कंगारू: ऑस्ट्रेलिया का अनोखा पाउच वाला जनावर! Interesting Kangaroo Facts in Hindi
कंगारू ऑस्ट्रेलिया की धरती पर कूदते-फांदते पाए जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित जानवरों में से एक है। इसकी मजबूत पिछली टांगें और लंबी पूंछ इसे मैदानों पर तेजी से कूदने में मदद करती हैं। लेकिन कंगारू के बारे में जानने के लिए कूदने से कहीं ज्यादा चीजें हैं!
रोचक तथ्य By Tathya Tarang, Last Update Sat, 05 October 2024, Share via
कंगारू: ऑस्ट्रेलिया का अनोखा पाउच वाला जनावर!
1. अद्भुत कूद: कंगारू अपनी शक्तिशाली पिछली टांगों की बदौलत एक ही छलांग में 9 मीटर (30 फीट) तक की दूरी तय कर सकता है। ये गति उन्हें शिकारियों से बचने में मदद करती है।
2. असमान पैर: आपने गौर किया होगा कि कंगारू के अगले पैर छोटे और कमजोर होते हैं, जबकि पिछले पैर लंबे और ताकतवर होते हैं। यह असमानता उन्हें संतुलन बनाने और ऊंचाई तक छलांग लगाने में मदद करती है।
3. पूंछ का सहारा: कंगारू की लंबी पूंछ सिर्फ सौंदर्य के लिए नहीं है। यह संतुलन बनाए रखने और कूदने के दौरान दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
4. मातृत्व की अनोखी कहानी: कंगारू मादाएं गर्भवती होने पर एक छोटे से, अविकसित बच्चे को जन्म देती हैं। यह बच्चा फिर माँ की तख्ती (पाउच) की तरफ कूदता है और वहीं रहकर दूध पीकर विकसित होता है।
5. बॉक्सिंग की कला: नर कंगारू अक्सर मादाओं के साथी बनने के लिए आपस में लड़ते हैं। ये मुक्केबाजी की तरह लड़ते हैं, अपने मजबूत अगले पैरों और पैरों का इस्तेमाल एक-दूसरे को घूंसे मारने के लिए करते हैं।
6. कंगारू की विभिन्न प्रजातियां: आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, लेकिन वास्तव में कंगारू की कई प्रजातियां हैं! रेड कंगारू सबसे बड़ी प्रजाति है, जबकि वॉलबी और मारा छोटी कंगारू प्रजातियां हैं।
7. कूदने की रफ्तार: रेड कंगारू न सिर्फ सबसे बड़ा कंगारू है, बल्कि सबसे तेज कूदने वाला भी है। ये 70 किलोमीटर प्रति घंटे (43 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से दौड़ सकते हैं।
8. कंगारू का सामाजिक जीवन: कंगारू आमतौर पर छोटे समूहों में रहते हैं जिन्हें "मोब" कहा जाता है। ये समूह मुख्य रूप से मादाओं और उनके बच्चों से बने होते हैं, जबकि नर अकेले रहते हैं।
9. कंगारू के शिकारी: हालांकि कंगारू शक्तिशाली कूदने की क्षमता रखते हैं, लेकिन जंगली कुत्तों और डिंगो जैसे शिकारी इनका शिकार करते हैं।
10. ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय चिन्ह: कंगारू ऑस्ट्रेलिया का एक प्रतीक है और इसे देश के राष्ट्रीय चिन्हों में से एक माना जाता है।
कंगारू के अनसुने रोचक तथ्य
कंगारू को हम उनके लंबे उछाल और थैली में रहने वाले बच्चों के लिए जानते हैं, लेकिन इन अद्भुत जीवों के बारे में कई अनसुने रोचक तथ्य भी हैं! आइए उनमे से कुछ को जानते हैं:
1. कंगारू की जुबान का अनोखा उपयोग:कंगारू अपनी जीभ को नाक साफ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं! इतना ही नहीं, कुछ प्रजातियां सूखे के दौरान पेड़ों से नमी चाटने के लिए भी अपनी लंबी जीभ का उपयोग करती हैं।
2. कंगारू का "बॉक्सिंग मैच": नर कंगारू अक्सर मादाओं के साथी बनने के हक के लिए आपस में लड़ते हैं। लेकिन ये मुकाबले मुक्केबाजी की तरह सिर्फ घूंसों से नहीं लड़े जाते। वे अपने मजबूत अगले पैरों के साथ एक-दूसरे को लात मारने और धक्का देने का भी सहारा लेते हैं।
3. कंगारू तैरना भी जानते हैं! भले ही कंगारू जमीन पर तेज़ कूदने के लिए जाने जाते हैं, ये अच्छे तैर भी हो सकते हैं। गर्म मौसम में वे खुद को ठंडा रखने के लिए पानी में तैरना पसंद करते हैं।
