धीमी गति वाला अद्भुत प्राणी: स्लॉथ के बारे में जानकारी और रोचक तथ्य! Facts about Sloth
Sloth Facts: स्लॉथ, दुनिया का सबसे धीमा स्तनपायी, अपने अनूठे जीवनशैली और विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह लेख स्लॉथ के दिलचस्प तथ्यों, उनकी धीमी गति, लंबी उम्र, और उनके रहस्यमय जीवन पर प्रकाश डालता है। जानिए कैसे यह पेड़ों पर लटका जीव अपनी धीमी गति में भी प्रकृति के संतुलन का एक अद्भुत उदाहरण है।
रोचक तथ्य By Tathya Tarang, Last Update Thu, 12 September 2024, Share via
स्लॉथ के बारे में अज्ञात और रोचक तथ्य
स्लॉथ एक अद्वितीय और दिलचस्प प्राणी है, जो अपनी धीमी गति और अनूठी जीवनशैली के लिए जाना जाता है। यह कई रहस्यों से भरा हुआ है, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आइए, स्लॉथ के बारे में कुछ ऐसे 15 रोचक और अज्ञात तथ्यों पर नज़र डालते हैं:
1. दुनिया का सबसे धीमा स्तनपायी - स्लॉथ को "दुनिया का सबसे धीमा स्तनपायी" कहा जाता है। यह 0.03 मील प्रति घंटे की गति से चलता है, जो इसे अन्य जानवरों की तुलना में बेहद धीमा बनाता है। इसका धीमा मेटाबोलिज्म भी इसकी धीमी गति का एक कारण है।
2. सप्ताह में सिर्फ एक बार शौचालय जाना - स्लॉथ इतने सुस्त होते हैं कि वे पूरे सप्ताह में केवल एक बार मलत्याग के लिए पेड़ से नीचे उतरते हैं। यह प्रक्रिया उनके लिए बहुत जोखिमभरी होती है, क्योंकि यह उनके शिकारियों के लिए उन्हें पकड़ने का सबसे अच्छा मौका होता है।
3. तैराकी में माहिर - हालांकि स्लॉथ जमीन पर बहुत धीमे होते हैं, लेकिन वे अद्भुत तैराक होते हैं। यह प्राणी आसानी से नदियों और झीलों को पार कर सकता है और अपने लंबे पंजों का उपयोग कर तेज़ी से तैर सकता है।
4. गंदगी में छिपा सुरक्षा कवच - स्लॉथ के फर में विशेष प्रकार के शैवाल और कवक उग जाते हैं, जो उन्हें जंगल में छिपने में मदद करते हैं। इन शैवालों के कारण उनका फर हरा दिखाई देता है, जिससे वे पेड़ों के बीच छिपे रहते हैं और शिकारी उन्हें पहचान नहीं पाते।
5. अत्यंत धीमा मेटाबोलिज्म - स्लॉथ का मेटाबोलिज्म दुनिया के सभी स्तनधारियों में सबसे धीमा है। यह भोजन को पचाने में 7 से 10 दिन का समय लेते हैं। यही कारण है कि उन्हें बहुत कम भोजन की आवश्यकता होती है और वे लंबे समय तक भूखे रह सकते हैं।
6. लटकने में माहिर - स्लॉथ की पूरी जीवनशैली पेड़ों पर आधारित होती है। उनके लंबे और मजबूत पंजे होते हैं, जिनसे वे आसानी से पेड़ों की शाखाओं से लटके रहते हैं। वे अपने जीवन का लगभग 90% समय पेड़ों पर उल्टा लटके हुए बिताते हैं।
7. दो प्रकार की प्रजातियाँ - स्लॉथ की दो प्रमुख प्रजातियाँ होती हैं: तीन पंजों वाले स्लॉथ (Three-toed sloth) और दो पंजों वाले स्लॉथ (Two-toed sloth)। दोनों ही प्रजातियों में जीवनशैली और आदतों में थोड़े बहुत अंतर होते हैं, लेकिन दोनों ही धीमी गति से जीवन जीते हैं।
8. स्लॉथ के फर में एंटीबायोटिक गुण - स्लॉथ के फर में पाए जाने वाले शैवाल और कवक में वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे तत्व पाए हैं, जिनका उपयोग भविष्य में एंटीबायोटिक्स बनाने के लिए किया जा सकता है। यह एक अद्भुत प्राकृतिक गुण है जो स्लॉथ को अनोखा बनाता है।
9. जन्म के बाद मां से चिपके रहते हैं शिशु - स्लॉथ के शिशु जन्म के बाद अपनी मां के साथ चिपके रहते हैं और लगभग 6 महीने तक मां की देखरेख में रहते हैं। इसके बाद वे स्वतंत्र हो जाते हैं और अपना एकाकी जीवन शुरू करते हैं।
