गिलहरी: चंचल हरकतें और लम्बी पूंछ, पार्क की जान! अनोखे रोचक तथ्य Amazing Facts about Squirrel
गिलहरी (Squirrel) हमारे आस-पास पाए जाने वाले सबसे प्यारे और मनोरंजक जीवों में से एक है। ये छोटे, फुर्तीले जीव पेड़ों पर रहते हैं और अक्सर पार्कों और जंगलों में देखे जाते हैं। उनकी चंचल हरकतें और लम्बी पूंछ उन्हें देखने में बेहद आकर्षक बनाती हैं।
रोचक तथ्य By Tathya Tarang, Last Update Thu, 25 July 2024, Share via
गिलहरियों की विभिन्न प्रजातियाँ
दुनिया भर में गिलहरियों की 280 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत में पाए जाने वाली कुछ सामान्य गिलहरियों में शामिल हैं:
- भारतीय छछुंदर: यह भारत में सबसे आम गिलहरी है। ये भूरे रंग की होती हैं और इनके पेट का रंग सफेद होता है।
- भारतीय विशालकाय गिलहरी: जैसा कि नाम से पता चलता है, यह भारत की सबसे बड़ी गिलहरी है। ये गहरे भूरे रंग की होती हैं और इनकी पीठ पर सफेद धारियाँ होती हैं।
- इंडियन पाइगमी गिलहरी: यह भारत की सबसे छोटी गिलहरी है। ये गहरे भूरे रंग की होती हैं और इनकी आंखों के नीचे सफेद धब्बे होते हैं।
गिलहरियों का आहार
गिलहरी सर्वाहारी (omnivores) होती हैं, यानी ये बीज, मेवे, फल, कीड़े और कभी-कभी छोटे पक्षियों के अंडे भी खाती हैं। वे सर्दियों के लिए भोजन का संग्रह करने के लिए भी जानी जाती हैं। अक्सर आप इन्हें अपने गालों में मेवे ठुसे हुए देख सकते हैं।
गिलहरियों का व्यवहार
गिलहरी दिन में सबसे ज्यादा सक्रिय होती हैं। ये पेड़ों पर चढ़ने और कूदने में माहिर होती हैं। उनकी लंबी पूंछ उनके संतुलन बनाने में मदद करती है। गिलहरी आम तौर पर अकेली रहती हैं, लेकिन कभी-कभी इन्हें जोड़े में या छोटे समूहों में भी देखा जा सकता है।
हमारी जिंदगी में गिलहरियों का महत्व
गिलहरी हमारे पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पेड़ों पर बीज फैलाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है। पेड़ों पर चढ़ते समय ये अनजाने में अपने फर में बीज चिपका लेती हैं, और फिर अलग-अलग जगहों पर इन्हें गिरा देती हैं। इससे पेड़ों का फैलाव होता है। इसके अलावा, गिलहरी शिकार के लिए इनका शिकार करने वाले जानवरों के लिए भी आहार का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
गिलहरियों का संरक्षण
हालांकि गिलहरी आसानी से मिल जाने वाले जीव हैं, लेकिन जंगलों के कटाव और शहरीकरण के कारण इनके प्राकृतिक आवास कम होते जा रहे हैं। गिलहरियों का संरक्षण करने के लिए हम कुछ आसान चीजें कर सकते हैं, जैसे:
- पेड़ लगाना और पेड़ों को ना काटना
- पार्कों में गिलहरियों को परेशान न करना
- उनके भोजन के स्रोतों को नष्ट ना करना
तो अगली बार जब आप पार्क में हों, तो इन चंचल गिलहरियों को देखने के लिए कुछ समय निकालें। उनकी खूबसूरती और उनकी भूमिका की सराहना करें जो वे हमारे पर्यावरण को स्वस्थ रखने में निभाती हैं!
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1. अद्भुत संतुलन: गिलहरी की लंबी पूंछ सिर्फ सौंदर्य के लिए नहीं है! ये उनके संतुलन का काम करती है, जिससे वे पेड़ों पर फुर्ती से चढ़-कुद सकती हैं.
2. छिपाने की कला: गिलहरी अपने भोजन, जैसे मेवे, जमीन में गाड़कर छिपा देती हैं. बाद में भूख लगने पर वो अपनी शानदार याददाश्त से उन्हें वापस ढूंढ लेती हैं.
