उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मुहावरे पर आधारित कहानियाँ

इस लेख में हिंदी मुहावरे "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे" पर 15 दिलचस्प कहानियाँ हैं, जो उस स्थिति को दर्शाती हैं जहाँ गलती करने वाला उल्टा दूसरों पर आरोप लगाता है। ये कहानियाँ मुहावरे...

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मुहावरे पर आधा...
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मुहावरे पर आधा...


उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मुहावरे पर आधारित कहानियाँ

ये कहानियाँ हिंदी मुहावरे "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे" के सही मायने को दर्शाती हैं, जिसमें एक व्यक्ति अपनी गलती छिपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाता है।

1: शोरगुल का दोषी

राहुल एक शांत कॉलोनी में रहता था, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से हर रात उसके घर के पास शोर मचता था। पड़ोसी परेशान हो गए और शिकायत करने आए। राहुल ने उन्हें उल्टा डांटते हुए कहा, "तुम लोग खुद शोर मचाते हो और मुझ पर आरोप लगाते हो?" जबकि असल में शोर उसके घर से ही आ रहा था। यह "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे" की मिसाल थी।

2: चोरी का इल्ज़ाम

रामू गांव का सबसे बड़ा झूठा था। एक दिन उसके घर से उसके पड़ोसी का मुर्गा गायब हो गया। जब पड़ोसी ने रामू से पूछा, तो उसने उल्टा पड़ोसी को ही चोर ठहरा दिया और चिल्लाने लगा, "तुम्हारे घर से ही सबकी चीज़ें गायब होती हैं!" जबकि मुर्गा रामू के घर से बरामद हुआ। यह स्पष्ट था कि रामू अपनी गलती छिपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रहा था।

3: धोखे का दोष

नेहा अपने ऑफिस में हर काम की जिम्मेदारी दूसरों पर डाल देती थी। जब एक बार उसके प्रोजेक्ट में देरी हुई, तो उसने अपने सहकर्मियों पर इल्जाम लगाया कि वे समय पर काम नहीं करते। जबकि सच्चाई यह थी कि देरी नेहा की लापरवाही के कारण हुई थी। वह अपनी गलती छिपाने के लिए दूसरों को दोष दे रही थी, जैसे "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।"

4: चोरी की किताबें

मोहित ने लाइब्रेरी से कई किताबें चुरा लीं और जब लाइब्रेरियन ने उनसे पूछा, तो उसने उल्टा लाइब्रेरियन को ही डांट दिया, "तुम्हारी सुरक्षा कमजोर है, तभी किताबें गायब होती हैं!" जबकि असल में चोरी मोहित ने ही की थी। यह उसकी गलती छिपाने की एक कोशिश थी।

5: नौकरी की शिकायत

कविता ने अपने नए ऑफिस में कुछ काम ठीक से नहीं किया, जिससे क्लाइंट की नाराज़गी हो गई। जब बॉस ने उसे फटकारा, तो उसने उल्टा बॉस पर ही आरोप लगाया कि उसे ठीक से ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। असल में गलती कविता की ही थी, लेकिन उसने दूसरों पर दोष मढ़ दिया।

6: परीक्षा का बहाना

राकेश ने पढ़ाई में ध्यान नहीं दिया और परीक्षा में फेल हो गया। जब उसके माता-पिता ने उसे फटकार लगाई, तो उसने उल्टा शिक्षक पर इल्जाम लगा दिया कि उन्हें ठीक से पढ़ाया नहीं गया। जबकि उसकी असफलता उसकी अपनी लापरवाही का नतीजा थी।

7: टूटे बर्तन

सुनीता ने घर में बर्तन तोड़ दिए और जब उसकी माँ ने पूछा, तो उसने उल्टा अपने छोटे भाई पर इल्जाम लगा दिया कि उसने गलती से बर्तन गिरा दिए। लेकिन असल में गलती सुनीता की थी। वह अपनी गलती छिपाने के लिए दूसरों को दोष दे रही थी।

8: कार्यालय में चुप्पी

एक ऑफिस में दिनभर बेतरतीब काम हो रहा था और सबकी शिकायतें आ रही थीं। जब बॉस ने जाँच की, तो असली दोषी ने उल्टा उन कर्मचारियों को ही दोषी ठहरा दिया जो नियमों का पालन कर रहे थे। असल दोषी वही था, लेकिन उसने अपनी गलती दूसरों पर डाल दी।

9: चोरी का पर्स

किरण का पर्स एक पार्टी में खो गया। जब उसने अपने दोस्तों से पूछा, तो सुषमा ने उल्टा किरण को ही डांट दिया कि वह अपनी चीज़ें संभाल कर नहीं रखती। बाद में पता चला कि पर्स सुषमा ने ही लिया था। यह कहानी "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे" को सटीक तरीके से दर्शाती है।

10: गुम हुआ मोबाइल

क्लास में एक बच्ची का मोबाइल गुम हो गया। जब शिक्षिका ने क्लास के बच्चों से पूछा, तो असली चोर ने उल्टा शिक्षिका पर ही दोष लगा दिया कि उनकी निगरानी कमजोर थी। बाद में मोबाइल उसी बच्चे के बैग से मिला। यह स्थिति पूरी तरह से इस कहावत का उदाहरण थी।

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