10. स्लॉथ के दांत नहीं होते - स्लॉथ के पास सामने के दांत नहीं होते। इसके बजाय, इनके पास चबाने वाले दांत होते हैं जो भोजन को काटने के बजाय पीसने का काम करते हैं। यह उनके धीमे खाने के तरीके के लिए उपयुक्त होता है।
11. गर्मी के बजाय ठंड पसंद - स्लॉथ आमतौर पर गर्म वातावरण में रहते हैं, लेकिन उनके शरीर की तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता कम होती है। इसलिए वे ठंडे पेड़ों की छांव में आराम करना पसंद करते हैं और गर्मी से बचने के लिए धीमे हो जाते हैं।
12. पीछे की ओर घूमने वाली गर्दन - तीन पंजों वाले स्लॉथ की गर्दन में अतिरिक्त हड्डियाँ होती हैं, जिससे वे अपनी गर्दन को 270 डिग्री तक घुमा सकते हैं। यह उन्हें आसपास के वातावरण को बेहतर ढंग से देखने और किसी खतरे का पता लगाने में मदद करता है।
13. जीवन का अधिकांश समय उल्टा लटके रहना - स्लॉथ अपने जीवन का लगभग 90% समय पेड़ों पर उल्टा लटके हुए बिताते हैं। उनकी विशेष संरचना और मांसपेशियां उन्हें आराम से उल्टा लटके रहने में सक्षम बनाती हैं। यहां तक कि वे उल्टा लटके हुए सोते और खाते हैं।
14. उम्र के साथ होती है फर में बदलाव - स्लॉथ का फर समय के साथ बदलता है। जैसे-जैसे स्लॉथ बड़ा होता है, उसके फर में शैवाल और कवक बढ़ने लगते हैं, जिससे उसकी सुरक्षा बढ़ती है। इसका हरापन उसे प्राकृतिक छिपाव में मदद करता है।
15. नींद की लंबी अवधि का मिथक - आमतौर पर माना जाता है कि स्लॉथ दिन में 15-20 घंटे सोते हैं, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। जंगल में वे औसतन 9-10 घंटे ही सोते हैं। हालांकि, कैद में रखे स्लॉथ ज्यादा समय सो सकते हैं, क्योंकि उन्हें कोई खतरा नहीं होता।
16. स्लॉथ के पेट में कई कक्ष होते हैं - स्लॉथ के पेट में चार कक्ष होते हैं, जो गाय की तरह भोजन को धीरे-धीरे पचाने में मदद करते हैं। इनके धीमे मेटाबोलिज़्म के कारण भोजन को पूरी तरह से पचाने में कई दिन लग सकते हैं।
17. स्लॉथ के पास खुद का तापमान नियंत्रण तंत्र नहीं होता - स्लॉथ अन्य स्तनधारियों की तरह अपने शरीर के तापमान को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाते। उनका शरीर का तापमान परिवेशीय तापमान पर निर्भर करता है, जो उन्हें ठंडे मौसम में निष्क्रिय बना देता है। यही वजह है कि वे ज्यादातर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
18. वे पीछे की ओर भी चल सकते हैं - स्लॉथ की धीमी गति के कारण ये बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, लेकिन इनके लंबे पंजे और विशेष अंग संरचना इन्हें पीछे की ओर चलने में भी सक्षम बनाते हैं। जब उन्हें कोई खतरा महसूस होता है, तो वे धीरे-धीरे पीछे की ओर खिसक सकते हैं।
19. स्लॉथ की हड्डियाँ घनी होती हैं - स्लॉथ की हड्डियाँ बहुत घनी होती हैं, जो उन्हें पानी में तैरने में मदद करती हैं। इनकी घनी हड्डियाँ पानी में उन्हें अधिक स्थिरता देती हैं, जिससे वे आसानी से तैर सकते हैं।
20. उनकी दृष्टि बहुत कमजोर होती है - स्लॉथ की दृष्टि बेहद कमजोर होती है। वे रंगों और स्पष्ट चित्रों को ठीक से नहीं देख पाते। इनकी दृष्टि धुंधली होती है, जिससे ये आसपास की वस्तुओं को पहचानने के लिए ज्यादा समय लेते हैं। खासकर तीन पंजों वाले स्लॉथ की दृष्टि बहुत कमजोर होती है।
21. कभी-कभी ये ज़मीन पर गलती से गिर जाते हैं - हालांकि स्लॉथ पेड़ों पर जीवन बिताने में विशेषज्ञ होते हैं, लेकिन कभी-कभी ये गलती से नीचे गिर सकते हैं। गिरने पर भी, स्लॉथ के मजबूत पंजे और लचीला शरीर उन्हें गंभीर चोटों से बचाते हैं। वे लगभग 100 फीट ऊँचाई से गिरने के बाद भी जीवित रह सकते हैं!
