"मातु पिता गुर प्रभु कै बानी" – बिना विचार किए इन्हें शुभ मानें

हमारे जीवन में माता-पिता, गुरु और ईश्वर का स्थान अद्वितीय है। वे हमें सही मार्ग दिखाते हैं और जीवन को सही दिशा में ले जाते हैं। यह दोहा हमें सिखाता है कि इनकी वाणी को बिना सोचे-समझे शुभ मानना और उनका अनुसरण करना ही हमारे जीवन को समृद्ध और सफल बना सकता है।



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