3. तेज दिमाग, तेज गति: कुछ गिलहरी प्रजातियाँ पेड़ों से कूदते समय हवा में दिशा बदल सकती हैं! ये उनकी तेज़ दिमाग और लचीले शरीर का कमाल है.
4. बिजली की रफ्तार: भारतीय छछुंदर (Indian Palm Squirrel) 48 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है, जो एक इंसान की औसत दौड़ से भी तेज है!
5. बातचीत का अनोखा तरीका: गिलहरी आपस में ऊंची आवाज़ों, क्लिक और भौंकने जैसी ध्वनियों के ज़रिए बातचीत करती हैं. ये आवाज़ें खतरे की चेतावनी या भोजन खोजने में मदद करती हैं.
6. सुपरहीरो जैसी ताकत: गिलहरी अपने शरीर के आकार से 6 गुना ज़्यादा वजन उठा सकती है! ये ताकत उन्हें मेवे इकट्ठा करने और शिकारियों से बचने में मदद करती है.
7. भूलने की बीमारी? नहीं!: ऐसा माना जाता था कि गिलहरी को कुछ ही सेकंड की याददाश्त होती है. लेकिन हालिया शोध बताते हैं कि वे जटिल भूलभुलैया को पार करने और महीनों बाद भी छुपाए गए भोजन को ढूंढने में सक्षम हैं.
8. विभिन्न प्रकार के घर: गिलहरी पेड़ों के खोखले भागों में, चट्टानों की दरारों में और यहां तक कि इमारतों के छेदों में भी अपना घर बनाती हैं. ये घोंसले पत्तियों, टहनियों और घास से बने होते हैं.
9. सर्दियों की तैयारी: सर्दियों के लिए भोजन का संग्रह करना गिलहरियों का स्वभाव है. ये मेवे और बीज इकट्ठा कर के पेड़ों की दरारों या जमीन में छिपा देती हैं.
10. पुनर्जन्म का मिथक: कुछ संस्कृतियों में गिलहरी को पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता है. शायद उनकी तेज दिमाग और छिपाने की कला के कारण ऐसा माना जाता है.
11. भोजन का चयन: गिलहरी सिर्फ मीठे मेवे ही नहीं खातीं! ये कच्चे फल, फूल, कीड़े और कभी-कभी छोटे पक्षियों के अंडे भी खाती हैं. ये सर्वाहारी (omnivores) जीव हैं.
12. रात के जासूस: हालांकि गिलहरी दिन में ज्यादा सक्रिय होती हैं, लेकिन कुछ प्रजातियां रात में भी भोजन ढूंढने के लिए निकलती हैं. उनकी बड़ी आंखें कम रोशनी में भी देखने में उनकी मदद करती हैं.
13. कानों का कमाल: गिलहरी के कान उनकी आंखों के बराबर घूम सकते हैं! इससे उन्हें शिकारियों की आहट सुनने में मदद मिलती है, चाहे वो किसी भी दिशा से आ रहे हों.
14. माँ गिलहरी का प्यार: गिलहरी की माँएं अपने बच्चों की देखभाल बहुत प्यार से करती हैं. वो उन्हें दूध पिलाती हैं, उनके घोंसले को साफ रखती हैं और उन्हें खतरे से बचाती हैं.
15. बच्चों का खेल: गिलहरी के बच्चे पेड़ों पर चढ़ने-कूदने का अभ्यास करते हुए आपस में खूब खेलते हैं. ये खेल उन्हें मजबूत और फुर्तीला बनने में मदद करते हैं.
16. एकाकी जीवन: ज्यादातर गिलहरी अकेले रहना पसंद करती हैं. सिर्फ मating सीजन में या बच्चों की देखभाल के लिए ही ये जोड़े में रहती हैं.
17. पूंछ का संकेत: गिलहरी अपनी पूंछ का इस्तेमाल संकेत देने के लिए भी करती हैं. सीधी खड़ी पूंछ खुशी या आराम का संकेत देती है, जबकि फुदकती हुई पूंछ खतरे की चेतावनी हो सकती है.
18. कमाल की याददाश्त: हालिया अध्ययनों से पता चला है कि गिलहरी 50 से ज्यादा अलग-अलग पेड़ों को पहचान सकती हैं और उन्हें भोजन के स्रोत के रूप में याद रख सकती हैं.
