समय के साथ बदलती 50 बातें: एक सफर बीते कल से आज तक! Things Changing with Time

समय के साथ बदलती 50 बातें: यह लेख आपको एक ऐसे सफर पर ले जाएगा जहाँ हम देखेंगे कि कैसे छोटी-छोटी, और कभी-कभी बड़ी-बड़ी बातें समय की धारा में बहकर बदल जाती हैं।

समय के साथ बदलती 50 बातें: एक सफर बीते क...
समय के साथ बदलती 50 बातें: एक सफर बीते क...


1. संचार के साधन:

पहले: चिट्ठियों का इंतज़ार, ट्रंक कॉल की लंबी कतारें।

अब: व्हाट्सएप पर पल भर में बात, वीडियो कॉल पर आमने-सामने।

2. मनोरंजन के तरीके:

पहले: आकाशवाणी पर समाचार, दूरदर्शन पर चित्रहार।

अब: नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज़, यूट्यूब पर लाखों वीडियो।

3. खरीदारी का अंदाज़:

पहले: बाज़ार की रौनक, दुकानदार से मोल-भाव।

अब: अमेज़न पर क्लिक, सामान घर बैठे।

4. शिक्षा का माहौल:

पहले: ब्लैकबोर्ड पर चौक की आवाज़, गुरुजी की डाँट।

अब: ऑनलाइन क्लासेस, डिजिटल किताबें।

5. खान-पान की आदतें:

पहले: घर का बना खाना, त्योहारों पर खास पकवान।

अब: ज़ोमैटो से खाना मंगवाना, कैफे में दोस्तों के साथ पार्टी।

6. फैशन का ट्रेंड:

पहले: सिंपल सलवार सूट, बालों में चोटी।

अब: रिप्ड जींस, स्टाइलिश हेयरकट।

7. यात्रा के साधन:

पहले: साइकिल, बस का सफर।

अब: प्लेन से घूमना, मेट्रो का आराम।

8. बच्चों के खेल:

पहले: गिल्ली-डंडा, कंचे, लुका-छिपी।

अब: मोबाइल गेम्स, वीडियो गेम्स।

9. शादी-ब्याह की रस्में:

पहले: सादगी भरा माहौल, परिवार के साथ मिलन।

अब: डेस्टिनेशन वेडिंग, थीम पार्टी।

10. काम करने का तरीका:

पहले: ऑफिस जाना, फाइलों का ढेर।

अब: वर्क फ्रॉम होम, ईमेल पर बातचीत।

11. स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता:

पहले: "जो होगा देखा जाएगा" वाला रवैया, डॉक्टर के पास जाने में झिझक।

अब: योग, जिम, हेल्दी डाइट, रेगुलर चेकअप।

12. डेटिंग का तरीका:

पहले: पार्क में मुलाकात, चिट्ठियों में प्यार का इज़हार।

अब: टिंडर पर स्वाइप, ऑनलाइन चैट में दिल की बात।

13. शादी की उम्र:

पहले: 20 की उम्र में शादी, जल्दी घर बसाना।

अब: 30 की उम्र में भी सिंगल, करियर को प्राथमिकता।

14. समाचार जानने का ज़रिया:

पहले: सुबह अखबार का इंतज़ार, शाम को दूरदर्शन पर समाचार।

अब: मोबाइल पर न्यूज़ ऐप, सोशल मीडिया पर अपडेट्स।

15. पैसे का लेन-देन:

पहले: जेब में नकदी, बैंक में चेक जमा करना।

अब: पेटीएम, गूगल पे, ऑनलाइन ट्रांसफर।

16. बच्चों की परवरिश:

पहले: संयुक्त परिवार में रहना, दादा-दादी का साथ।

अब: न्यूक्लियर फैमिली, डे केयर और नैनी का सहारा।

17. फोटो खींचने का शौक:

पहले: कैमरे में रील, फोटो स्टूडियो में जाना।

अब: मोबाइल से सेल्फी, इंस्टाग्राम पर शेयर।

18. शादी में दहेज:

पहले: दहेज एक प्रथा, लड़की वालों पर बोझ।

अब: दहेज विरोधी कानून, जागरूकता बढ़ी।

19. लड़कियों की आज़ादी:

पहले: घर की चारदीवारी, पढ़ाई-लिखाई पर पाबंदी।

अब: लड़कियां हर क्षेत्र में आगे, खुद के फैसले लेने में सक्षम।

20. त्योहार मनाने का तरीका:

पहले: घर पर पूजा-पाठ, पड़ोसियों के साथ मिलन।

अब: मॉल में शॉपिंग, दोस्तों के साथ पार्टी।

21. शौक पूरे करने का तरीका:

