भारतीय भोजन में मसालों का जादू! जानें भारतीय मसालों के विभिन्न फायदों के बारे में
भारतीय खाने का जादू सिर्फ स्वाद में नहीं, बल्कि मसालों के औषधीय गुणों में भी है! जानिए हल्दी, धनिया, जीरा से लेकर दालचीनी, इलायची तक, भारतीय मसालों के विभिन्न फायदों के बारे में और...
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स्वस्थ जीवन Last Update Sun, 28 July 2024, Author Profile Share via
मसालों का जादू: स्वाद ही नहीं, सेहत के लिए भी फायदेमंद
भारतीय खाने में मसालों का एक खास स्थान होता है. ये न सिर्फ हमारे व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाते हैं, बल्कि कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं. आयुर्वेद में सदियों से मसालों को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. आइए, जानते हैं कुछ खास मसालों के फायदों के बारे में:
हल्दी (Turmeric): हल्दी में पाया जाने वाला कम्पाउंड करक्यूमिन (curcumin) एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है. यह जोड़ों के दर्द, गठिया, और पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार माना जाता है.
धनिया (Coriander): धनिया का इस्तेमाल साबुत और पाउडर दोनों रूपों में किया जाता है. यह खून में शुगर लेवल को नियंत्रित करने और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करता है.
जीरा (Cumin): जीरा न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पाचन में सुधार करता है और पेट दर्द से राहत दिलाता है. इसके अलावा, यह शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देता है.
दालचीनी (Cinnamon): दालचीनी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार मानी जाती है. यह सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से भी बचाव करती है.
इलायची (Cardamom): इलायची मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए जानी जाती है. साथ ही, यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है और पेट की जलन को कम करती है.
लौंग (Clove): लौंग में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो दांतों के दर्द और मसूड़ों की समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार होते हैं. इसके अलावा, यह पाचन में भी सुधार करती है.
मेथी (Fenugreek): मेथी के बीजों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने और वजन कम करने में मदद करता है. साथ ही, यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है.
काली मिर्च (Black Pepper): काली मिर्च एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. यह सर्दी-जुकाम और गले की खराश जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में भी सहायक होती है.
जायफल (Nutmeg): जायफल पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है और शरीर में दर्द से राहत दिलाता है. इसके अलावा, यह नींद में भी सुधार ला सकता है.
सोंठ (Dry Ginger): सर्दी-जुकाम और गले की खराश में सोंठ का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. यह पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखती है और मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाती है.
जावित्री (Mace): जावित्री में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं. इसके अलावा, यह दिमाग को तेज करने में भी सहायक मानी जाती है.
हींग (Asafoetida): हींग पाचन क्रिया को तेज करती है और पेट दर्द की समस्या को कम करती है. साथ ही, यह आंतों में गैस बनने से भी रोकती है.
तेज पत्ता (Bay Leaf): तेज पत्ते का इस्तेमाल खाने में खुशबू लाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, यह खून में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद करता है.
सौंफ (Fennel Seeds): सौंफ मुंह की दुर्गंध दूर करने और पाचन में सुधार लाने के लिए जानी जाती है. साथ ही, यह आंखों के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है.
कड़ी पत्ता (Curry Leaves): कड़ी पत्ते का इस्तेमाल दक्षिण भारतीय खानों में ज्यादा किया जाता है. यह शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है.
राजगीरा (Rajgira): राजगीरा का आटा अनाज से बचने वालों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है. यह पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है.
काली ज़ीरा (Black Cumin): यह जीरे जैसा दिखता है लेकिन उससे अलग होता है. काली जीरा पाचन क्रिया को मजबूत करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
ये कुछ ही उदाहरण हैं. भारत की विविधतापूर्ण खानकहानी में अनगिनत मसाले शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा स्वाद और स्वास्थ्य लाभ है!
कैसे करें मसालों का सेवन:
अपने नियमित भोजन में हर रोज थोड़ी मात्रा में मसालों का इस्तेमाल करें. आप इन्हें सब्जियों, दालों, या चाय में डाल सकते हैं. इसके अलावा, आप गर्म पानी में थोड़ा सा शहद और नींबू के साथ धनिया पाउडर या जीरा मिलाकर सुबह खाली पेट भी सेवन कर सकते हैं.
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