19. अनोखी आवाज़ें: गिलहरी कई तरह की आवाजें निकाल सकती हैं, जैसे कि चहचहाना, भौंकना, फुसफुसाना और क्लिक करना. ये आवाजें उनके आपसी संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
20. पर्यावरण के रखवाले: पेड़ों पर बीज फैलाने में गिलहरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ये मेवे खाती हैं और उनके बीज जमीन पर गिर जाते हैं, जिससे नए पेड़ उगते हैं.
गिलहरी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
सुविधा | विवरण |
आवास | पेड़, जंगल, पार्क, चट्टानें |
आहार | मेवे, बीज, फल, कीड़े, कभी-कभी छोटे पक्षियों के अंडे (सर्वाहारी) |
विशेषताएं | फुर्तीली, तेज दिमाग, अच्छा संतुलन, लंबी पूंछ |
प्रजातियां | 280 से अधिक |
पाए जाने वाले स्थान | दुनिया भर में पाए जाते हैं, भारत में भी कई प्रजातियां पाई जाती हैं |
संतान | एक बार में 2-4 बच्चे पैदा करती हैं |
आयु | जंगली में 6-10 साल, पालतू में 12 साल तक |
संवाद | ऊंची आवाज़ें, क्लिक और भौंकने जैसी ध्वनियां |
शिकारी | सांप, बाज, लोमड़ी |
पर्यावरण में भूमिका | पेड़ों पर बीज फैलाना |
इस तालिका के अलावा, गिलहरियों के बारे में कुछ और रोचक तथ्य भी हैं:
- गिलहरी अपने शरीर के आकार से 6 गुना ज्यादा वजन उठा सकती हैं.
- कुछ गिलहरी हवा में कूदते समय दिशा बदल सकती हैं.
- ये सर्दियों के लिए भोजन का संग्रह करती हैं.
- गिलहरी की माँएं अपने बच्चों की देखभाल बहुत प्यार से करती हैं.
- हालिया अध्ययनों से पता चला है कि गिलहरी 50 से ज्यादा अलग-अलग पेड़ों को पहचान सकती हैं.
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आपने गिलहरियों के बारे में बहुत कुछ पढ़ लिया है, लेकिन शायद ये अनसुने तथ्य आपको चौंका दें!
अंतरिक्ष यात्री गिलहरी: 1960 के दशक में, रूस ने अंतरिक्ष यात्रा के लिए गिलहरी को प्रशिक्षित करने की कोशिश की थी. ये देखना था कि अंतरिक्ष में रहने का वायुमंडल पर क्या प्रभाव पड़ता है.
पानी वाली गिलहरी: दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाने वाली मलयेशियाई विशाल गिलहरी तैरना बहुत अच्छी जानती है. ये पानी में मछली पकड़ने और नदी पार करने के लिए भी जानी जाती हैं!
विद्युत संदेश: कुछ शोध बताते हैं कि गिलहरी अपनी पूंछ के जरिए विद्युत संदेश भेज सकती हैं. ये संदेश उन्हें आपस में संवाद करने में मदद कर सकते हैं.
स्वर्णिम गिलहरी: उत्तरी अमेरिका में पाई जाने वाली एक दुर्लभ गिलहरी प्रजाति का फर सुनहरे रंग का होता है! इन्हें गोल्डन-मैन्टल्ड ग्राउंड स्क्विरेल कहा जाता है.
नकली मौत का नाटक: खतरे का सामना करने पर कुछ गिलहरी प्रजातियां मृत होने का नाटक करती हैं. इससे शिकारी उन्हें मारने की बजाय छोड़ देते हैं.
पत्तियां खाने वाली गिलहरी: अफ्रीका में रहने वाली टुपाई (Tupaia) नामक गिलहरी की एक प्रजाति मुख्य रूप से कीड़े और फल खाने के साथ-साथ पत्तियां भी खाती है. ये एक सर्वाहारी (omnivore) होने के साथ-साथ मांसाहारी (carnivore) भी है.
गीतकार गिलहरी: कुछ दक्षिण अमेरिकी गिलहरी प्रजातियां सुंदर गीत गाती हैं. नर गिलहरी मादा को आकर्षित करने के लिए ये गीत गाते हैं.
बारिश का पता लगाना: कुछ गिलहरी प्रजातियां अपनी पूंछ के जरिए हवा में आने वाले बदलावों को महसूस कर सकती हैं और आने वाली बारिश का पता लगा लेती हैं.
