GPS कैसे काम करता है? एक तकनीकी चमत्कार की सरल व्याख्या

आज के समय में GPS यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह GPS आखिर काम कैसे करता है?

GPS कैसे काम करता है? एक तकनीकी चमत्कार...
GPS कैसे काम करता है? एक तकनीकी चमत्कार...


GPS का मूल सिद्धांत: त्रिभुजन (Triangulation)

GPS का काम करने का मूल सिद्धांत त्रिभुजन पर आधारित है। इसके लिए अंतरिक्ष में कई उपग्रहों का एक नेटवर्क होता है, जो लगातार पृथ्वी की परिक्रमा करते रहते हैं। जब आप अपने GPS डिवाइस को चालू करते हैं, तो यह इन उपग्रहों से सिग्नल प्राप्त करता है।

दूरी और समय की गणना:

हर उपग्रह अपने सिग्नल के साथ एक सटीक समय की जानकारी भी भेजता है। आपका GPS डिवाइस इस सिग्नल को प्राप्त करने में लगने वाले समय की गणना करता है। चूँकि रेडियो तरंगें प्रकाश की गति से चलती हैं, इसलिए समय की गणना से उपग्रह और आपके डिवाइस के बीच की दूरी का पता चल जाता है।

त्रिभुजन से स्थिति का निर्धारण:

आपका GPS डिवाइस कम से कम तीन उपग्रहों से सिग्नल प्राप्त करके उनकी दूरियों की गणना करता है। इन दूरियों के आधार पर, यह त्रिभुजन का उपयोग करके आपकी सटीक स्थिति का पता लगाता है। जितने अधिक उपग्रहों से सिग्नल प्राप्त होंगे, उतनी ही सटीक आपकी स्थिति होगी।

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