करत हो तो कर; मत कर; करने का ध्यान; करत ह्ये तो कर; मत कर; मत करने का ध्यान

कबीर का प्रसिद्ध दोहा एक अविनाशी ज्ञान का टुकड़ा प्रदान करता है जो हमें हमारे दैनिक जीवन में मार्गदर्शन कर सकता है। यह हमें हमारे कार्यों में निर्णायक, सचेत और केंद्रित होने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस दोहे में निहित सिद्धांतों को अपनाकर, हम शांति, स्पष्टता और पूर्णता की भावना विकसित कर सकते हैं।



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