महाशिवरात्रि: भक्ति, आस्था और उत्सव का पर्व! Facts about Mahashivratri

हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक, महाशिवरात्रि, भगवान शिव के जीवन और शक्ति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण उत्सव है। यह न केवल भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पवित्र अवसर है,...

महाशिवरात्रि: भक्ति, आस्था और उत्सव का प...
महाशिवरात्रि: भक्ति, आस्था और उत्सव का प...


महाशिवरात्रि: भक्ति, आस्था और उत्सव का पर्व

हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि, भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पवित्र उत्सव है। यह आध्यात्मिक जागरण, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, जो हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को पड़ रही है।

महाशिवरात्रि पौराणिक कथा:

महाशिवरात्रि से जुड़ी कई कथाएं हैं। एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। दूसरी कथा के अनुसार, इसी रात शिवलिंग का स्वरूप प्रकट हुआ था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन प्रदोष काल और रात्रि के समय चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होता है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।

महाशिवरात्रि उत्सव का स्वरूप:

महाशिवरात्रि पूरे भारत में और दुनिया भर के हिंदू समुदायों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, जलाभिषेक करते हैं, उपवास रखते हैं और रात भर जागरण करते हैं। मंदिरों को भव्य रूप से सजाया जाता है। भक्त "ओम नमः शिवाय" का जाप करते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और भांग, धतूरा और बेलपत्र जैसे पवित्र प्रसाद चढ़ाते हैं।

महाशिवरात्रि पर्व का महत्व:

महाशिवरात्रि का त्योहार न केवल भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का उत्सव है, बल्कि यह आत्मिक जागरण, आत्मसमर्पण और मोक्ष प्राप्ति का भी प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।

आधुनिक समाज में प्रासंगिकता:

महाशिवरात्रि का त्योहार आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना सदियों पहले था। यह त्योहार हमें प्रेम, समर्पण और आत्मिक जागरण का संदेश देता है। यह हमें अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने और सकारात्मकता का मार्ग अपनाने की सीख देता है।

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