कोणार्क सूर्य मंदिर के अनसुने और रोचक तथ्य! Sun Temple Interesting Facts in Hindi
Sun Temple Facts in Hindi: कोणार्क सूर्य मंदिर, सूर्य देवता के रथ के रूप में बना भारतीय वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है। इस लेख में जानें इसके 24 पहियों का खगोल विज्ञान से संबंध, चुंब...

रोचक तथ्य Last Update Thu, 13 February 2025, Author Profile Share via
कोणार्क सूर्य मंदिर के अनसुने और रोचक तथ्य
कोणार्क सूर्य मंदिर, जो उड़ीसा के कोणार्क में स्थित है, भारतीय वास्तुकला और संस्कृति का एक अद्भुत प्रतीक है। 13वीं शताब्दी में निर्मित, यह मंदिर सूर्य देवता के रथ के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें अद्वितीय नक्काशी और जटिल संरचना है। इसकी 24 विशाल पहिए, जिन्हें सूर्य के काल चक्र के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, न केवल खगोल विज्ञान की अद्भुत समझ को दर्शाते हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी उकेरते हैं।
1. वास्तुकला की अद्वितीयता
कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव प्रथम ने करवाया था। इस मंदिर को सूर्य देवता के विशाल रथ के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसमें 24 पहिए हैं और हर पहिया लगभग 12 फीट ऊंचा है। इन पहियों पर जटिल नक्काशी की गई है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक है।
2. चुंबकीय प्रभाव
कोणार्क मंदिर के प्रमुख शिखर पर एक विशाल चुंबकीय पत्थर लगाया गया था, जो कहा जाता है कि मंदिर की संरचना को स्थिर रखने के लिए उपयोग किया गया था। इस चुंबकीय पत्थर के कारण आसपास के समुद्री जहाजों के कंपास काम करना बंद कर देते थे, जिसके कारण इसे बाद में हटा दिया गया।
3. काले रंग का 'ब्लैक पैगोडा'
कोणार्क सूर्य मंदिर को स्थानीय लोग 'ब्लैक पैगोडा' भी कहते हैं क्योंकि इसका रंग काले ग्रेनाइट से बना हुआ है। यह मंदिर समुद्र से दिखता था और नाविक इसे मार्गदर्शन के रूप में उपयोग करते थे।
4. रथ का प्रतीक
मंदिर सूर्य देवता के रथ का प्रतीक है, जिसमें सात घोड़ों का चित्रण किया गया है। ये सात घोड़े सप्ताह के सात दिनों का प्रतीक माने जाते हैं और रथ के पहिये समय के चक्र का प्रतीक हैं।
5. यौन शिक्षा के प्रतीक
मंदिर की दीवारों पर कामुक मूर्तियों को उकेरा गया है, जो उस समय की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन को दर्शाती हैं। इन्हें कामसूत्र और जीवन के विभिन्न पहलुओं की शिक्षा का प्रतीक माना जाता है।
6. यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
कोणार्क सूर्य मंदिर को 1984 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण वास्तुकला धरोहरों में से एक है।
7. सूर्य देवता की तीन मूर्तियाँ
मंदिर के अंदर सूर्य देवता की तीन मूर्तियाँ हैं, जो तीन अलग-अलग स्थानों पर स्थित हैं और सूर्य की तीन अवस्थाओं (सुबह, दोपहर और शाम) का प्रतिनिधित्व करती हैं।
8. मंदिर की स्थिति
मंदिर की स्थिति इतनी सटीक रूप से बनाई गई थी कि हर दिन सूर्योदय की पहली किरण मुख्य मूर्ति पर पड़ती थी। यह अद्भुत खगोल विज्ञान और वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है।
9. अधूरी संरचना
ऐसा कहा जाता है कि कोणार्क मंदिर अधूरा रह गया था। इसका मुख्य गर्भगृह कभी पूरा नहीं हो पाया और यह एक रहस्य है कि इसका निर्माण क्यों रुका था।
10. मंदिर का ध्वस्त होना
कोणार्क सूर्य मंदिर का शिखर ध्वस्त हो गया था। इसका कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ लोग इसे प्राकृतिक आपदाओं के कारण मानते हैं, जबकि अन्य इसे विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया मानते हैं।
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