पहले: किताबें पढ़ना, रेडियो सुनना, घर पर ही कुछ न कुछ करना।

अब: यूट्यूब पर ट्यूटोरियल देखना, ऑनलाइन कोर्स करना।

22. बड़ों का सम्मान:

पहले: पैर छूकर आशीर्वाद लेना, बड़ों की बात मानना।

अब: कई बार पीढ़ियों के बीच मतभेद, अपनी बात रखने की ज़िद।

23. दोस्ती का मतलब:

पहले: दिल से दिल का रिश्ता, साथ बिताए पल।

अब: सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स, लाइक्स और कमेंट्स।

24. शारीरिक श्रम:

पहले: खेतों में काम, घर के काम में हाथ बँटाना।

अब: मशीनों का इस्तेमाल, शारीरिक मेहनत कम।

25. शादी के बाद लड़की का सरनेम:

पहले: लड़की शादी के बाद पति का सरनेम अपना लेती थी।

अब: कई लड़कियां अपना सरनेम रखना पसंद करती हैं, या दोनों सरनेम जोड़ लेती हैं।

26. पर्यावरण के प्रति सजगता:

पहले: प्लास्टिक का धड़ल्ले से इस्तेमाल, प्रदूषण की अनदेखी।

अब: कपड़े के थैले, रीसाइक्लिंग, इलेक्ट्रिक गाड़ियों की शुरुआत।

27. जेंडर रोल्स:

पहले: लड़का कमाए, लड़की घर संभाले, ये आम धारणा थी।

अब: लड़कियां भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र, घर के काम में बराबरी की भागीदारी।

28. शारीरिक बनाम मानसिक स्वास्थ्य:

पहले: सिर्फ शारीरिक बीमारी पर ध्यान, मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी।

अब: मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात, थेरेपी लेने में हिचक नहीं।

29. धार्मिक कट्टरता:

पहले: धर्म के नाम पर अंधविश्वास, सांप्रदायिक तनाव।

अब: धर्म को व्यक्तिगत मामला मानना, सहिष्णुता की कोशिश।

30. राजनीतिक भागीदारी:

पहले: राजनीति में आम आदमी की कम भागीदारी।

अब: सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी बात रखना, चुनावों में बढ़ती जागरूकता।

31. सेक्स एजुकेशन:

पहले: सेक्स को टैबू मानना, बच्चों से इस बारे में बात नहीं करना।

अब: स्कूलों में सेक्स एजुकेशन, जागरूकता बढ़ाने की कोशिश।

32. LGBTQ+ समुदाय के प्रति नज़रिया:

पहले: इस समुदाय को स्वीकार नहीं करना, भेदभाव।

अब: समलैंगिक विवाह को मान्यता, अधिकारों की लड़ाई जारी।

33. वैश्वीकरण का प्रभाव:

पहले: सीमित विदेशी उत्पाद, अपनी संस्कृति से जुड़ाव।

अब: ग्लोबल ब्रांड्स का बोलबाला, संस्कृतियों का मिश्रण।

34. कला और साहित्य:

पहले: क्लासिकल संगीत, साहित्य की गहराई।

अब: फ़्यूज़न म्यूज़िक, डिजिटल कविता, वेब सीरीज़ का दौर।

35. कृषि के तरीके:

पहले: परंपरागत खेती, बैलों का इस्तेमाल।

अब: मॉडर्न तकनीक, ट्रैक्टर, जैविक खेती की ओर रुझान।

36. सौंदर्य के मापदंड:

पहले: गोरे रंग, पतले शरीर को सुंदर माना जाता था।

अब: हर रंग, हर आकार की खूबसूरती को सराहा जाता है।

37. पालतू जानवर:

पहले: कुत्ता-बिल्ली पालना आम बात थी।

अब: विदेशी नस्ल के कुत्ते, पक्षी, और भी कई जानवर पालने का शौक।

38. तलाक:

पहले: तलाक को सामाजिक कलंक माना जाता था।

अब: तलाक आम होता जा रहा है, खुशहाल ज़िंदगी की तलाश।

39. एकल परिवार का चलन:

पहले: संयुक्त परिवार में रहना आदर्श माना जाता था।

अब: एकल परिवार ज़्यादा, अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीने की चाह।

40. नैतिक मूल्य:

पहले: ईमानदारी, सच्चाई, दूसरों की मदद करना।

अब: कई बार स्वार्थ, भ्रष्टाचार, दिखावे की ज़िंदगी।

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