टूटा हुआ पंख, जगा हुआ हौसला! A Motivational Hindi Short Story
क्या आप कभी अपने आप को कम आत्मविश्वास महसूस करते हैं और अपने सपनों को पूरा करने में संदेह करते हैं? यह कहानी राहुल की है, एक प्रतिभाशाली कलाकार जिसका हौसला टूट चुका था। लेकिन एक घायल चील से मिलने के बाद उसे जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक सीखने को मिलता है। जानिए इस कहानी में कैसे टूटे हुए पंखों ने जगाया जुनून और आत्मविश्वास!
कहानियाँ By Tathya Tarang, Last Update Sun, 28 July 2024, Share via
टूटा हुआ पंख और टूटा हुआ हौसला
शीतल पहाड़ी हवाओं के झोंकों में लहराते खेतों के बीच स्थित एक छोटे से गांव में रहता था राहुल। राहुल एक होनहार कलाकार था, जिसके हाथों से जादू निकलता था। उसकी पेंटिंग्स इतनी जीवंत होती थीं कि देखने वाला उनमें खो जाता था। लेकिन राहुल का आत्मविश्वास कमजोर था। वह हमेशा अपनी कला में कोई न कोई कमी निकाल लेता और निराश हो जाता।
घायल चील और जगा आत्मविश्वास
एक दिन राहुल निराश होकर पहाड़ों पर घूम रहा था। थककर उसने एक चट्टान पर बैठकर नीचे घाटी को निहारना शुरू किया। अचानक उसकी नजर एक घायल चील पर पड़ी, जो एक पेड़ की टहनी पर बैठा था। चील का एक पंख टूटा हुआ था और वह असहाय भाव से नीचे देख रहा था। राहुल को उस चील पर बहुत तरस आया।
वह किसी तरह चील के पास पहुंचा और उसे संभाला। उसने चील के घाव को साफ किया और पंख को पट्टी से बांधा। राहुल हर दिन चील की देखभाल करने लगा। धीरे-धीरे चील ठीक होने लगा। राहुल चील से बातें करता और उसे उड़ने के लिए प्रोत्साहित करता।
नया सवेरा, नई उड़ान
एक सुबह राहुल जगा तो देखा चील पेड़ की टहनी पर बैठा है। उसका टूटा हुआ पंख अब पूरी तरह से ठीक हो चुका था। राहुल की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उसने चील को उड़ने का इशारा किया। चील अपने पंख फैलाए और हवा में ऊंचा उड़ गया। आकाश में उड़ते हुए चील एकदम स्वतंत्र और शक्तिशाली लग रहा था।
चील को उड़ते देखकर राहुल को अचानक एहसास हुआ। उसने सोचा, "अगर यह घायल चील भी हार न मानकर उड़ना सीख सकता है, तो मैं क्यों नहीं? मेरी कला में भी तो वही ताकत है, वही उड़ान है। बस उसे पहचानने की जरूरत है।"
रंगों में नया विश्वास
उस दिन राहुल ने एक नई पेंटिंग शुरू की। इस बार वह पूरे विश्वास के साथ रंग भर रहा था। उसने उस चील को भी अपनी पेंटिंग में उकेरा, जो अब आकाश में ऊंची उड़ान भर रहा था। पेंटिंग बनकर तैयार हुई तो वह अद्भुत थी। उसमें रंगों का ऐसा जादू था, जो देखने वाले को मंत्रमुग्ध कर देता था।
उस पेंटिंग को देखकर राहुल को पहली बार अपनी कला पर गर्व हुआ। उसने समझ लिया कि हर किसी में प्रतिभा होती है, जरूरत होती है सिर्फ आत्मविश्वास की और हार न मानने की हिम्मत की। राहुल की यह पेंटिंग बहुत प्रसिद्ध हुई और उसने एक सफल कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई।
सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि आत्मविश्वास सफलता की पहली सीढ़ी है। हमें अपनी कला, अपने सपनों पर भरोसा रखना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए। ठीक वैसे ही जैसे घायल चील ने हार नहीं मानी और फिर से उड़ना सीखा।
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कहानी से हम दो महत्वपूर्ण सीख लेते हैं:
1. आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है: राहुल एक प्रतिभाशाली कलाकार था, लेकिन कम आत्मविश्वास के कारण वह अपनी कला में निराश हो जाता था। घायल चील को ठीक होते और फिर से उड़ने की कोशिश करते देख उसे अहसास हुआ कि आत्मविश्वास ही सफलता की पहली सीढ़ी है। हमें भी अपनी कला, अपने सपनों और खुद पर भरोसा रखना चाहिए।
2. हार न मानने की शक्ति: कहानी में घायल चील हमें हार न मानने की सीख देता है। टूटे हुए पंख के बावजूद उसने उड़ने की कोशिश जारी रखी। ठीक उसी तरह, जीवन में कई बार हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। निरंतर प्रयास और दृढ़ संकल्प से हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।