ओडिशा के समुद्र तट पर 7 लाख कछुओं का रहस्य: अरिबाड़ा की अद्भुत घटना

जानिए ओडिशा के गहिरमाथा बीच पर हर साल क्यों आते हैं लाखों ओलिव रिडले कछुए? अरिबाड़ा की अद्भुत घटना, सरकारी संरक्षण योजनाएँ और कछुओं को सुरक्षित देखने के टिप्स हिंदी में।

ओडिशा के समुद्र तट पर 7 लाख कछुओं का रहस...
ओडिशा के समुद्र तट पर 7 लाख कछुओं का रहस...


ओडिशा के तटों पर 7 लाख कछुओं के देखे जाने की घटना एक सत्य घटना है, लेकिन यह पूरा संदर्भ समझना ज़रूरी है। यह घटना प्रमुख रूप से ओलिव रिडले समुद्री कछुओं (Olive Ridley Turtles) के अरिबाड़ा (Arribada – सामूहिक अंडे देने की प्रक्रिया) से जुड़ी है, जो हर साल ओडिशा के कुछ विशिष्ट समुद्र तटों पर होती है। आइए तथ्यों को समझें:

1. क्या सच में 7 लाख कछुए दिखे?

हाँ, लेकिन यह संख्या एक ही बार में नहीं बल्कि पूरे नेस्टिंग सीज़न (दिसंबर-मार्च) में जमा होती है।

गहिरमाथा बीच (Gahirmatha Beach), ओडिशा, दुनिया का सबसे बड़ा ओलिव रिडले कछुओं का प्रजनन स्थल है। यहाँ प्रति सीज़न 3-7 लाख कछुए अंडे देने आते हैं।

2024 में, ओडिशा वन विभाग ने लगभग 4.5 लाख कछुओं के अरिबाड़ा की रिपोर्ट दी थी। 7 लाख का आँकड़ा कभी-कभी मीडिया में एकत्रित आंकड़ों के रूप में प्रकट होता है।

2. यह घटना कहाँ और क्यों होती है?

मुख्य स्थान: गहिरमाथा (केंद्रपाड़ा जिला), रुशिकुल्या नदी का मुहाना और देवी नदी का तट।

कारण: ओलिव रिडले कछुए उष्णकटिबंधीय समुद्रों में प्रजनन के लिए ओडिशा के तटों को चुनते हैं। यहाँ का रेत का तापमान और शांत वातावरण अंडों के हैचिंग के लिए आदर्श है।

3. मीडिया में 7 लाख का आँकड़ा क्यों चर्चा में है?

सामूहिक अरिबाड़ा: कभी-कभी एक ही रात में 50,000-1,00,000 कछुए अंडे देने आते हैं। पूरे सीज़न में यह संख्या लाखों तक पहुँच जाती है।

2025 की रिपोर्ट्स: इस साल जनवरी-फरवरी में बड़े पैमाने पर अरिबाड़ा देखा गया, जिसमें कछुओं की संख्या सामान्य से अधिक थी।

मीडिया एक्सेजरेशन: कभी-कभी "एक साथ 7 लाख" जैसे हेडलाइन्स गलतफहमी पैदा कर देते हैं, जबकि यह संख्या पूरे सीज़न की होती है।

4. संरक्षण के प्रयास और चुनौतियाँ

ओडिशा सरकार ने गहिरमाथा को मरीन सैंक्चुअरी घोषित किया है।

मछली पकड़ने पर प्रतिबंध: अंडे देने के मौसम (नवंबर-मई) में तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने पर रोक।

खतरे: जाल में फँसने, अवैध शिकार और जलवायु परिवर्तन से अंडों का नष्ट होना।

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