चलता-फिरता पुस्तकालय! रिक्शा वाला राहुल : सपनों की सवारी कहानी Inspiring Short Story

यह कहानी दिल्ली के एक रिक्शा चालक, राहुल के बारे में है। राहुल सिर्फ रिक्शा नहीं चलाता था, बल्कि वो एक चलता-फिरता पुस्तकालय भी था। रिक्शे में पीछे की सीट पर हमेशा किताबें सजी रहती...

चलता-फिरता पुस्तकालय! रिक्शा वाला राहुल...
चलता-फिरता पुस्तकालय! रिक्शा वाला राहुल...


चलता-फिरता पुस्तकालय! रिक्शा वाला राहुल

दिल्ली की व्यस्त सड़कों पर हजारों रिक्शे दौड़ते थे, उनकी खनखनाहट शहर का एक अलग ही संगीत बनाती थी। इन रिक्शों में से एक रिक्शा चलाता था राहुल। उम्र के बावजूद चेहरे पर एक चमक और आंखों में एक खास सपना लिए राहुल यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाता था।

राहुल सिर्फ रिक्शा चलाने वाला ही नहीं था, बल्कि चलता- फिरता पुस्तकालय भी था। उसके रिक्शे में पीछे की सीट पर हमेशा किताबें सजी रहती थीं। यात्रियों का इंतजार करते समय वो किताबें पढ़ता और सफर के दौरान कभी-कभी यात्रियों से किताबों के बारे में बातें भी करता था।

एक बार राहुल की सवारी बनी एक कॉलेज की छात्रा, अंकिता। अंकिता ने रिक्शे के पीछे सजी किताबों को देखकर राहुल से बात करना शुरू कर दिया। बातों ही बातों में राहुल ने अंकिता को बताया कि वो शाम को पढ़ाई करता है और उसका सपना इतिहास का प्रोफेसर बनना है।

अंकिता राहुल की लगन और उसके सपने से बहुत प्रभावित हुई। उसने राहुल को रात में पढ़ाई करने में मदद करने का फैसला किया। वो राहुल को कोचिंग क्लासेज की पुरानी किताबें लाकर देती और रात के समय रिक्शे के पास ही बैठकर उसे पढ़ाती।

कुछ समय बाद राहुल ने इतिहास की प्रवेश परीक्षा दी और उसमें पास भी हो गया। अंकिता की मदद और अपनी लगन से राहुल ने अपना सपना पूरा कर लिया। वो कॉलेज में इतिहास का प्रोफेसर बन गया।

प्रोफेसर राहुल बनने के बाद भी वो कभी अपने पुराने रिक्शे को नहीं भूला। उसने उस रिक्शे को कॉलेज के बाहर खड़ा कर दिया और वहां आने-जाने वाले गरीब छात्रों को मुफ्त में लिफ्ट देने लगा। साथ ही, उसने रिक्शे में पहले की तरह ही किताबें रखीं, ताकि छात्र इंतजार करते समय पढ़ सकें।

राहुल की कहानी सिर्फ एक रिक्शा चालक की कहानी नहीं थी, बल्कि सपनों को पाने की जिद और उसे पाने के लिए की गई मेहनत की कहानी थी। राहुल ने ये साबित कर दिया कि सपने किसी मंजिल तक पहुंचने का जरिया होते हैं, और उन्हें पाने के लिए रास्ते खुद बनते हैं।

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