर्ड सैवेज" और "लाइव्स ऑफ द पोएट्स" शामिल हैं, जो उनकी जीवनी लेखन शैली के उत्कृष्ट उदाहरण माने जाते हैं। आइए देखें कि सैमुअल जॉनसन ने जीवनी लेखन में कौन-कौन से नवाचार किए:

1. जीवनी को कहानी जैसा स्वरूप देना

सैमुअल जॉनसन ने जीवनी को केवल तथ्यों का संग्रह न मानकर उसे एक कहानी के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने पात्रों के जीवन के संघर्ष, संवेदनशीलता, और व्यक्तिगत अनुभवों को इस तरह से प्रस्तुत किया कि पाठक उनके साथ जुड़ सके। उनके लेखन में कहानी की सी निरंतरता और प्रवाह होता था, जिससे उनके द्वारा चित्रित व्यक्तियों का जीवन जीवंत और वास्तविक लगता था। इस दृष्टिकोण ने जीवनी लेखन को अधिक रोचक और सजीव बना दिया।

उदाहरण: "लाइफ ऑफ मिस्टर रिचर्ड सैवेज" में उन्होंने सैवेज के जीवन को केवल घटनाओं का वर्णन भर नहीं किया, बल्कि उनके जीवन की घटनाओं को भावनात्मक गहराई के साथ पेश किया, जिससे पाठक उनकी जटिलताओं और संघर्षों को समझ सके।

2. व्यक्तित्व की गहराई में उतरना

जॉनसन के लिए, जीवनी केवल बाहरी घटनाओं का वर्णन नहीं थी, बल्कि उन्होंने अपने पात्रों के आंतरिक व्यक्तित्व को भी उजागर किया। उन्होंने अपने विषयों की भावनाओं, विचारों, और प्रेरणाओं को सामने लाने का प्रयास किया। उनका मानना था कि किसी व्यक्ति के जीवन की सच्ची समझ तभी हो सकती है जब हम उसके आंतरिक संघर्षों और व्यक्तित्व की जटिलताओं को समझें।

उदाहरण: "लाइव्स ऑफ द पोएट्स" में उन्होंने न केवल कवियों की उपलब्धियों को वर्णित किया, बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन, विचारधाराओं, और रचनात्मक प्रक्रियाओं का भी विश्लेषण किया, जिससे पाठकों को उनके व्यक्तित्व की गहराई समझ में आ सके।

3. आलोचनात्मक दृष्टिकोण का समावेश

सैमुअल जॉनसन की जीवनी लेखन का एक और महत्वपूर्ण पहलू था उनका आलोचनात्मक दृष्टिकोण। उन्होंने अपने विषयों का केवल महिमामंडन नहीं किया, बल्कि उनकी कमजोरियों, असफलताओं, और खामियों को भी खुले तौर पर उजागर किया। यह दृष्टिकोण उनके लेखन को ईमानदार और यथार्थवादी बनाता है। जॉनसन का मानना था कि किसी व्यक्ति के जीवन की पूरी तस्वीर तभी पेश की जा सकती है जब उसकी अच्छाइयों और बुराइयों, दोनों को बराबर महत्व दिया जाए।

उदाहरण: "लाइफ ऑफ मिस्टर रिचर्ड सैवेज" में उन्होंने सैवेज की गलतियों और उनके जीवन के विवादास्पद पहलुओं को भी प्रमुखता से दर्शाया, जिससे जीवनी में संतुलित और वास्तविक दृष्टिकोण उभरता है।

4. विषय के जीवन के सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भों पर ध्यान

सैमुअल जॉनसन ने अपने विषयों के जीवन को समाज और संस्कृति के व्यापक संदर्भ में प्रस्तुत किया। उन्होंने यह दिखाने का प्रयास किया कि उनके पात्रों के जीवन में घटित घटनाएं उनके समय और समाज से कैसे प्रभावित थीं। इससे उनकी जीवनी केवल व्यक्तिगत जीवन का विवरण न रहकर एक व्यापक सामाजिक अध्ययन का रूप ले लेती थी।

उदाहरण: "लाइव्स ऑफ द पोएट्स" में उन्होंने न केवल कवियों के व्यक्तिगत जीवन का वर्णन किया, बल्कि उनके लेखन और विचारधारा को उनके समय और सामाजिक परिस्थितियों के संदर्भ में भी समझने का प्रयास किया।

5. व्यक्तियों के चरित्र का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण

जॉनसन ने जीवनी लेखन में मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण का समावेश भी किया। उन्होंने अपने पात्रों के व्यवहार, निर्णय, और कार्यों के पीछे छिपे मानसिक और भावनात्मक कारणों को उजागर करने का प्रयास किया। इससे उनके विषयों का व्यक्तित्व और भी अधिक सजीव और जटिल हो जाता था।

उदाहरण: "लाइफ ऑफ मिस्टर रिचर्ड सैवेज" में जॉनसन ने सैवेज के कठिन जीवन की परिस्थितियों को उनके मानसिक और भावनात्मक संघर्षों के माध्यम से समझने का प्रयास किया, जिससे उनकी जीवनी और भी प्रभावशाली बन गई।

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