5G बनाम 4G: नेटवर्क कवरेज का फासला और तकनीक का कमाल! Difference between 5G and 4G

5G and 4G: 5G तकनीक के आने से मोबाइल इंटरनेट की दुनिया में एक नई क्रांति आई है। सुपरफास्ट स्पीड और कम लेटेंसी के वादे के साथ 5G ने सबका ध्यान खींचा है। लेकिन क्या आपने गौर किया है...

5G बनाम 4G: नेटवर्क कवरेज का फासला और तक...
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5G की तकनीक: एक नज़र

5G, यानी पांचवीं पीढ़ी की वायरलेस तकनीक, कई मायनों में 4G से अलग है। यह न सिर्फ तेज़ गति प्रदान करती है, बल्कि एक साथ कई डिवाइस को जोड़ने की क्षमता भी रखती है। 5G मुख्य रूप से तीन अलग-अलग फ्रीक्वेंसी बैंड पर काम करता है:

लो-बैंड (Low-band): यह 4G के समान फ्रीक्वेंसी पर काम करता है और व्यापक कवरेज प्रदान करता है, लेकिन स्पीड अपेक्षाकृत कम होती है।

मिड-बैंड (Mid-band): यह लो-बैंड और हाई-बैंड के बीच संतुलन बनाता है। यह अच्छी स्पीड और ठीक-ठाक कवरेज देता है।

हाई-बैंड (High-band): यह सबसे तेज़ स्पीड प्रदान करता है, लेकिन इसकी पहुंच सीमित होती है और यह आसानी से रुकावटों से प्रभावित होता है।

कम कवरेज के कारण

उच्च फ्रीक्वेंसी: 5G मुख्य रूप से हाई-बैंड फ्रीक्वेंसी का उपयोग करता है, जो तेज़ गति तो देता है लेकिन दूर तक नहीं पहुंच पाता। ऊंची इमारतें, पेड़, और अन्य रुकावटें इसके सिग्नल को कमजोर कर देती हैं।

नया इंफ्रास्ट्रक्चर: 5G अभी भी नया है और इसके लिए बड़े पैमाने पर नया इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जा रहा है। 4G की तुलना में 5G टावरों की संख्या काफी कम है, जिससे इसका कवरेज सीमित है।

अधिक टावरों की आवश्यकता: 5G सिग्नल की सीमित पहुंच के कारण, व्यापक कवरेज के लिए अधिक टावरों की आवश्यकता होती है। यह एक महंगा और समय लेने वाला काम है।

भविष्य की संभावनाएं

हालांकि अभी 5G का कवरेज कम है, लेकिन इसमें तेजी से सुधार हो रहा है। टेलीकॉम कंपनियां लगातार नए टावर लगा रही हैं और तकनीक में सुधार कर रही हैं। आने वाले समय में, 5G का कवरेज 4G के बराबर या उससे भी बेहतर हो सकता है।

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