22. प्राचीन स्लॉथ विशाल होते थे - आज के स्लॉथ छोटे होते हैं, लेकिन हजारों साल पहले पृथ्वी पर विशाल स्लॉथ पाए जाते थे जिन्हें ग्राउंड स्लॉथ कहा जाता था। ये ग्राउंड स्लॉथ हाथियों के आकार के होते थे और ज़मीन पर चलते थे, लेकिन लगभग 10,000 साल पहले ये विलुप्त हो गए।
23. स्लॉथ में पसीने की ग्रंथियाँ नहीं होतीं - स्लॉथ के शरीर में पसीने की ग्रंथियाँ नहीं होतीं। इसलिए वे अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए पेड़ों की छाया में या ठंडे स्थानों पर रहते हैं।
24. स्लॉथ का दिल धीमी गति से धड़कता है - स्लॉथ के धीमे मेटाबोलिज़्म के कारण उनके दिल की धड़कन भी बेहद धीमी होती है। सामान्य स्थिति में, उनके दिल की धड़कन प्रति मिनट 40 से 50 बार होती है, लेकिन जब वे तनाव में होते हैं, तो यह 30% तक धीमी हो जाती है।
25. पेड़ों की पहचान के विशेषज्ञ - स्लॉथ पेड़ की विभिन्न प्रजातियों को पहचानने में माहिर होते हैं। वे विशेष प्रकार के पेड़ों और पत्तियों को चुनते हैं जो उनके लिए पोषक होते हैं और उन्हें विषैले पौधों से बचने का ज्ञान होता है।
26. स्लॉथ के पंजों के कारण वे ज़मीन पर असहाय होते हैं - स्लॉथ के लंबे, घुमावदार पंजे होते हैं, जो उन्हें पेड़ों पर चढ़ने में मदद करते हैं। हालांकि, ज़मीन पर ये पंजे उन्हें चलने में बाधा उत्पन्न करते हैं, जिससे स्लॉथ बेहद धीरे-धीरे और असहज तरीके से चलते हैं। यही कारण है कि वे ज़मीन पर आने से बचते हैं।
27. स्लॉथ अपने पंजों से भोजन नहीं पकड़ सकते - स्लॉथ के पंजे लंबे और घुमावदार होते हैं, लेकिन वे इनका इस्तेमाल भोजन पकड़ने के लिए नहीं कर सकते। भोजन करते समय वे अपने मुंह का उपयोग करते हैं और पत्तियों को सीधे तोड़कर खाते हैं।
28. स्लॉथ का मुख भोजन के लिए अनुकूलित है - स्लॉथ के दांत लगातार बढ़ते रहते हैं और उनके पास कोई आगे वाले दांत नहीं होते। उनके दांत केवल पीछे के मोलर्स होते हैं, जो उन्हें पत्तियों और छोटे पौधों को चबाने में मदद करते हैं।
29. स्लॉथ को अपने पूरे शरीर को साफ करने की जरूरत नहीं होती - स्लॉथ अपने फर में उगने वाले शैवाल और कवक की वजह से "स्वाभाविक रूप से" साफ रहते हैं। ये शैवाल न केवल उन्हें प्राकृतिक छिपाव प्रदान करते हैं, बल्कि पर्यावरण में बैक्टीरिया के बढ़ने को भी नियंत्रित करते हैं।
30. स्लॉथ धीमे होते हैं, लेकिन वे तेज़ी से प्रतिक्रिया कर सकते हैं - हालांकि स्लॉथ आमतौर पर धीमे होते हैं, लेकिन जब उन्हें खतरा महसूस होता है, तो वे तेज़ी से प्रतिक्रिया कर सकते हैं। वे अपने पंजों का उपयोग कर शिकारियों पर हमला करने या खुद को बचाने के लिए अचानक गति बढ़ा सकते हैं।
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धीमी गति वाला अद्भुत प्राणी: स्लॉथ
प्रकृति के अद्वितीय जीवों में से एक है स्लॉथ, जो अपनी धीमी गति और आरामदायक जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध है। स्लॉथ का वैज्ञानिक नाम ब्रैडिपस है, और यह मध्य और दक्षिण अमेरिका के वर्षावनों में पाया जाता है। यह प्राणी अपने जीवन का अधिकांश समय पेड़ों पर लटकते हुए बिताता है और शायद ही कभी जमीन पर आता है। स्लॉथ की खासियत यह है कि यह बेहद धीमा चलता है, जो इसे अन्य जीवों से अलग बनाता है।
