दार्शनिक से राजनीतिक विचारक तक: जॉन लॉक का जीवन सफर! Biography of John Locke
John Locke Biography Hindi: इस लेख में जॉन लॉक के जीवन, शिक्षा, प्रमुख रचनाओं और विचारधाराओं की विस्तृत चर्चा की गई है। उन्होंने अनुभववाद, प्राकृतिक अधिकार, और लोकतांत्रिक सिद्धांत...
जीवनी Last Update Mon, 16 September 2024, Author Profile Share via
जॉन लॉक का बचपन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
जॉन लॉक का जन्म 29 अगस्त 1632 को इंग्लैंड के रिंगटन में हुआ था। उनका परिवार मध्यम वर्गीय था और उनके पिता, जॉन लॉक सीनियर, एक वकील और अंग्रेज़ गृह युद्ध के दौरान संसदीय सेना में कैप्टन थे। उनके पिता की यह भूमिका उनके राजनीतिक विचारों और भविष्य की सोच को प्रभावित करने वाली रही।
जॉन लॉक का बचपन एक शांत और सरल वातावरण में बीता। उनकी शिक्षा की शुरुआत घर पर ही हुई, जहाँ उनके पिता ने उन्हें पढ़ाई के प्रति रुचि विकसित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्थानीय स्कूलों में शिक्षा प्राप्त की और फिर 1647 में वेस्टमिंस्टर स्कूल, लंदन में दाखिला लिया। यहाँ उनकी शैक्षणिक योग्यता और बौद्धिक विकास की नींव पड़ी।
उनका परिवार धार्मिक था और पुरातनपंथी दृष्टिकोण रखता था। इस पारिवारिक धार्मिक परिवेश ने भी लॉक के दर्शन और विचारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। जॉन लॉक का परिवार उनके जीवन में आत्म-निर्भरता और स्वतंत्रता के महत्व को समझाता रहा, जो आगे चलकर उनकी राजनीतिक और शैक्षिक सिद्धांतों में परिलक्षित हुआ।
लॉक ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उन्हें दर्शनशास्त्र, विज्ञान और चिकित्सा में गहरी रुचि विकसित हुई।
जॉन लॉक की प्रारंभिक शिक्षा
जॉन लॉक की औपचारिक शिक्षा की शुरुआत उनके पिता द्वारा घर पर कराई गई, जिसके बाद 1647 में उन्होंने वेस्टमिंस्टर स्कूल, लंदन में दाखिला लिया। यह स्कूल उस समय के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक था, और यहाँ उन्होंने शास्त्रीय शिक्षा (लैटिन, ग्रीक और इतिहास) में अपनी नींव रखी। वेस्टमिंस्टर स्कूल में उनकी पढ़ाई ने उनके बौद्धिक विकास और तर्कशक्ति के कौशल को मजबूत किया।
जॉन लॉक की ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा
1652 में जॉन लॉक ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के क्राइस्ट चर्च कॉलेज में प्रवेश लिया। ऑक्सफोर्ड में उनका अनुभव मिश्रित था; उन्होंने अरस्तू की पारंपरिक दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया, लेकिन इसे कुछ हद तक रूढ़िवादी और उबाऊ पाया। इसके बावजूद, उन्होंने तर्कशास्त्र, नैतिकता और राजनीति के सिद्धांतों का गहन अध्ययन किया, जो उनके भविष्य के दर्शन के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।
जॉन लॉक की प्राकृतिक विज्ञान और चिकित्सा में रुचि
ऑक्सफोर्ड में अध्ययन के दौरान, लॉक की रुचि सिर्फ दर्शनशास्त्र तक सीमित नहीं रही। उन्होंने रॉबर्ट बॉयल और थॉमस विलिस जैसे वैज्ञानिकों के साथ मिलकर प्राकृतिक विज्ञान और चिकित्सा का भी अध्ययन किया। चिकित्सा में उनकी यह रुचि भविष्य में उनके अनुभववाद (Empiricism) और मनोविज्ञान पर आधारित विचारों में परिलक्षित हुई। 1674 में, उन्होंने चिकित्सा में बैचलर ऑफ मेडिसिन की डिग्री प्राप्त की।
रॉबर्ट बॉयल और अन्य वैज्ञानिकों के साथ विचार-विनिमय
ऑक्सफोर्ड में अपने समय के दौरान, लॉक का वैज्ञानिक और दार्शनिक विचार-विनिमय रॉबर्ट बॉयल जैसे वैज्ञानिकों के साथ हुआ। बॉयल के यांत्रिक दर्शन और वैज्ञानिक पद्धति ने जॉन लॉक को अनुभववाद की ओर प्रेरित किया, जिसमें तर्क और अनुभव के आधार पर ज्ञान को महत्त्व दिया जाता है।
बौद्धिक नींव और अनुभववाद की ओर रुझान
