छिपकलियों के बारे में वैज्ञानिक रोचक तथ्य
छिपकलियाँ (Lizards) प्रकृति के सबसे दिलचस्प जीवों में से एक हैं। इन्हें हम अक्सर घरों की दीवारों, पेड़ों या जंगलों में देखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि छिपकलियों की दुनिया वैज्ञानिक रहस्यों और रोचक तथ्यों से भरी हुई है? आइए जानते हैं chipkali ke bare me rochak tathya, जो आपको जरूर चौंका देंगे।
छिपकलियों की अनेक प्रजातियां
दुनिया भर में लगभग 6,000 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। ये विभिन्न आकार और रंगों में देखने को मिलती हैं। कुछ छोटी छिपकलियाँ आपकी उंगली के नाखून जितनी छोटी होती हैं, वहीं इगुआना (Iguana) जैसी बड़ी छिपकलियाँ कई फीट लंबी हो सकती हैं।
गिरगिट – रंग बदलने का हुनर
छिपकलियों में सबसे खास है गिरगिट (Chameleon), जो अपने वातावरण के अनुसार रंग बदलने की क्षमता रखता है। यह हुनर उन्हें शिकारियों से बचाता है और शिकार को पकड़ने में भी मदद करता है।
पुनः जन्म लेने वाली पूंछ
छिपकलियों की एक अनोखी क्षमता है पूंछ छोड़ना। खतरा महसूस होने पर वे अपनी पूंछ अलग कर देती हैं, जो कुछ देर तक हिलती रहती है और शिकारी का ध्यान भटकाती है। बाद में छिपकली की पूंछ फिर से उग आती है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में regeneration कहते हैं।
छिपकलियों के पैर और उनकी चाल
छिपकलियों के पैरों में मौजूद सूक्ष्म बाल (microscopic hair) उन्हें दीवारों और छत पर चढ़ने में मदद करते हैं। यही कारण है कि घर की छत पर दौड़ती हुई छिपकली आसानी से नहीं फिसलती।
कुछ छिपकलियाँ उड़ भी सकती हैं
जी हां! Flying Lizards नाम की कुछ प्रजातियां पेड़ से पेड़ तक जाने के लिए अपनी त्वचा की तह को फैला कर झिल्ली बना लेती हैं और हवा में glide करती हैं। ये अद्भुत क्षमता उन्हें दूसरे जीवों से अलग बनाती है।
छिपकलियों के अनजाने और रोमांचकारी तथ्य
मांसाहारी और शाकाहारी दोनों
छिपकलियों की दुनिया बहुत विविध है। कुछ पूरी तरह मांसाहारी होती हैं और कीड़े-मकोड़े खाती हैं, वहीं कुछ शाकाहारी छिपकलियाँ केवल फल, फूल और पत्तियों का सेवन करती हैं।
रेगिस्तान की मछली खाने वाली छिपकली
ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में Monster Leathery नामक छिपकली पाई जाती है, जो अपने से कई गुना बड़ी मछलियों का भी शिकार कर सकती है।
कोमोदो ड्रैगन का मातृत्व भाव
Komodo Dragon दुनिया की सबसे बड़ी छिपकली है। ये अपने अंडों को दबाकर गर्म रखती हैं और बच्चों के निकलने के बाद उनकी protection भी करती हैं।
छिपकली का छठा Sense – "थर्ड आई"
कुछ छिपकलियों के सिर पर एक अतिरिक्त अंग होता है, जिसे "Third Eye" कहा जाता है। यह पराबैंगनी किरणों को महसूस कर शरीर का तापमान नियंत्रित करने में मदद करता है।
आवाज नहीं, फिर भी संचार
छिपकलियाँ आवाज नहीं निकाल सकतीं। ये बॉडी लैंग्वेज और रंग बदलने के जरिए एक-दूसरे से संवाद करती हैं।
छिपकलियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
| प्रजातियों की संख्या | लगभग 6,000 से अधिक |
| आकार | बहुत छोटी से लेकर इगुआना जैसी बड़ी |
| रंग बदलना | गिरगिट जैसी प्रजातियों की खासियत |
| पूंछ छोड़ना | शिकारियों को भ्रमित करने का तरीका |
| पैरों की बनावट | दीवारों पर चढ़ने के लिए सूक्ष्म बाल |
| उड़ने वाली छिपकली | त्वचा की तह से झिल्ली बनाकर glide करती हैं |
| भोजन की आदतें | मांसाहारी और शाकाहारी दोनों |
| रेगिस्तानी छिपकली | Monster Leathery मछली भी खाती है |
| कोमोदो ड्रैगन | अंडों को सुरक्षित रखता है और बच्चों की रक्षा करता है |
| थर्ड आई | पराबैंगनी किरणों को देखने और तापमान नियंत्रित करने वाला अंग |
| संवाद | आवाज की जगह बॉडी लैंग्वेज और रंग बदलना |
| त्वचा बदलना | Exdysis प्रक्रिया से सुरक्षा और वृद्धि |
| आंखों की संरचना | तीन पलकें – ऊपर, नीचे और पारदर्शी पलक |
| पुनरुत्पादन | कुछ प्रजातियों में Parthenogenesis |
| कर्ण झिल्ली | बाहरी कान नहीं, आंतरिक झिल्ली से कंपन महसूस |
| शरीर का तापमान | Cold-blooded – धूप और छाया से नियंत्रित |

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