जैसे को तैसा: 5 प्रेरणादायक कहानियाँ जो सिखाती हैं कर्मों का फल

इस लेख में पढ़ें पाँच प्रेरणादायक कहानियाँ “जैसे को तैसा” के सिद्धांत पर आधारित। जानिए कैसे विभिन्न पात्रों ने अपने कर्मों का परिणाम स्वयं भुगता।

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5 प्रेरणादायक कहानियाँ जो सिखाती हैं कर्मों का फल

1. पड़ोसी का सबक

राहुल और संजय दोनों गाँव में पड़ोसी थे। राहुल ईमानदारी और मेहनत के लिए जाना जाता था, जबकि संजय एक चालाक और स्वार्थी व्यक्ति था। संजय हमेशा राहुल के खेतों में घुसकर नुकसान करता और उससे फायदे उठाता। एक दिन, संजय ने जानबूझकर राहुल की फसल को नुकसान पहुँचाया, जिससे राहुल की मेहनत पर पानी फिर गया।

राहुल ने तय किया कि वह संजय को वैसा ही सबक सिखाएगा जैसा संजय ने उसे सिखाया। राहुल ने संजय के खेत में जाकर कुछ छुपी हुई बीमारियों को फैलाने का काम किया, जिससे संजय की फसल भी बर्बाद हो गई। जब संजय ने देखा कि उसकी फसल भी उसी तरह से बर्बाद हो गई है, तो वह समझ गया कि राहुल ने उसे उसी का सबक सिखाया है।

संजय को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने राहुल से माफी मांगी। दोनों ने इस घटना के बाद एक-दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करने का निर्णय लिया और गाँव में शांति और सहयोग का माहौल स्थापित किया।

2. धोखाधड़ी का परिणाम

विनीत और अंशु अच्छे दोस्त थे, लेकिन अंशु ने एक दिन विनीत की निष्ठा का फायदा उठाया। अंशु ने विनीत को एक झूठी पेशकश की और उसकी सेवाओं का गलत उपयोग किया, जिससे विनीत को काफी नुकसान हुआ।

विनीत ने अंशु की धोखाधड़ी का जवाब देने का फैसला किया। उसने कानूनी कार्रवाई करने का कदम उठाया और अंशु के खिलाफ सबूत पेश किए। अंशु को जब समझ में आया कि उसके किए कर्म अब उसके खिलाफ हो रहे हैं, तो उसने विनीत से संपर्क किया और उसकी गलती स्वीकार की।

अंशु ने विनीत से माफी मांगी और वादा किया कि वह भविष्य में ईमानदारी से ही काम करेगा। इस घटना ने अंशु को सच्चाई और नैतिकता का महत्व सिखाया और विनीत की ईमानदारी को सम्मान दिया।

3. झगड़े का जवाब

सोनू और मोहन में हमेशा छोटे-छोटे झगड़े होते रहते थे। मोहन ने एक दिन सोनू की पीठ पीछे उसके बारे में गंदे शब्द कहे, जो सोनू को बहुत बुरा लगा। सोनू ने ठान लिया कि वह मोहन को उसी तरह से उत्तर देगा जैसा मोहन ने किया था।

सोनू ने मोहन के बारे में बातें फैलानी शुरू की और उसके सम्मान को नुकसान पहुँचाया। मोहन को जब पता चला कि सोनू ने उसे वैसा ही जवाब दिया है जैसा उसने किया था, तो उसने अपनी गलती का एहसास किया।

मोहन ने सोनू से माफी मांगी और दोनों ने अपनी दुश्मनी को भुलाकर एक नई शुरुआत की। उन्होंने समझा कि तकरार और विवाद केवल आपसी रिश्तों को नुकसान पहुँचाते हैं और अच्छे व्यवहार से ही शांति स्थापित की जा सकती है।

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