स्लॉथ की विशेषताएँ
धीमी गति: स्लॉथ की सबसे अनूठी विशेषता उसकी धीमी गति है। यह इतना धीरे-धीरे चलता है कि पेड़ की शाखाओं से लटकते हुए भी हिलता हुआ शायद ही नजर आता है। यह धीमी गति उसे शिकारी जानवरों से बचाने में मदद करती है क्योंकि शिकारी अक्सर उसे देख ही नहीं पाते।
शरीर संरचना: स्लॉथ का शरीर लंबा और हल्का होता है। इसके पंजे लंबे और नुकीले होते हैं, जिनकी मदद से यह आसानी से पेड़ों पर लटक सकता है। इसके फर में अक्सर छोटे-छोटे पौधे और कवक उग जाते हैं, जो इसे और अधिक प्राकृतिक रूप में छिपाने में मदद करते हैं।
जीवनशैली: स्लॉथ एकाकी जीव होते हैं और अधिकांश समय सोते रहते हैं। यह दिन में 15 से 20 घंटे तक सो सकता है। इसके धीमे चयापचय (मेटाबोलिज़्म) की वजह से इसे बहुत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए यह बहुत कम भोजन करता है और ज्यादातर पत्तियाँ, फल, और कभी-कभी छोटे कीट खाता है।
रक्षा तंत्र: स्लॉथ के पास शिकारी से बचने के लिए कुछ अद्वितीय सुरक्षा तंत्र होते हैं। इसकी धीमी गति इसे पेड़ की शाखाओं के बीच छिपने में मदद करती है। इसके अलावा, इसका फर हरा रंग धारण कर लेता है, जो इसे जंगल के वातावरण में छिपने में मदद करता है। कुछ स्लॉथ की प्रजातियों में तैरने की अद्भुत क्षमता भी होती है, जिससे वे नदियों को पार कर सकते हैं।
स्लॉथ और पर्यावरण
स्लॉथ पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इनके फर में उगने वाले कवक और बैक्टीरिया से वैज्ञानिकों को नए प्रकार के एंटीबायोटिक्स खोजने की संभावना होती है। स्लॉथ जिस तरह से जंगलों में रहते हैं, वह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। ये पेड़ों के बीच की पत्तियों को खाकर उन्हें साफ रखते हैं और जंगल के पौधों के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।
स्लॉथ की प्रजातियाँ
स्लॉथ मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
तीन पंजे वाले स्लॉथ (Three-toed sloth): यह स्लॉथ अपनी धीमी गति के लिए और भी ज्यादा प्रसिद्ध है। इसकी आँखें बड़ी और गोल होती हैं और यह पेड़ों पर लटककर आराम से जीवन जीता है।
दो पंजे वाले स्लॉथ (Two-toed sloth): यह प्रजाति थोड़ी सक्रिय होती है, लेकिन फिर भी अधिकांश समय आराम करने में बिताती है। इसका मेटाबोलिज़्म भी बहुत धीमा होता है, जिसके कारण यह कम भोजन में भी जीवित रह सकता है।
स्लॉथ प्रकृति का एक अद्भुत और अद्वितीय जीव है, जो अपनी धीमी गति, आरामदायक जीवनशैली और पेड़ों पर रहने की अनूठी क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। यह पर्यावरण के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसका अध्ययन हमें प्रकृति की गहराई को समझने में मदद करता है। स्लॉथ हमें सिखाता है कि जीवन की दौड़ में तेजी से भागना हमेशा जरूरी नहीं होता, कभी-कभी आराम से जीना भी आवश्यक होता है।
स्लॉथ की सामाजिक संरचना और संवाद
स्लॉथ एकाकी (solitary) जीवन जीने वाले जीवों में से एक हैं, यानी यह अपने अधिकांश जीवन में अकेले रहते हैं। अन्य सामाजिक जानवरों की तरह इनका कोई जटिल सामाजिक ढांचा नहीं होता। हालांकि, कुछ अवसरों पर जैसे प्रजनन के समय या मां और शिशु के बीच संबंधों में, इनका सीमित संवाद देखने को मिलता है।
