दिवाली और धनतेरस के बीच क्या संबंध है? | जानिए धन, स्वास्थ्य और शुभ मुहूर्त से जुड़े रोचक तथ्य

दिवाली और धनतेरस का क्या संबंध है? जानिए इस पावन पर्व के धार्मिक, ज्योतिषीय और ऐतिहासिक तथ्य — कब मनाई जाती है धनतेरस और क्यों होती है दिवाली से जुड़ी।

दिवाली और धनतेरस के बीच क्या संबंध है? | जानिए धन, स्वास्थ्य और शुभ मुहूर्त से जुड़े रोचक तथ्य

दिवाली और धनतेरस का संबंध: परंपरा, अर्थ और इतिहास

दिवाली और धनतेरस दोनों ही भारतीय संस्कृति के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से हैं। ये न केवल उत्सव का प्रतीक हैं बल्कि समृद्धि, स्वास्थ्य और शुभता के प्रतीक भी माने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस और दिवाली का आपस में गहरा संबंध है?

धनतेरस क्या है?

धनतेरस का अर्थ होता है — ‘धन’ अर्थात समृद्धि और ‘तेरस’ अर्थात कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि। यह दिन भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें आयुर्वेद का जनक माना जाता है। भगवान धन्वंतरि हिंदू धर्म में आयुर्वेद और चिकित्सा के देवता हैं, और उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।

दिवाली से पहले क्यों मनाई जाती है धनतेरस?

धनतेरस दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है। यह पाँच दिवसीय दीपोत्सव का पहला दिन होता है — जिसके बाद क्रमशः नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली और गोवर्धन पूजा आता है।

धनतेरस का दिवाली से आध्यात्मिक संबंध

धनतेरस स्वास्थ्य और आयु से जुड़ी है, जबकि दिवाली धन और सफलता का उत्सव है। दोनों मिलकर जीवन में “आरोग्य और ऐश्वर्य” का संतुलन स्थापित करते हैं। यही कारण है कि पहले धनतेरस पर आरोग्य की प्रार्थना और फिर दिवाली पर लक्ष्मी पूजन किया जाता है।

धनतेरस की ऐतिहासिक कथा

पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब अमृत कलश निकला, तब भगवान धन्वंतरि उस कलश के साथ प्रकट हुए। इसी कारण यह दिन धनतेरस कहलाया और इस दिन धातु की वस्तु या बर्तन खरीदना शुभ माना गया।

👉 इसलिए, धनतेरस दिवाली की ऊर्जा का प्रथम द्वार है — जो स्वास्थ्य, समृद्धि और शुभता का संकेत देता है।

दिवाली और धनतेरस से जुड़े रोचक तथ्य

1️⃣ दिवाली का पांच दिवसीय क्रम

  • धनतेरस – आरोग्य और धन की शुरुआत
  • नरक चतुर्दशी – नकारात्मक ऊर्जा का अंत
  • दीपावली – लक्ष्मी और गणेश पूजन
  • गोवर्धन पूजा – प्रकृति का सम्मान
  • भाई दूज – प्रेम और संबंधों का उत्सव

2️⃣ धनतेरस पर क्या खरीदें?

परंपरा के अनुसार इस दिन सोना, चांदी, तांबा या स्टील का बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। यह आने वाले वर्ष में समृद्धि का प्रतीक है।

3️⃣ ज्योतिषीय दृष्टिकोण

धनतेरस के दिन धन के ग्रह कुबेर और स्वास्थ्य के ग्रह चंद्रमा विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। यह समय सकारात्मक ऊर्जा का आरंभ माना जाता है।

4️⃣ वैज्ञानिक दृष्टिकोण

इस समय वर्षा ऋतु समाप्त होती है और शीत ऋतु प्रारंभ होती है। आयुर्वेद के अनुसार यह शरीर को शुद्ध और ऊर्जा से भरने का उत्तम समय है।

5️⃣ दिवाली और धनतेरस का सांस्कृतिक प्रभाव

इन दोनों त्योहारों का उद्देश्य केवल पूजा नहीं बल्कि समाज में एकता, सौहार्द और खुशहाली फैलाना है। ये त्योहार आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि व्यापारिक वर्ष का आरंभ इसी समय होता है।

👉 धनतेरस और दिवाली साथ मिलकर एक सुंदर संदेश देती हैं — “स्वास्थ्य में समृद्धि और समृद्धि में स्वास्थ्य।”

Frequently Asked Questions

धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है और यह उत्सव की शुरुआत को दर्शाता है।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को।

सोना, चांदी, बर्तन या धातु से बनी वस्तुएँ।

नहीं, यह भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा का दिन है।

समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार।

Comments (0)

Leave a comment

Latest comments
  • Be the first to comment.