छोटी मछली, बड़ा स्वाद! एंकोवी के बारे में कुछ दिलचस्प और अनोखी बातें Interesting Anchovy Fish Facts
एंकोवी, ये छोटी सी चमकीली मछली भले ही दिखने में साधारण लगे, लेकिन इसके बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे! दुनिया भर में कई व्यंजनों का ये एक लाजवाब सीक्रेट है, तो आइए जानते हैं एं...

रोचक तथ्य Last Update Sat, 05 October 2024, Author Profile Share via
चांदी सी चमक, नीला साया:
एंकोवी, ये छोटी सी चमकीली मछली भले ही दिखने में साधारण लगे, लेकिन इसके बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे! एंकोवी का शरीर हरे रंग का होता है, लेकिन उस पर चांदी की एक लंबी धारी सी होती है जो सूर्य की रोशनी में नीलापन लिए चमकती है। मानो प्रकृति ने इस छोटी मछली को एक खूबसूरत ओढ़नी पहना दी हो!
छोटे पर दमदार:
ये मछली भले ही सिर्फ 2 से 15 सेंटीमीटर लंबी होती है, परन्तु समुद्र के भोजन श्रृंखला (food chain) में इनका बहुत बड़ा महत्व है। व्हेल, डॉल्फिन जैसी बड़ी जीव से लेकर कई तरह की मछलियां इन्हें अपना भोजन बनाती हैं।
समुद्र का सफर, जाल में ठहर:
एंकोवी मछलियाँ बड़े झुंडों में रहती हैं। ये अक्सर रात के समय चांद की रोशनी में चमकने लगती हैं, जिससे मछुआरों को इन्हें पकड़ना आसान हो जाता है।
पोषण का खजाना:
एंकोवी का स्वाद भले ही थोड़ा तेज हो, पर ये ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, कैल्शियम और विटामिनों का भरपूर स्रोत हैं। इन्हें अक्सर डिब्बाबंद या नमक में सुरक्षित करके रखा जाता है और भूमध्यसागरीय क्षेत्र के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है।
पिज्जा का गुप्त राज:
क्या आप जानते हैं, इटली की प्रसिद्ध पिज्जा में इस्तेमाल होने वाला वह नमकीन पेस्ट, जिसे एंचोवी पेस्ट कहते हैं, दरअसल इन्हीं छोटी मछलियों से बनाया जाता है! ये पेस्ट पिज्जा को एक खास तरह का स्वाद और लज़्ज़त देता है।
एंकोवी- लाखों की भीड़, अकेलापन का शौक: एंकोवी मछलियां लाखों के झुंड में रहती हैं, लेकिन ये अकेलेपन को भी पसंद करती हैं। शिकारियों से बचने के लिए ये झुंड इतना घना हो जाता है कि हर मछली को लगता है वो अकेली है और शिकारी को उसे ढूंढना मुश्किल होगा।
एंकोवी- प्रेम का अनोखा नाटक: मानसून का मौसम आते ही नर एंकोवी मछली मादाओं को आकर्षित करने के लिए एक खास चमकीला पदार्थ छोड़ती है। इस रोशनी के सहारे मादाएं नर को ढूंढ लेती हैं और फिर मिलन होता है।
एंकोवी- सुपर माइग्रेशन: हर साल लाखों की संख्या में एंकोवी मछलियां लंबे सफर पर निकलती हैं। ये ठंडे पानी से गर्म पानी की ओर जाती हैं, जहां भोजन की अधिकता होती है। ये यात्रा हज़ारों किलोमीटर लंबी हो सकती है।
एंकोवी- पर्यावरण का सूचक: एंकोवी की मात्रा समुद्र के स्वास्थ्य का सूचक मानी जाती है। अगर किसी इलाके में एंकोवी की संख्या कम हो रही है तो ये प्रदूषण या अन्य पर्यावरणीय समस्याओं का संकेत हो सकता है।
एंकोवी के बारे में अनोखी बातें जानने के बाद, अब सवाल उठता है कि आखिर इनका स्वाद कैसा होता है और इन्हें खाया भी जाता है? तो बता दें, एंकोवी का स्वाद थोड़ा नमकीन और तेज होता है। इन्हें अक्सर ताजा खाने के बजाय डिब्बाबंद या नमक में सुरक्षित करके रखा जाता है। भूमध्यसागरीय क्षेत्र के कई व्यंजनों में एंकोवी का इस्तेमाल किया जाता है। इटली की प्रसिद्ध पिज्जा में इस्तेमाल होने वाला एंचोवी पेस्ट इन्हीं मछलियों से बनता है। यह पेस्ट पिज्जा को एक खास तरह का नमकीन और गहरा स्वाद देता है। इसके अलावा, सॉस, सूप और पास्ता में भी एंकोवी का इस्तेमाल किया जाता है।
हालांकि एंकोवी का स्वाद सभी को पसंद न आए, लेकिन इनके स्वास्थ्य लाभों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एंकोवी ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, कैल्शियम और विटामिनों का भरपूर स्रोत हैं। ये फैटी एसिड्स दिल के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। तो अगली बार जब आप पिज्जा खाएं या किसी भूमध्यसागरीय व्यंजन का स्वाद लें, तो याद रखें कि हो सकता है आपने अनजाने में एंकोवी के जादू का अनुभव किया हो!