स्लॉथ की सामाजिक संरचना
एकाकी जीवन: स्लॉथ अधिकांश समय अकेले रहते हैं। यह अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा पेड़ों पर बिताते हैं और शायद ही कभी अन्य स्लॉथ से मिलते हैं। यह एक कारण है कि स्लॉथ के समूह या झुंड नहीं होते, और वे खुद के लिए ही अपना भोजन खोजते हैं और पेड़ों पर शरण लेते हैं।
मां और शिशु का संबंध: स्लॉथ की मां और उसके शिशु के बीच एक विशेष रिश्ता होता है। शिशु अपने जन्म के बाद पहले 6-9 महीनों तक अपनी मां के साथ रहता है। इस दौरान वह मां के शरीर से चिपका रहता है और पेड़ों पर उसके साथ यात्रा करता है। मां अपने शिशु को सुरक्षा प्रदान करती है और उसे पेड़ पर रहने और भोजन खोजने के गुण सिखाती है। एक बार जब शिशु पर्याप्त रूप से स्वतंत्र हो जाता है, तो वह मां से अलग होकर अपना एकाकी जीवन शुरू करता है।
प्रजनन काल: स्लॉथ के बीच आपसी बातचीत मुख्य रूप से प्रजनन काल में होती है। इस दौरान नर स्लॉथ मादा को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रकार की आवाजें निकालते हैं। मादा स्लॉथ जब संभोग के लिए तैयार होती है, तो नर को संकेत देने के लिए एक खास प्रकार की आवाज़ का उपयोग करती है। इस प्रक्रिया के बाद, नर और मादा फिर से अलग हो जाते हैं और अपने-अपने जीवन में व्यस्त हो जाते हैं।
स्लॉथ का संवाद
स्लॉथ के संवाद के तरीके सरल और सीमित होते हैं। ये अत्यधिक संवादशील जीव नहीं होते, और इनके संवाद मुख्य रूप से शारीरिक इशारों और ध्वनि संकेतों पर आधारित होते हैं।
मादा की पुकार: मादा स्लॉथ प्रजनन के समय नर को आकर्षित करने के लिए जोर से आवाज़ें निकालती है। ये आवाज़ें जंगल में दूर-दूर तक सुनाई देती हैं और नर को संकेत देती हैं कि मादा संभोग के लिए तैयार है।
शिशुओं की आवाज़: स्लॉथ के शिशु अपनी मां को बुलाने के लिए हल्की आवाजें निकालते हैं। ये आवाजें तब सुनी जाती हैं जब शिशु मां से अलग हो जाता है या उसे सुरक्षा की जरूरत होती है।
शारीरिक संकेत: स्लॉथ का संवाद शारीरिक संकेतों पर भी आधारित होता है। जब वे एक दूसरे के पास होते हैं, तो अपनी गति, स्थिति और इशारों के माध्यम से अपनी उपस्थिति व्यक्त कर सकते हैं। हालांकि, इनका आपसी संपर्क बहुत सीमित होता है और ज्यादातर समय वे अकेले रहना ही पसंद करते हैं।
गंध द्वारा संवाद: स्लॉथ गंध का भी उपयोग करते हैं, खासकर नर स्लॉथ मादा को खोजने के लिए। मादा स्लॉथ अपने शरीर से विशेष प्रकार की गंध छोड़ती है जो नर को आकर्षित करती है।
स्लॉथ की सामाजिक संरचना और संवाद के तरीके साधारण और न्यूनतम होते हैं। वे अधिकतर अकेले रहते हैं और केवल प्रजनन काल या मां और शिशु के बीच संबंध के दौरान ही आपस में बातचीत करते हैं। स्लॉथ का जीवन उनके एकाकी स्वभाव के अनुरूप होता है, और वे शांति, धीमी गति, और स्वतंत्रता के प्रतीक हैं। उनका संवाद भी उनकी इसी जीवनशैली का हिस्सा है, जहां वे कम से कम बातचीत में संतुष्ट रहते हैं।
स्लॉथ की आयु और मृत्यु दर