4. शोरगुल करने वाले कंगारू: कंगारू बहुत शांत जीव नहीं होते हैं। वे आपस में बातचीत करने के लिए विभिन्न प्रकार की आवाज़ें निकालते हैं। कुछ ध्वनियां खर्राटे जैसी होती हैं, जबकि कुछ क्लिक या फुफकार जैसी होती हैं।
5. "कंगारू कोर्ट": जब किसी कंगारू को लगता है कि उसके साथ गलत व्यवहार किया गया है, तो वे एक दिलचस्प क्रिया करते हैं। वे अपने पिछले पैरों पर खड़े हो जाते हैं और अपने अगले पैरों को हवा में लहराते हैं, जिसे "कंगारू कोर्ट" (Kangaroo Court) के नाम से जाना जाता है।
6. सुनने की अद्भुत क्षमता: कंगारू के कान 360 डिग्री घूम सकते हैं! यह उन्हें अपने परिवेश से आने वाली सभी ध्वनियों को सुनने में मदद करता है, खासकर शिकारियों से बचने के लिए।
7. जुड़वा बच्चों का अनोखा मामला: कुछ कंगारू मादाएं एक साथ दो निषेचित अंडाणु (जुड़वां) पैदा कर सकती हैं। लेकिन, दिलचस्प बात यह है कि वह केवल एक ही बच्चे को जन्म देती है। दूसरा भ्रूण तब तक निष्क्रिय रहता है जब तक कि पहला जवान होकर थैली से बाहर न आ जाए। यदि पहला बच्चा मर जाता है, तो दूसरा भ्रूण विकसित होना शुरू हो जाता है।
8. कंगारू अपना तापमान नियंत्रित कर सकते हैं: कुत्तों की तरह, कंगारू भी पसीना नहीं बहा सकते। तो वे अपने शरीर का तापमान कैसे नियंत्रित करते हैं? वे अपने कानों को चाटते हैं! कानों में रक्त वाहिकाएं होती हैं, और इन्हें चाटने से गर्मी बाहर निकलती है और शरीर ठंडा रहता है।
9. कंगारू की "सुपर हीरो लैंडिंग": कंगारू इतनी ऊंचाई से छलांग लगा सकते हैं, लेकिन कभी चोट क्यों नहीं लगती? इसका राज है उनकी मजबूत पूंछ और पैरों की खास बनावट। ये एक कुशन का काम करते हैं जिससे ऊंचाई से गिरने पर उन्हें चोट नहीं लगती।
10. भाग्यशाली कंगारू पैर: ऑस्ट्रेलिया में कंगारू का पैर एक भाग्यशाली वस्तु माना जाता है। यहां तक कि कुछ लोग इसे अपने बटुए में भी रखते हैं, यह विश्वास करते हुए कि इससे उन्हें धन प्राप्त होगा।
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आइए कंगारू के बारे में कुछ और अनोखे और दिलचस्प बातें जानते हैं:
1. कंगारू का "मूड स्विंग" वाला थैली का बच्चा: कंगारू का बच्चा, जिसे "जॉय" (Joey) कहा जाता है, अपनी माँ की थैली के अंदर तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब जॉय को ठंड लगती है, तो वह माँ की थैली के अंदर फर की तरफ जाता है। वहीं, गर्मी लगने पर कम फर वाले हिस्से की तरफ चला जाता है।
2. कंगारू की "दोहरी गर्भावस्था": कुछ कंगारू प्रजातियों में एक अनोखी प्रजनन प्रणाली होती है जिसे "एम्ब्रियोनिक डायपॉज" (Embryonic Diapause) कहते हैं। इसमें मादा एक निषेचित अंडाणु (भ्रूण) को गर्भ में रखते हुए दूसरे को विकसित होने से रोक देती है। लेकिन, अगर पहला जॉय मर जाता है या थैली से बाहर निकल जाता है, तो यह निष्क्रिय भ्रूण फिर से विकसित होना शुरू हो जाता है। यह मादा को जल्दी से जल्दी संतान पैदा करने में मदद करता है।
3. कंगारू जो "पूर्वजान" रखते हैं! कंगारू पृथ्वी पर पाए जाने वाले कुछ ऐसे स्तनधारी हैं जिनके नरों में "पूर्वजान" (Scrotum) शरीर के बाहर स्थित होता है। ऐसा माना जाता है कि इससे उनके शरीर का तापमान नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
4. कंगारू के "गुप्त हथियार": भले ही कंगारू शाकाहारी होते हैं, लेकिन खतरे में महसूस करने पर वे अपने मजबूत पिछले पैरों से शक्तिशाली लात मार सकते हैं या अपने पंजों से गंभीर चोट पहुंचा सकते हैं।
5. कंगारू और आदिवासी लोगों का संबंध: ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी लोगों के लिए कंगारू सदियों से भोजन, वस्त्र और औजारों का एक महत्वपूर्ण स्रोत रहे हैं। उनके पास कंगारुओं से जुड़े कई कहानियां और मिथक भी हैं।
कंगारू के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs about Kangaroos in Hindi)
1. कंगारू ऑस्ट्रेलिया के अलावा और कहाँ पाए जाते हैं?
