जिंदगी और मौत के रोचक तथ्य! 20+ Facts About Life and Death
जिंदगी एक खूबसूरत सफर है, मगर हर सफर की तरह इसका भी एक अंत होता है - मौत. आज हम इस लेख में जीवन और मृत्यु से जुड़े कुछ अनोखे और रोचक तथ्यों पर चर्चा करेंगे - जन्म के समय की यादें,मरने के बाद भी चलते रहने वाले बाल और नाखून,क्या मरते समय दर्द होता है?
रोचक तथ्य By Tathya Tarang, Last Update Sun, 10 November 2024, Share via
जिंदगी और मौत: अनोखे तथ्य!
जीवन की शुरुआत और अंत का रहस्य: हमारी जिंदगी एक कोशिका के विभाजन से शुरू होती है और उसी कोशिकाओं के मरने से खत्म हो जाती है. मृत्यु का कारण अंगों का काम बंद हो जाना होता है.
मस्तिष्क की मौत के 20 सेकंड बाद तक: हालांकि दिल धड़कना बंद हो जाता है, लेकिन दिमाग कोशिकाएं 20 सेकंड तक सक्रिय रह सकती हैं. कुछ शोध बताते हैं कि इस दौरान इंसान को होश आ सकता है, लेकिन वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी है.
हम रोते हुए पैदा होते हैं, हंसते हुए नहीं: एक नवजात शिशु के आंसू नलिकाएं पूरी तरह विकसित नहीं होती हैं, इसलिए वे किसी भावनात्मक कारण से नहीं बल्कि जन्म नहर से बाहर आने के दबाव या नाक-आंख साफ होने की वजह से रोते हैं.
हर रोज़ हज़ारों की तादाद में लोग मरते हैं : दुनिया भर में हर रोज़ लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. यानी हर मिनट लगभग 100 से ज्यादा लोग दुनिया छोड़ देते हैं.
शरीर खुद को खाना शुरू कर देता है: मौत के बाद शरीर में रक्त संचार रुक जाता है, जिससे कोशिकाओं तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता. ऑक्सीजन की कमी से कोशिकाएं टूटने लगती हैं और शरीर खुद को ही पचाने लगता है.
बाल और नाखून मरने के बाद भी बढ़ते रहते हैं: बाल और नाखून जीवित ऊतक नहीं होते, इसलिए मृत्यु के बाद भी कुछ समय तक इनका बढ़ना जारी रह सकता है, लेकिन यह धीमी गति से होता है.
कान सबसे अंत में मरते हैं: हमारे शरीर के अंगों में से कान सबसे अंत में काम करना बंद करते हैं. मौत के बाद भी कुछ देर तक सुनने की क्षमता बची रह सकती है.
मरने के बाद भी हिचकी आ सकती है: मृत्यु के बाद भी शरीर की कुछ क्रियाएं अनैच्छिक रूप से कुछ समय तक चल सकती हैं, जिनमें से हिचकी भी एक है.
मौत के बाद शरीर हल्का हो जाता है: कुछ मान्यताओं के विपरीत, आत्मा निकलने से वजन कम नहीं होता. मृत्यु के बाद शरीर से गैस निकलने और तरल पदार्थ सूखने के कारण वजन थोड़ा कम हो सकता है.
हर किसी को एक ना एक दिन मरना है: यह जीवन का कठोर सच है. हालांकि मृत्यु अपरिहार्य है, लेकिन हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं और प्रेम, करुणा और खुशी से भर सकते हैं.
