सबसे प्यारी चीज - बेताल की पहेली और राजा विक्रम का जवाब! Vikram Betal ki Kahani A Short Story in Hindi
क्या है वो चीज जो किसी इंसान को सबसे प्यारी होती है? पत्नी का साथ या संतान का प्यार? राजा विक्रम और बेताल की इस कहानी में जानिए एक व्यापारी की उलझन और राजा विक्रम का ज्ञानपूर्ण जवाब. इस कहानी से सीखें जीवन में त्याग और सही फैसले लेने का महत्व।
कहानियाँ By Tathya Tarang, Last Update Fri, 04 October 2024, Share via
कई विक्रम बेताल की कहानियां हैं, जिनमें से प्रत्येक में बेताल एक कहानी सुनाता है और फिर उसमें से एक रहस्य निकालकर उसका जवाब मांगता है. आइए नीचे दी गई कहानी पढ़ें और आनंद लें:
बेताल की कहानी:
एक जंगल में एक धनी व्यापारी रहता था. उसके पास ढेर सारा धन था, लेकिन कोई संतान नहीं थी. इस वजह से वो बहुत दुखी रहता था. एक दिन, एक सन्यासी उसके पास आया और उसे संतान प्राप्ति का आशीर्वाद दिया. कुछ समय बाद, व्यापारी की पत्नी को सचमुच एक बेटे हुआ.
कुछ साल बाद सन्यासी वापस आया और व्यापारी से पूछा, "तुम मुझे वह चीज दो जो तुम्हें सबसे प्यारी है." व्यापारी को समझ नहीं आया कि क्या करे. उसकी पत्नी और बेटा दोनों ही उसे सबसे प्यारे थे. उलझन में पड़कर उसने सन्यासी को कुछ नहीं दिया. सन्यासी गुस्से में निकल गया और उसके बेटे को ले गया.
बेताल का सवाल: व्यापारी को अपनी सबसे प्यारी चीज किसे देनी चाहिए थी? अपनी पत्नी को या बेटे को?
विक्रम का जवाब:
राजा विक्रम ने जवाब दिया, "सबसे प्यारी चीज वो होती है जिसके खोने का गम सबसे ज्यादा होता है. व्यापारी के लिए उसकी पत्नी को खोना सहनीय हो सकता है, क्यूंकि वो दोबारा शादी कर सकता है. लेकिन बेटे को खोने का गम उसकी जिंदगी भर रहेगा. इसलिए, व्यापारी को सन्यासी को अपना बेटा देना चाहिए था."
अपने जवाब से राजा विक्रम ने बेताल को संतुष्ट कर दिया और उसे एक नई कहानी सुनाने का मौका मिला.
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विक्रम बेताल की कहानी हमें कई सीख देती हैं:
1. लोभ का त्याग: इस कहानी में, व्यापारी के पास सब कुछ था, लेकिन संतान ना होने के कारण वह दुखी था. हमें इस कहानी से सीख मिलती है कि हमें लालची नहीं बनना चाहिए और जो चीज़ें हमारे पास हैं उनकी कदर करनी चाहिए.
2. कठिन परिस्थिति में फैसला लेना: कभी-कभी परिस्थिति इतनी जटिल हो जाती है कि फैसला लेना मुश्किल हो जाता है. इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि कठिन परिस्थिति में शांत चित्त होकर सोच-विचार कर के ही फैसला लेना चाहिए.
3. प्रेम और त्याग: प्रेम का असली रूप त्याग में होता है. इस कहानी में, राजा विक्रम बताते हैं कि सच्चा प्यार वही होता है जिसके लिए हम किसी भी चीज़ का त्याग कर सकें. व्यापारी अपनी पत्नी से प्यार करता था, लेकिन बेटे के खोने का गम उसे ज्यादा होता, इसलिए बेटा ही उसकी सबसे प्यारी चीज़ थी.
4. हर चीज की एक कीमत होती है: कहानी में सन्यासी संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देता है, लेकिन उसके बदले में कुछ मांगता है. यहाँ सीख ये है कि दुनिया में हर चीज की एक कीमत होती है, जिसे चुकाना पड़ता है.
कुल मिलाकर, ये कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे जीवन में क्या सबसे ज्यादा मूल्यवान है और उसके लिए हम क्या त्याग करने को तैयार हैं.