दो दिमाग, एक शरीर!: कुछ दुर्लभ मामलों में, जुड़वां गिलहरी का जन्म हो सकता है जिनका शरीर एक होता है, लेकिन दो अलग-अलग दिमाग होते हैं! ये गिलहरी एक ही शरीर में दो अलग-अलग दिमागों के नियंत्रण में रहती हैं.
अंग्रेजी शब्द की उत्पत्ति: अंग्रेजी भाषा का शब्द "squirrel" ग्रीक शब्द "skiouros" से आया है, जिसका अर्थ है "छायादार पूंछ". ये गिलहरी की झाड़ियों के बीच छिपने की आदत और उनकी बड़ी, झाड़ीनुमा पूंछ को दर्शाता है.
गिलहरी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQs)
गिलहरी प्यारे जीव हैं, लेकिन उनके बारे में आपके मन में कई सवाल हो सकते हैं. आइए, गिलहरियों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवालों के जवाब जानते हैं:
1. गिलहरी पेड़ों पर कैसे चढ़ती हैं?
उनके पैरों में नुकीले पंजे होते हैं जो पेड़ की छाल को पकड़ने में उनकी मदद करते हैं. साथ ही, उनकी लंबी पूंछ उनके संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
2. गिलहरी क्या खाती हैं?
गिलहरी सर्वाहारी (omnivores) होती हैं, यानी ये कई तरह का भोजन खाती हैं. इनका मुख्य आहार मेवे, बीज और फल हैं. इसके अलावा ये कीड़े और कभी-कभी छोटे पक्षियों के अंडे भी खा सकती हैं.
3. गिलहरी कितनी तेज दौड़ सकती हैं?
कुछ गिलहरी प्रजातियां काफी तेज दौड़ सकती हैं. उदाहरण के लिए, भारतीय छछुंदर (Indian Palm Squirrel) 48 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है, जो एक इंसान की औसत दौड़ से भी तेज है!
4. गिलहरी कितने बच्चों को जन्म देती हैं?
एक बार में गिलहरी आम तौर पर 2 से 4 बच्चों को जन्म देती है. ये बच्चे अंधे और बाल रहित पैदा होते हैं और कुछ हफ्तों में ही वे देखने लगते हैं और अपना भोजन ढूंढना सीख लेते हैं.
5. गिलहरी की उम्र कितनी होती है?
जंगली में गिलहरी की औसत उम्र 6 से 10 साल के बीच होती है. हालांकि, पालतू गिलहरी अच्छी देखभाल के साथ 12 साल तक भी जीवित रह सकती हैं.
6. क्या गिलहरी को पालतू बनाया जा सकता है?
कुछ देशों में गिलहरी को पालतू बनाना अवैध है. भारत में भी इसकी वैधता को लेकर स्पष्ट कानून नहीं हैं. इसके अलावा, गिलहरी जंगली जीव हैं और उन्हें पालतू बनाना मुश्किल हो सकता है. उनके लिए उपयुक्त वातावरण दे पाना भी चुनौतीपूर्ण है.
7. गिलहरियों का पर्यावरण के लिए क्या महत्व है?
गिलहरी पर्यावरण के लिए कई तरह से महत्वपूर्ण हैं. ये पेड़ों पर बीज फैलाने में अहम भूमिका निभाती हैं. मेवे खाते समय बीज उनके गालों में चिपक जाते हैं, और फिर अलग-अलग जगहों पर गिर जाते हैं, जिससे नए पेड़ उगने में मदद मिलती है.
8. क्या गिलहरी इंसानों को काटती हैं?
गिलहरी आमतौर पर इंसानों को काटने की कोशिश नहीं करतीं. हालांकि, अगर उन्हें खतरा महसूस होता है या वे खुद को फंसा हुआ पाती हैं, तो वे काट सकती हैं. इसलिए, जंगली गिलहरियों को छेड़ने या पकड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
9. गिलहरी किस आवाजें निकालती हैं?
गिलहरी आपस में बातचीत करने के लिए कई तरह की आवाजें निकालती हैं, जैसे कि चहचहाना, भौंकना, फुसफुसाना और क्लिक करना. ये आवाजें खतरे की चेतावनी, भोजन खोजने में मदद या आपसी संकेत हो सकती हैं.