GPS क्या है?
GPS यानी Global Positioning System एक उपग्रह-आधारित नेविगेशन तकनीक है जो पृथ्वी पर किसी भी वस्तु, वाहन या व्यक्ति की स्थिति (location) का सटीक निर्धारण करती है। इसे हिंदी में "वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली" भी कहा जाता है। आज हम इसे अपने मोबाइल फोन, गाड़ियों, जहाजों और यहां तक कि स्मार्ट वॉच में भी इस्तेमाल करते हैं।
GPS का इतिहास
GPS तकनीक का विकास 1970 के दशक में अमेरिकी रक्षा विभाग ने किया था। शुरुआत में यह केवल सैन्य कार्यों के लिए उपयोगी थी, लेकिन बाद में इसे आम नागरिकों के लिए खोल दिया गया। 1990 के दशक में जब GPS सिस्टम पूरी तरह कार्यशील हुआ, तब से यह पूरी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण तकनीकों में से एक बन गया।
GPS सिस्टम के मुख्य घटक
GPS तीन प्रमुख हिस्सों पर आधारित है:
- स्पेस सेगमेंट (Space Segment): इसमें लगभग 24 उपग्रह शामिल होते हैं, जो पृथ्वी की कक्षा में घूमते हैं और लगातार सिग्नल भेजते रहते हैं।
- कंट्रोल सेगमेंट (Control Segment): ग्राउंड स्टेशन और कंट्रोल सेंटर्स जो उपग्रहों की निगरानी और संचालन करते हैं।
- यूज़र सेगमेंट (User Segment): इसमें आपका GPS रिसीवर या मोबाइल शामिल है, जो उपग्रहों से मिले सिग्नल को डिकोड करके लोकेशन तय करता है।
GPS कैसे काम करता है?
GPS का कार्य सिद्धांत Trilateration पर आधारित है। हर उपग्रह लगातार सिग्नल भेजता है, जिसमें समय और उसकी स्थिति की जानकारी होती है। जब आपका डिवाइस ये सिग्नल पकड़ता है, तो वह दूरी की गणना करता है।
कम से कम 4 उपग्रहों से मिले डेटा को मिलाकर GPS आपकी स्थिति (Latitude, Longitude, Altitude) का निर्धारण करता है। इस तकनीक से आपकी लोकेशन कुछ मीटर की सटीकता तक पता चल जाती है।
GPS के मुख्य उपयोग
- Google Maps और नेविगेशन
- ऑनलाइन फूड, कैब और डिलीवरी ट्रैकिंग
- एविएशन और मरीन नेविगेशन
- सैन्य और आपातकालीन सेवाएं
- खेती-बाड़ी (Precision Agriculture)
- वैज्ञानिक शोध और सर्वे
"GPS आज की दुनिया में केवल लोकेशन बताने का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारी पूरी डिजिटल लाइफलाइन बन चुका है।"

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