अकेली यात्रा और खौफनाक चेतावनी: डरावनी कहानी हिंदी में | Short Horror Story in Hindi
अदिति की रात की बस यात्रा पहाड़ों और जंगलों से होकर गुजरी, जहां अजीब आवाजें और डरावनी आकृतियां उसका पीछा करती रहीं। सुबह सब कुछ सपना लगा, लेकिन बाहर खड़ी वही बस क्या सच में सपना था...
![अकेली यात्रा और खौफनाक चेतावनी: डरावनी क...](https://www.tathyatarang.com/public/uploads/articles/horror-short-story-hindi-663a75ad84a53.webp)
कहानियाँ Last Update Sat, 25 January 2025, Author Profile Share via
अकेली यात्रा
अदिति पहाड़ों के बीच बने एक छोटे से गांव की रहने वाली थी. उसे शहर की चकाचौंध से दूर, पहाड़ों की शांत वादियां बहुत पसंद थीं. एक शाम उसे अचानक अपने बीमार दादी से मिलने शहर जाना पड़ा. बस का टाइम शाम का था. पहाड़ों में जल्दी रात हो जाती है, इसलिए अदिति थोड़ी घबराई हुई थी.
बस स्टेशन पर सन्नाटा था. कुछ देर इंतजार के बाद एक पुरानी, जंग लगी बस आई. ड्राइवर एक लंबा, दुबला आदमी था. उसके चेहरे पर एक भी भाव नहीं था. अदिति बस में अकेली सवार थी. उसने सबसे आगे वाली सीट ली और खिड़की के पास बैठ गई.
भयानक सफर
बस चल पड़ी. जैसे-जैसे रात गहराती गई, वैसे-वैसे पहाड़ों के घने जंगल में अंधेरा गहरा होता गया. पेड़ों की काली परछाई खिड़की से अंदर झांकने लगती थीं. अजीब सी सन्नाटा और तेज हवा की आवाज अदिति को और ज्यादा डरा रही थी.
कुछ देर बाद बस एक सुनसान रास्ते पर मुड़ गई, जो गांवों से होकर जाता था. रास्ते में अक्सर अंधेरे में झोंपड़ियां दिखतीं, जिनके टूटे हुए दरवाजों से अजीब सी रोशनी बाहर आ रही थी. अदिति को लगा शायद यह रास्ता गलत है.
तभी अचानक बस रुक गई. ड्राइवर ने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा और कहा, "कुछ देर रुकना पड़ेगा, गाड़ी खराब हो गई है."
अदिति घबरा गई. उसने पूछा, "यहां कहां रुके हैं? आसपास कोई गांव भी तो नहीं है."
ड्राइवर ने कुछ नहीं कहा. बस सन्नाटे में खड़ी रही. समय कटने का नाम नहीं ले रहा था. अदिति डर के मारे कांप रही थी. तभी उसे खिड़की के बाहर कुछ हलचल सुनाई दी. उसने झांक कर देखा तो सड़क के किनारे अजीब सी आकृतियां खड़ी थीं. उनकी आंखें चमक रही थीं और वे अजीब सी आवाजें निकाल रहे थे.
सपना या सच
अदिति चीखने लगी पर उसकी आवाज जंगल में खो गई. अचानक बस का दरवाजा खुल गया. वे खौफनाक आकृतियां बस के अंदर घुसने लगीं. अदिति जोर-जोर से चिल्ला रही थी, पर कोई उसकी मदद करने वाला नहीं था.
अचानक अदिति की आंख खुल गई. वह अपने बिस्तर पर बैठी हुई थी. पसीने से तर-बतर थी. बाहर सूरज की रोशनी आ रही थी. वह बस एक बुरा सपना था.
अदिति ने राहत की सांस ली. पर उसे अभी भी उस रात के सफर का खौफ सता रहा था. वह उठी और खिड़की के पास गई. नीचे सड़क पर वही पुरानी बस खड़ी थी, जिसे उसने सपने में देखा था. बस का दरवाजा खुला हुआ था और ड्राइवर कहीं नहीं था. अदिति की चीख निकल गई. शायद वह सपना नहीं, बल्कि एक भयानक चेतावनी थी. अदिति दौड़कर अपने माता-पिता के कमरे में गई. उसने उन्हें रात का सपना बताया और सुबह खिड़की से देखी बस के बारे में भी बताया.
उसके माता-पिता पहले तो उसे शांत करने लगे, यह कहकर कि यह सिर्फ एक बुरा सपना था. पर अदिति जिद करती रही. मजबूर होकर उसके पिता नीचे गए और सड़क पर खड़ी बस को देखने गए.
कुछ देर बाद वह वापस आए, उनके चेहरे पर परेशानी के भाव थे. उन्होंने अदिति को बताया कि वहां कोई बस नहीं खड़ी है. शायद वह बस सचमुच में एक सपना ही थी.
लेकिन उस रात के बाद अदिति को कभी भी शाम के बाद अकेले यात्रा नहीं करनी पड़ी. और जब भी उसे देर रात सड़क पर कोई अजीब सी आवाज सुनाई देती थी, तो उसे उस खौफनाक सपने की याद आ जाती थी. शायद वह सपना था या शायद एक ऐसी भयानक चेतावनी जिसे उसने अनदेखा कर दिया था.
Related Articles
कहानियाँ
चर्चा में
जीवनी
रोचक तथ्य
- पक्षियो के रोचक तथ्य
- जानवरों के रोचक तथ्य
- प्रकृति के रोचक तथ्य
- मानव के रोचक तथ्य
- इतिहास के रोचक तथ्य
- कीट-पतंगों के रोचक तथ्य
- खाने-पीने के रोचक तथ्य
- खगोलशास्त्र के रोचक तथ्य
- भूतिया और रहस्यमय तथ्य
- प्राकृतिक आपदाओं के तथ्य
- भौगोलिक तथ्य
- संस्कृति के रोचक तथ्य
- आयुर्वेदिक तथ्य
- खेलों के रोचक तथ्य
- शिक्षा के रोचक तथ्य
- मछलियों के रोचक तथ्य
- फूलों के रोचक तथ्य
- विज्ञान के रोचक तथ्य
- स्थानों के रोचक तथ्य