हृदय का सफर: एक कहानी दोस्ती, त्याग और कर्म की! Short Story in Hindi
यह कहानी दो बचपन के दोस्तों, मीरा और राजा के जीवन का सफर है। मीरा, जो गाँव में रहकर जीवन की सरलता का आनंद लेती है, और राजा, जो शहर की चकाचौंध में खो जाता है।

कहानियाँ Last Update Thu, 19 December 2024, Author Profile Share via
हृदय का सफर: एक कहानी दोस्ती, त्याग और कर्म की
शिवालय के आंगन में बैठी मीरा की उम्र भले कम थी, लेकिन उसकी आँखों में दुनिया का गहरा अनुभव बसा था। उसके सामने बैठा था राजा, उसका बचपन का साथी। उनकी दोस्ती गाँव के खेतों और नदी के तटों पर खिली थी, मिट्टी के खिलौनों और हँसी-खुशी से बनी। आज राजा शहर से लौटा था, पढ़ा-लिखा, सज-धजकर और मीरा को अब भी वही पुराना राजा दिख रहा था।
"शहर कैसा है राजा?" मीरा ने पूछा, आँखों में जिज्ञासा लिए।
"चकाचौंध, मीरा," राजा ने जवाब दिया, आवाज में एक अजीब खोहलापन लिए, "हर कोई भाग रहा है, किसी को किसी की परवाह नहीं।"
मीरा ने पेड़ की छांव में खेलते हुए बिताए दिन याद किए, जब दोस्ती ही सबसे बड़ी दौलत थी। "इस गाँव में भी तो सब भागते हैं," उसने तर्क दिया, "अपने खेतों की ओर, बाजार की ओर, रिश्तों की ओर। पर भागने वाले सभी दुखी नहीं होते ना?"
राजा थम गया। उसने चारों ओर देखा। बच्चों की हँसी, गाँव वालों के मिलनसार बातचीत, परिचित सूरज ढल रहा था - एक शांत सुकून था हर तरफ। उसने महसूस किया कि भागना ज़रूरी नहीं है, बस दिशा सही होनी चाहिए।
वह अगले कुछ दिन गाँव में ही रहा। बच्चों के साथ खेला, बड़ों से कहानियाँ सुनी, मीरा के साथ खेतों में गया। धरती की सोंधी खुशबू, हवा में उड़ते पतंग, रात में टिमटिमाते तारे - एक अनोखी सुंदरता थी यहाँ, शहर में न थी।
शहर लौटने के दिन राजा ने मीरा से कहा, "धन्यवाद, मीरा। तूने मुझे मेरा रास्ता दिखा दिया। भागना नहीं चाहता अब, जीना चाहता हूँ। लोगों के लिए, उनकी खुशियों के लिए अपना कर्म करना चाहता हूँ।"
मीरा मुस्कुराई, उसकी आँखों में गर्व चमक रहा था। राजा चला गया, पर वापस लौटा, एक डॉक्टर के रूप में। उसने गाँव में अस्पताल बनाया, बच्चों को पढ़ाया, लोगों को सिखाया कि कैसे सुख पाया जाता है भागने में नहीं, जीने में।
यह सिर्फ दो बचपन के दोस्तों की कहानी नहीं थी, बल्कि एक गहरे संदेश की कहानी थी। किसी भी दौड़ में शामिल होना जरूरी नहीं है, बल्कि अपने दिल की सुनकर सही रास्ते पर चलना जरूरी है। सच्चा सुख कर्म में है, रिश्तों में है, अपने आसपास को बेहतर बनाने में है। यह कहानी उन सबको सोचने के लिए है जो भाग रहे हैं, जिन्हें लगता है कि खुशी कहीं और है। शायद खुशी आपके ही आसपास है, बस उसे देखने, समझने और जीने की जरूरत है।
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