दिलचस्प बात यह है कि कंगारू प्राकृतिक रूप से केवल ऑस्ट्रेलिया और कुछ आसपास के द्वीपों जैसे कि टस्मानिया में ही पाए जाते हैं। हालांकि, कुछ मानव गतिविधियों के कारण इन्हें न्यू गिनी जैसे कुछ इलाकों में भी पाया जा सकता है, लेकिन यह उनकी प्राकृतिक रहने की जगह नहीं है।
2. क्या कंगारू रेगिस्तान में रहते हैं?
भले ही ऑस्ट्रेलिया में कुछ रेगिस्तानी इलाके हैं, लेकिन ज्यादातर कंगारू घास के मैदानी इलाकों, जंगलों और झाड़ियों वाले क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं। इन इलाकों में उन्हें भोजन और आश्रय आसानी से मिल जाता है।
3. कंगारू कितने समय तक जीवित रह सकते हैं?
कंगारू की उम्र उनकी प्रजाति के अनुसार काफी भिन्न होती है। आमतौर पर, बड़ी प्रजातियां, जैसे कि रेड कंगारू, 20 साल तक जीवित रह सकती हैं। वहीं, छोटी प्रजातियां 10-12 साल तक जीवित रह पाती हैं।
4. क्या कंगारू मांसाहारी होते हैं?
नहीं, कंगारू शाकाहारी होते हैं। ये अपने भोजन के लिए घास, पत्तियां, फल और फूल खाते हैं। उनके दांत घास और पत्तियों को चबाने के लिए अनुकूलित होते हैं।
5. क्या कंगारू खतरनाक होते हैं?
आमतौर पर, कंगारू इंसानों से बचते हैं। हालांकि, अगर वे खतरे में महसूस करते हैं या उन्हें लगता है कि उनका बच्चा खतरे में है, तो वे आक्रामक हो सकते हैं और अपने मजबूत पैरों से लात मार सकते हैं या खरोंच सकते हैं।
6. क्या कंगारू पालतू जानवर के रूप में रखे जा सकते हैं?
कुछ छोटी कंगारू प्रजातियां को विशेष परमिट के साथ पालतू जानवर के रूप में रखा जा सकता है, लेकिन ज्यादातर देशों में यह गैरकानूनी है। कंगारू जंगली जानवर होते हैं और उन्हें कैद में रखना उनके स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए अच्छा नहीं होता।
7. ऑस्ट्रेलिया में कंगारू का क्या महत्व है?
कंगारू ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय चिन्ह है और देश की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये ऑस्ट्रेलिया के पारिस्थितिकी तंत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। घास के मैदानों में घूमते हुए ये बीजों को फैलाने में मदद करते हैं।
8. क्या कंगारूओं की कोई आवाज होती है?
जी हां, कंगारू विभिन्न प्रकार की आवाजें निकाल सकते हैं। ये आवाजें संवाद करने, खतरे की चेतावनी देने और साथी को आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। कुछ आवाजें खर्राटे जैसी होती हैं, तो कुछ क्लिक या फुफकार जैसी होती हैं।