एंकोवी (Anchovy) - FAQs
एंकोवी के बारे में पढ़ने के बाद आपके मन में कुछ सवाल जरूर उठे होंगे। तो चलिए जवाब ढूंढते हैं एंकोवी से जुड़े कुछ आम सवालों के:
क्या एंकोवी खाने योग्य होती हैं?
हां, बिल्कुल! एंकोवी को अक्सर ताजा खाने के बजाय डिब्बाबंद या नमक में सुरक्षित करके रखा जाता है। भूमध्यसागरीय क्षेत्र के कई व्यंजनों में इसका इस्तेमाल किया जाता है, खासकर पिज्जा के एंचोवी पेस्ट में।
एंकोवी का स्वाद कैसा होता है?
एंकोवी का स्वाद थोड़ा नमकीन और तेज होता है। शायद यही वजह है कि हर किसी को ये पसंद न आए।
एंकोवी खाने के क्या फायदे हैं?
एंकोवी भले ही छोटी हों, लेकिन ये ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, कैल्शियम और विटामिनों का भरपूर स्रोत हैं। ये फैटी एसिड्स दिल के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
क्या एंकोवी की तादाद समुद्र के स्वास्थ्य का सूचक है?
हां, एंकोवी की मात्रा को समुद्र के स्वास्थ्य का सूचक माना जाता है। अगर किसी इलाके में एंकोवी की संख्या कम हो रही है तो ये प्रदूषण या अन्य पर्यावरणीय समस्याओं का संकेत हो सकता है।
एंकोवी इतने बड़े झुंड में क्यों रहती हैं?
एंकोवी लाखों के झुंड में रहती हैं ताकि शिकारियों से बचाव हो सके। इतना घना झुंड बनने से हर मछली को अकेलापन महसूस होता है, जिससे शिकारी को उसे ढूंढना मुश्किल हो जाता है।
एंकोवी कितनी बड़ी होती हैं?
एंकोवी बहुत छोटी मछलियां होती हैं। ये सिर्फ 2 से 15 सेंटीमीटर लंबी ही होती हैं।
क्या एंकोवी का कोई रंग होता है?
एंकोवी का शरीर हरे रंग का होता है, लेकिन उस पर चांदी की एक लंबी धारी सी होती है। सूर्य की रोशनी में ये धारी नीलापन लिए चमकती है।
क्या रात में एंकोवी का शिकार करना आसान होता है?
हां, एंकोवी का शरीर रात के समय चांद की रोशनी में चमकने लगता है, जिससे मछुआरों को इन्हें पकड़ना आसान हो जाता है।
एंकोवी इतनी दूर का सफर क्यों तय करती हैं?
हर साल लाखों की संख्या में एंकोवी ठंडे पानी को छोड़कर गर्म पानी की ओर जाती हैं। ये यात्रा हज़ारों किलोमीटर लंबी हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्म पानी में इन्हें भोजन की अधिकता मिलती है।
क्या एंकोवी का प्रजनन का कोई खास तरीका होता है?
मानसून का मौसम आते ही नर एंकोवी मछली मादाओं को आकर्षित करने के लिए एक खास चमकीला पदार्थ छोड़ती है। इस रोशनी के सहारे मादाएं नर को ढूंढ लेती हैं और फिर मिलन होता है।
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