रहस्यमयी लैम्प्रे (Lamprey) जबड़े रहित मछली जो खून चूसती है! Amazing Facts about Lamprey Fish in Hindi

क्या आपने कभी बिना जबड़े वाली मछली के बारे में सुना है? जी हां, लैम्प्रे (Lamprey Fish) एक ऐसी ही अनोखी मछली है जो दिखने में तो ईल (Eel) जैसी लगती है, लेकिन उसके पास ना तो जबड़े हो...

रहस्यमयी लैम्प्रे (Lamprey) जबड़े रहित म...
रहस्यमयी लैम्प्रे (Lamprey) जबड़े रहित म...


लैम्प्रे का शारीरिक विवरण

  • लैम्प्रे समुद्री (Sea) और मीठे पानी (Fresh Water) दोनों तरह के पानी में पाई जाती है.
  • इनका शरीर लम्बा और चिकना होता है, जो दिखने में ईल जैसा लगता है.
  • लैम्प्रे का मुंह गोल और चूसने वाला होता है, जिसे वह अपने शिकार से चिपकने के लिए इस्तेमाल करती है.
  • इनके शरीर पर सात गिल स्लिट (Gill Slit) होते हैं, जिनकी मदद से ये सांस लेती हैं.
  • लैम्प्रे के पास असली आंखें नहीं होती, बल्कि केवल प्रकाश संवेदनशील धब्बे होते हैं.

लैम्प्रे कैसे अपना भोजन प्राप्त करती है?

लैम्प्रे परजीवी (Parasite) मछली होती है, जो अन्य मछलियों के खून और शरीर के तरल पदार्थों को चूसकर अपना भोजन प्राप्त करती है.

यहाँ लैम्प्रे के शिकार करने की विधि दी गयी है:

1. लैम्प्रे अपने शिकार को अपने चूसने वाले मुंह से पकड़ लेती है.

2.इसके दांतों की जगह पर तेज keratin के कांटे होते हैं, जो शिकार की त्वचा को चीर देते हैं.

3.लैम्प्रे अपनी लंबी जीभ का इस्तेमाल करके शिकार के खून को चूस लेती है.

4.लैम्प्रे का मुंह रक्त-रोधी (Anti-Coagulant) पदार्थ निकालता है, जिससे खून का थक्का नहीं जम पाता और वह आसानी से खून चूस सके.

लैम्प्रे का जीवन चक्र

लैम्प्रे का जीवन चक्र काफी जटिल होता है. आइए, इसे संक्षेप में समझते हैं:

1. लैम्प्रे मीठे पानी में अंडे देती हैं.

2. अंडों से लार्वा (Larva) निकलते हैं, जो रेत में रहते हैं और सूक्ष्मजीवों (Microorganism) को खाकर अपना भोजन प्राप्त करते हैं.

3. कई सालों बाद लार्वा वयस्क लैम्प्रे में बदल जाते हैं और समुद्र में चले जाते हैं.

4. समुद्र में वयस्क लैम्प्रे अपना शिकारी जीवन बिताती हैं और कुछ सालों बाद वापस मीठे पानी में आकर अंडे देती हैं.

लैम्प्रे (Lamprey) के बारे में रोचक और अद्भुत तथ्य

लैम्प्रे एक अनोखी और डरावनी मछली है, जिसे समुद्री वैम्पायर भी कहा जाता है. आइए जानते हैं इसके कुछ रोचक और अद्भुत तथ्य:

1. लैम्प्रे के जबड़े और दांतों का ना होना: क्या आप जानते हैं लैम्प्रे के मुंह में ना तो जबड़े होते हैं और ना ही दांत होते हैं? फिर भी ये शिकार कर सकती है! लैम्प्रे के मुंह में तेज keratin के कांटे होते हैं जो शिकार की त्वचा को चीरकर खून चूसने में मदद करते हैं.

2. लैम्प्रे के रक्त-रोधी लार: लैम्प्रे का मुंह एक खास तरह का लार निकालता है जो रक्त-रोधी (Anti-Coagulant) होता है. यह लार खून को जमने से रोकता है, जिससे लैम्प्रे आसानी से शिकार का खून चूस सकती है.

3. लैम्प्रे के अलग दुनिया में रहने वाले बच्चे: लैम्प्रे का जीवन चक्र बहुत ही खास है. ये मीठे पानी में अंडे देती हैं लेकिन वयस्क लैम्प्रे समुद्र में रहती हैं. मीठे पानी में जन्मे लार्वा कई साल रेत में रहकर सूक्ष्मजीव खाते हैं, फिर वयस्क बनकर समुद्र की ओर रुख करते हैं.

4. लैम्प्रे प्राचीन जीव: लैम्प्रे पृथ्वी पर बहुत प्राचीन जीव हैं. जी हां, ये 500 करोड़ साल पहले भी पाए जाते थे! ये जीते हुए जीवाश्म (Living Fossil) मानी जाती हैं.

5. लैम्प्रे के सुपरसेंसरी अंग: असली आंखें ना होने के बावजूद लैम्प्रे प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती हैं. इनके सिर पर प्रकाश संवेदनशील धब्बे होते हैं जो उन्हें मंद प्रकाश में भी अपना रास्ता दिखाने में मदद करते हैं.

