चिड़िया और मछली: सपनों को आसमान छूने दो The Short Story of Bird and Fish

चमकी, एक छोटी चिड़िया, आसमान छूने का सपना देखती है, लेकिन मछली सोना पानी में तैरने की ख्वाहिश रखती है। क्या ये दोनों कभी अपने सपनों को पूरा कर पाएंगी?

चिड़िया और मछली: सपनों को आसमान छूने दो...
चिड़िया और मछली: सपनों को आसमान छूने दो...


चमकी, छोटी सी चमकीली चिड़िया, हमेशा ऊंचे नीले आसमान को निहारती रहती थी। पेड़ों की टहनियों पर बैठकर, वह दूर-दूर तक फैले बादलों को देखती और सोचती, "काश मैं भी उतनी ऊंची उड़ पाती!"

उसका दिल आसमान छूने की तड़प से भर जाता। वह पंख फैलाकर पेड़ से पेड़ उछलती, हवा में तैरने का अभ्यास करती। मगर हर बार जमीन से कुछ ही ऊपर जा पाती, फिर वापस लौट आती।

एक दिन, चमकी झील के किनारे फुदक रही थी। सूरज की किरणें पानी पर चमक रही थीं। अचानक, उसने झील के साफ पानी में चंचल मछली, सोना, को देखा। सोना हल्के से पानी में लहरा रही थी, मानो नाच रही हो।

चमकी, अपने अधूरे सपने से उदास होकर, बोली, "काश मैं भी तुम्हारी तरह पानी में तैर पाती!"

सोना पानी से बाहर झांककर मुस्कुराई और बोली, "लेकिन तुम तो आसमान में उड़ सकती हो! यह तो मैं भी नहीं कर सकती।"

चमकी ठिठक गई। उसने सोचा भी नहीं था कि उसकी कमज़ोरी, किसी और के लिए ख्वाहिश बन सकती है। "यह सच है," उसने कहा, "हर किसी की अपनी खास क्षमता होती है।"

उस दिन से, चमकी ने अपने सपने को हासिल करने के लिए और मेहनत करना शुरू कर दिया। उसने हवा के रुख का अध्ययन किया, मजबूत हवाओं का साथ लिया, अलग-अलग पेड़ों से छलांग लगाने का अभ्यास किया। धीरे-धीरे, वह ऊंची और ऊंची उड़ने लगी।

एक सुबह, सूरज की पहली किरणें निकलते ही, चमकी आकाश में ऊंची उड़ रही थी। नीचे उसने झील को देखा, जहां सोना पानी में इधर-उधर तैर रही थी। चमकी खुशी से चहकी और सोना को देखकर बोली, "देखो सोना, मैं आसमान में उड़ रही हूँ!"

सोना भी पानी से बाहर झांककर मुस्कुराई और बोली, "वाह चमकी, तुमने सच में कर दिखाया! मुझे तुम पर बहुत गर्व है।"

उस दिन से, चमकी और सोना एक-दूसरे को प्रेरित करती रहीं। चमकी, ऊंचे आसमान में उड़ान भरती, तो सोना पानी में नाचती। वे दोनों खुश थीं, क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और लगन जरूरी है, साथ ही दूसरों की खुशी में भी खुशी ढूंढनी चाहिए।

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