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जिंदगी और मौत के अनछुए रहस्य
जीवन और मृत्यु - ये दो शब्द हमारे अस्तित्व की धुरी हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक का सफर अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है। आइए, आज हम उनमें से कुछ अनछुए तथ्यों पर गौर करें:
पैर की अंगुली का रहस्य:
हमारे शरीर में सबसे धीमी गति से बढ़ने वाला अंग कौन सा है? जवाब है - पैर का बड़ा अंगूठा (Big Toe)! यह अंगूठा जीवन भर धीमी गति से बढ़ता रहता है, भले ही हमारी बाकी हड्डियाँ अपना विकास पूरा कर लें।
हंसने और छींकने का कनेक्शन:
कभी ज़ोर से हंसते वक्त अचानक छींक आ गई है? यह महज़ संयोग नहीं है! तेज़ हवा का ब प्रवाह (flow) हमारे नाक और गले को उत्तेजित कर सकता है, जिसके कारण छींक आती है। यही कारण है कि ज़ोर से हंसते समय या फिर मिर्च खाने के बाद छींक आने की संभावना ज़्यादा रहती है।
सपनों का विज्ञान:
हमें सपने क्यों आते हैं? इस सवाल का वैज्ञानिकों के पास अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं है। लेकिन, कुछ शोध बताते हैं कि सपने हमारे दिमाग को दिनभर की गतिविधियों और भावनाओं को संसाधित करने में मदद करते हैं। साथ ही, ये रचनात्मकता को बढ़ावा देने और भविष्य की योजना बनाने में भी भूमिका निभा सकते हैं।
जन्म के समय की यादें:
क्या छोटे बच्चों को जन्म के समय की यादें रहती हैं? वैज्ञानिकों का मानना है कि शायद नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि जन्म के समय हमारा दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं होता है, और यादें बनाने की क्षमता बाद में विकसित होती है।
अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियाँ:
अंतरिक्ष में रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती हैं, वजह है गुरुत्वाकर्षण का अभाव। पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण हमारी हड्डियों को मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन अंतरिक्ष में इसकी कमी के कारण हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है।
मरने के बाद भी चलते रहने वाले बाल और नाखून:
यह सच है! बाल और नाखून जीवित ऊतक नहीं होते, बल्कि मृत कोशिकाओं से बने होते हैं। इसलिए, मृत्यु के बाद भी कुछ समय तक इनका बढ़ना जारी रह सकता है। हालांकि, यह धीमी गति से होता है।
दिल की धड़कनें माँ के गर्भ में सबसे तेज़:
माँ के गर्भ में पल रहे शिशु का दिल जन्म लेने वाले किसी भी इंसान से कहीं ज़्यादा तेज़ गति से धड़कता है। गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में शिशु का दिल प्रति मिनट 160 से 180 बार धड़क सकता है, जो एक वयस्क के दिल की दर से लगभग दोगुना है।
जिंदगी और मौत के रोचक तथ्य
जीवन और मृत्यु - ये दो पहलू एक सिक्के के समान हैं। एक जन्म देता है तो दूसरा जीवन लील लेता है. आइए डालते हैं इनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर एक नजर:
दिमाग की आखिरी चमक: हालांकि दिल धड़कना बंद हो जाता है, लेकिन दिमाग की कोशिकाएं मृत्यु के 20 सेकंड बाद तक भी सक्रिय रह सकती हैं। कुछ शोध बताते हैं कि इस दौरान इंसान को होश आ सकता है, लेकिन वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी है.
आँसू खुशी के नहीं:
नवजात शिशु के आंसू नलिकाएं पूरी तरह विकसित नहीं होती हैं। इसलिए जन्म के समय वे किसी भावनात्मक कारण से नहीं बल्कि जन्म नहर से बाहर आने के दबाव या नाक-आंख साफ होने की वजह से रोते हैं.
हम रोज़ जहर खाते हैं:
सेब के बीज में थोड़ी मात्रा में एक ऐसा तत्व होता है जो टूटने पर हाइड्रोजन सायनाइड (hydrogen cyanide) नामक जहर पैदा कर सकता है। हालांकि, मात्रा बहुत कम होने के कारण सेब का सेवन करना सुरक्षित है.
कब्रिस्तान में उगने वाला पेड़:
कब्रिस्तान में उगने वाले कुछ पेड़ों की जड़ें मृत शरीरों से पोषक तत्व ग्रहण कर लेती हैं। इसलिए माना जाता है कि ऐसे पेड़ों के फल खाने से लाजिमी तौर पर परहेज किया जाता है. (इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।)
बिल्ली की नौं जिंदगियां:
यह सिर्फ एक कहावत है। बिल्लियां भी अन्य जीवों की तरह ही नश्वर हैं। उनकी लचीलापन, संतुलन और गिरने से बचने की क्षमता के कारण शायद यह मिथक प्रचलित हुआ है।
पलक झपकने का राज:
हम हर मिनट में औसतन 15-20 बार पलक झपकाते हैं। यह आंखों को सूखाने, धूल मिटाने और फोकस बनाए रखने में मदद करता है।
सपने हमेशा रंगीन नहीं:
कुछ लोगों को सिर्फ काले और सफेद सपने आते हैं। यह असामान्य नहीं है और किसी भी तरह से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा नहीं है।
चुप रहना सेहत के लिए फायदेमंद:
शोरगुल भरे वातावरण की तुलना में शांत वातावरण रक्तचाप को कम करने और तनाव कम करने में मदद करता है।
जीवन और मृत्यु के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जीवन और मृत्यु - ये दो शाश्वत सत्य हैं, जिनके बारे में हर किसी के मन में कभी न कभी सवाल उठते हैं। आइए, जीवन और मृत्यु से जुड़े कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब ढूंढते हैं:
1. क्या मरने के बाद कुछ होता है?
यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब सदियों से दार्शनिक और धर्मगुरु खोज रहे हैं। विज्ञान अभी तक मृत्यु के बाद के जीवन को प्रमाणित नहीं कर पाया है। मृत्यु के बाद शरीर के कार्य समाप्त हो जाते हैं और चेतना खो जाती है। विभिन्न धर्मों में मृत्यु के बाद आत्मा के पुनर्जन्म या स्वर्ग-नरक की अवधारणाएं हैं, लेकिन इनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
2. हम कब मरेंगे?
दुर्भाग्य से, मृत्यु का समय निश्चित नहीं है। दुर्घटना, बीमारी या उम्र बढ़ने जैसे कई कारक मृत्यु का कारण बन सकते हैं। हालांकि, जीवनशैली में सुधार, स्वस्थ भोजन और व्यायाम से हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं और अपनी आयु को बढ़ा सकते हैं।
3. क्या मरते समय दर्द होता है?
मृत्यु के अनुभव हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि मृत्यु किस कारण से हो रही है। गंभीर बीमारी या चोट से मृत्यु होने पर दर्द हो सकता है, लेकिन बेहोशी या कोमा की स्थिति में दर्द का अनुभव नहीं होता.
4. क्या मरने के बाद शरीर सचमुच सड़ जाता है?
जी हां ( Yes), मृत्यु के बाद शरीर सड़ने लगता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीव शरीर के कार्बनिक पदार्थों को खा जाते हैं।
5. क्या हम मृत्यु को टाल सकते हैं?
आधुनिक विज्ञान मृत्यु को हमेशा के लिए टालने में अभी तक सफल नहीं हुआ है। लेकिन चिकित्सा विज्ञान के विकास के साथ गंभीर बीमारियों का इलाज संभव हो रहा है और लोगों की औसत आयु बढ़ रही है।
6. मृत्यु के बारे में सोचने से डर क्यों लगता है?
अनिश्चितता का सामना करना इंसानों के स्वभाव में है। मृत्यु एक अनिश्चितता है, इसलिए इसके बारे में सोचने पर डर लगना स्वाभाविक है। हालांकि, जीवन और मृत्यु एक सिक्के के दो पहलू हैं। मृत्यु के बारे में जागरूकता हमें जीवन को और सार्थक बनाने के लिए प्रेरित कर सकती है।
7. मृत्यु का सामना कैसे करें?
हर व्यक्ति मृत्यु का सामना अपने तरीके से करता है। कुछ लोग धर्म का सहारा लेते हैं, तो कुछ प्रियजनों के साथ समय बिताकर इस कठिन समय से गुजरते हैं। मृत्यु से जुड़े भय और दुख को स्वीकारना और जीवन के अंतिम पलों को सार्थक बनाने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है।
8. किसी प्रियजन की मृत्यु के बाद दुख से कैसे उबरें?
किसी प्रियजन की मृत्यु गहरा आघात पहुँचाती है। दुख और शोक मनाना स्वाभाविक है। समय के साथ दुख कम होता जाता है। परिवार और दोस्तों का सहारा लें, अपने आप को व्यस्त रखें और धीरे-धीरे सामान्य जीवन में लौटने का प्रयास करें। पेशेवर मदद लेने में भी कोई संकोच न करें।
9. क्या मरने के बाद भी कोई संकेत मिलते हैं?
कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि मृत व्यक्ति किसी न किसी रूप में संकेत भेजते हैं। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। यह आस्था और विश्वास का विषय है।