6. स्वादिष्ट भोजन लैम्प्रे...कुछ के लिए!: कई संस्कृतियों में लैम्प्रे को एक स्वादिष्ट भोजन माना जाता है. हालांकि, कई जगहों पर इन्हें हानिकारक माना जाता है क्योंकि ये दूसरी मछलियों के लिए खतरा हैं.

तो देखा आपने, लैम्प्रे अपने अनोखे शिकार करने के तरीके, जीवन चक्र और प्राचीन इतिहास के कारण वाकई एक अद्भुत और रोचक जीव है!

लैम्प्रे (Lamprey) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

विशेषता

विवरण

जबड़े और दांत

नहीं, मुंह में तेज keratin के कांटे होते हैं

भोजन प्राप्त करना

परजीवी, अन्य मछलियों का खून चूसती है

रक्त-रोधी लार

शिकार के खून को जमने से रोकती है

जीवन चक्र

मीठे पानी में जन्म, समुद्र में रहती हैं, वापस मीठे पानी में अंडे देती हैं

प्राचीनता

500 करोड़ साल पहले से अस्तित्व

सुपरसेंसरी अंग

प्रकाश संवेदनशील धब्बे (असली आंखें नहीं)

दर्द महसूस करना

हां, लेकिन हमारे जैसा अनुभव नहीं

लैम्प्रे (Lamprey) के अनजाने तथ्य

लैम्प्रे के बारे में तो आपने रोचक और जरूरी जानकारी जान ली है, लेकिन चलिए कुछ अनजाने तथ्यों पर नजर डालते हैं:

1. लैम्प्रे का छह सुंघने का अंग: जी हां, आपने सही पढ़ा! लैम्प्रे के मुंह के पास छह सुंघने के अंग होते हैं. इनकी मदद से ये अपने शिकार को दूर से ही सूंघ सकती हैं.

2. लैम्प्रे का अस्थायी चुंबन: शिकार करते समय लैम्प्रे अपने शिकार से चिपकने के लिए एक मजबूत "चुंबन" लगाती है. लेकिन ये चुंबन अस्थायी होता है, शिकार से खून निकालने के बाद लैम्प्रे आसानी से अलग हो जाती है.

3. लैम्प्रे का कई दांतों जैसा मुंह: भले ही लैम्प्रे के असली दांत नहीं होते, लेकिन इनके मुंह में कई छोटे-छोटे keratin के दांतों जैसे कांटे होते हैं. ये कांटे मिलकर एक घर्षण (Friction) पैदा करते हैं जो शिकार की त्वचा को चीरने में मदद करता है.

4. लैम्प्रे अंतरिक्ष यात्रा भी कर चुकी हैं!: यह जानकर आपको शायद आश्चर्य होगा, लेकिन 1970 के दशक में वैज्ञानिकों ने यह जांचने के लिए कि अंतरिक्ष में रहने का जीवों पर क्या प्रभाव पड़ता है, कुछ लैम्प्रे को अंतरिक्ष यान में भेजा था!

5. स्वादिष्ट कैवियार! लैम्प्रे: कुछ संस्कृतियों में लैम्प्रे के अंडों को कैवियार की तरह ही स्वादिष्ट और महंगा माना जाता है. इन्हें "sea caviar" भी कहा जाता है.

ये अनजाने तथ्य लैम्प्रे के अजीब और अद्भुत अनुकूलन को दर्शाते हैं. तो अगली बार जब आप लैम्प्रे के बारे में सुनें, तो याद रखें कि ये सिर्फ खून चूसने वाली मछली नहीं हैं, बल्कि अपने अनोखे तरीकों से जीवित रहने वाली प्रकृति की एक अजूबा हैं!

लैम्प्रे (Lamprey) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या लैम्प्रे के दांत होते हैं?

नहीं, लैम्प्रे के असली दांत नहीं होते हैं. इनके मुंह में तेज keratin के कांटे होते हैं जो शिकार की त्वचा को चीरने में मदद करते हैं.

लैम्प्रे अपना भोजन कैसे प्राप्त करती हैं?

लैम्प्रे परजीवी मछली होती है. ये अपने शिकार से चिपककर उनके शरीर में छेद करती हैं और खून चूसकर अपना भोजन प्राप्त करती हैं.

क्या लैम्प्रे इंसानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं?

लैम्प्रे आम तौर पर इंसानों को परेशान नहीं करतीं. हालांकि, अगर कोई लैम्प्रे किसी इंसान को काट ले, तो भी घाव ज्यादा गंभीर नहीं होता.

लैम्प्रे कितनी पुरानी हैं?

लैम्प्रे पृथ्वी पर बहुत प्राचीन जीव हैं. जीवाश्म प्रमाणों के अनुसार ये 500 करोड़ साल पहले से भी अस्तित्व में थीं!

लैम्प्रे किस तरह से सांस लेती हैं?

लैम्प्रे के शरीर पर सात गिल स्लिट (Gill Slit) होते हैं. ये इन्हीं गिल स्लिट्स की मदद से पानी से ऑक्सीजन ग्रहण कर सांस लेती हैं.

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