ऑक्सफोर्ड में शिक्षा के दौरान, लॉक का बौद्धिक विकास प्रमुख रूप से अनुभववाद और प्राकृतिक कानून के सिद्धांतों की ओर हुआ। उनका मानना था कि सभी ज्ञान अनुभव पर आधारित होता है, जो आगे चलकर उनकी प्रसिद्ध कृति "An Essay Concerning Human Understanding" में विस्तारित हुआ। उनकी शिक्षा और ऑक्सफोर्ड में बिताया गया समय उनके दर्शनशास्त्र की बुनियाद बना।
जॉन लॉक के अध्ययन और शिक्षा के ये प्रारंभिक वर्ष उनके बौद्धिक विचारों और सिद्धांतों के निर्माण के लिए महत्त्वपूर्ण थे, जो आगे चलकर आधुनिक राजनीति, समाजशास्त्र, और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सहायक बने।
जॉन लॉक की शिक्षा और अनुसंधान: शैक्षणिक नियुक्तियाँ
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षण
जॉन लॉक की शैक्षिक यात्रा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उनकी पढ़ाई के बाद भी जारी रही। 1660 के दशक में, उन्होंने क्राइस्ट चर्च कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में ग्रीक भाषा, नैतिकता और दर्शनशास्त्र के शिक्षक (Lecturer) के रूप में काम करना शुरू किया। हालाँकि, उन्हें परंपरागत अरस्तूवादी दर्शनशास्त्र से असंतोष था, लेकिन अपने विद्यार्थियों को नैतिकता और तर्कशास्त्र की शिक्षा देने का काम जारी रखा। ऑक्सफोर्ड में उनका शिक्षण कार्य उनकी बौद्धिक क्षमता और दर्शनशास्त्र में उनकी गहरी रुचि को प्रतिबिंबित करता है।
अनुसंधान और चिकित्सा में योगदान
लॉक न केवल दर्शनशास्त्र बल्कि विज्ञान और चिकित्सा में भी रुचि रखते थे। 1668 में उन्होंने रॉयल सोसाइटी के एक सदस्य के रूप में रॉबर्ट बॉयल, थॉमस सिडेनहैम और अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ मिलकर वैज्ञानिक शोध किया। चिकित्सा में उनका योगदान मुख्य रूप से रोगों के निदान और चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित था। उनका चिकित्सकीय दृष्टिकोण रोगियों के व्यावहारिक इलाज पर केंद्रित था, जिसे उन्होंने अनुभववाद के सिद्धांत के आधार पर विकसित किया।
एंथनी एशले कूपर के सचिव के रूप में कार्य
लॉक का सबसे महत्त्वपूर्ण शैक्षणिक और व्यावहारिक योगदान तब हुआ जब उन्होंने 1667 में एंथनी एशले कूपर, जो आगे चलकर लॉर्ड शैफ्ट्सबरी बने, के निजी सचिव और चिकित्सक के रूप में कार्य किया। इस भूमिका में, उन्होंने राजनीतिक और आर्थिक मामलों पर अनुसंधान और लेखन किया। लॉक ने शैफ्ट्सबरी की सेवा में रहते हुए "Two Treatises of Government" और "Essay Concerning Human Understanding" जैसी महत्त्वपूर्ण कृतियों पर काम किया, जो उनके राजनीतिक और दार्शनिक विचारों की नींव बनीं।
राजनीतिक और शैक्षिक विचारों का विकास
शैफ्ट्सबरी के साथ काम करने के दौरान लॉक ने राजनीति, सरकार और शिक्षा के अपने विचारों को और परिपक्व किया। उनकी पुस्तक "Some Thoughts Concerning Education" ने आधुनिक शिक्षा पर गहरा प्रभाव डाला। इसमें उन्होंने तर्कसंगत सोच, नैतिकता, और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्त्व पर जोर दिया, जो उनके अनुभववाद पर आधारित दर्शन का ही विस्तार था।
रॉयल सोसाइटी की सदस्यता
1688 में लॉक को रॉयल सोसाइटी का सदस्य बनाया गया, जहाँ उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान, चिकित्सा, और राजनीति के विषयों पर गहन चर्चा और शोध किया। यह सदस्यता उनकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा को और बढ़ाने के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समर्थन देने का प्रमाण थी।
जॉन लॉक का शिक्षण और अनुसंधान कार्य उनके दार्शनिक विचारों और सिद्धांतों की नींव था। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उनके शिक्षण कार्य से लेकर रॉयल सोसाइटी में उनके वैज्ञानिक अनुसंधान तक, लॉक ने अपने समय के प्रमुख बौद्धिक क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उनके शिक्षण और अनुसंधान ने न केवल उनके समय के राजनीतिक और शैक्षिक ढांचे को बदल दिया, बल्कि आज के समाज और शिक्षा व्यवस्था को भी प्रभावित किया।
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