स्लॉथ एक लंबे जीवन जीने वाले प्राणी हैं और उनकी धीमी जीवनशैली के कारण उनकी आयु भी अपेक्षाकृत अधिक होती है। उनकी गति धीमी होने के साथ-साथ उनका मेटाबोलिज़्म भी धीमा होता है, जो उन्हें ऊर्जा बचाने और लंबे समय तक जीवित रहने में मदद करता है। स्लॉथ की विभिन्न प्रजातियों के आधार पर उनकी जीवन प्रत्याशा और मृत्यु दर भिन्न-भिन्न हो सकती है।
स्लॉथ की जीवन प्रत्याशा (Lifespan)
तीन पंजों वाले स्लॉथ (Three-toed sloth): इस प्रजाति के स्लॉथ की औसत जीवन प्रत्याशा लगभग 20 से 30 वर्ष होती है। यह जंगल में शांति से अपने जीवन के अधिकांश वर्ष पेड़ों पर लटककर बिताते हैं। अगर ये कैद में होते हैं, जहां इन्हें सुरक्षा और उचित देखभाल मिलती है, तो ये और भी लंबे समय तक, यानी 30-40 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं।
दो पंजों वाले स्लॉथ (Two-toed sloth): यह प्रजाति तीन पंजों वाले स्लॉथ से थोड़ी अधिक सक्रिय होती है और इसकी जीवन प्रत्याशा भी लगभग 20 से 30 वर्ष होती है। हालांकि, कैद में यह भी 40 साल या उससे अधिक समय तक जीवित रह सकता है।
स्लॉथ की मृत्यु दर
स्लॉथ की मृत्यु दर पर कई कारक प्रभाव डालते हैं, जिनमें प्राकृतिक शिकारी, पर्यावरणीय खतरों और मानवीय गतिविधियों का प्रभाव शामिल है। स्लॉथ की धीमी गति और उनका धीमा मेटाबोलिज़्म उनकी रक्षा के लिए अनुकूल हो सकता है, लेकिन उनके लिए कुछ चुनौतियाँ भी पैदा करता है।
प्राकृतिक शिकारी: स्लॉथ के प्रमुख शिकारी जगुआर, हार्पी ईगल, और बड़े सांप होते हैं। स्लॉथ अपनी धीमी गति के कारण शिकारी से बचने के लिए ज्यादा तेज़ी से नहीं भाग पाते, हालांकि उनका प्राकृतिक छिपाव (कैमोफ्लाज) उन्हें पेड़ों में छिपाने में मदद करता है। इसके बावजूद, खासकर युवा स्लॉथ शिकारी के शिकार बन जाते हैं।
शिशु स्लॉथ की मृत्यु दर: शिशु स्लॉथ की मृत्यु दर अपेक्षाकृत अधिक होती है। जन्म के बाद पहले साल में कई शिशु स्लॉथ शिकारी जानवरों या गिरने के कारण मर जाते हैं। अनुमानित तौर पर, लगभग 50% शिशु स्लॉथ अपने पहले साल में ही मर जाते हैं।
मानवीय हस्तक्षेप: स्लॉथ की आबादी पर मानवीय गतिविधियों का भी बड़ा प्रभाव पड़ता है। वनों की कटाई और उनके प्राकृतिक आवासों का नाश उनकी संख्या में गिरावट का मुख्य कारण है। पेड़ों की कमी के कारण स्लॉथ को अपने भोजन और शरण के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जिससे उनकी मृत्यु दर बढ़ जाती है। इसके अलावा, सड़कों को पार करते समय कई स्लॉथ वाहनों की चपेट में आ जाते हैं।
बीमारियाँ और चोटें: स्लॉथ के धीमे मेटाबोलिज़्म के कारण उनके शरीर में घाव या चोटें जल्दी नहीं भर पातीं। इससे उनके घायल होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो कभी-कभी उनकी मृत्यु का कारण बन सकता है।
स्लॉथ की दीर्घायु के कारण
स्लॉथ की दीर्घायु का मुख्य कारण उनकी धीमी जीवनशैली और कम ऊर्जा की खपत है। उनका मेटाबोलिज़्म धीमा होने के कारण उनके शरीर की ऊर्जा का इस्तेमाल बहुत धीमे होता है, जिससे उनका शरीर कम टूट-फूट का शिकार होता है। इसके अलावा, उनका शांत जीवन, जहां वे अधिकांश समय पेड़ों पर लटकते हुए बिताते हैं, उन्हें ज्यादा जोखिमों से दूर रखता है।
स्लॉथ की आयु उनकी धीमी जीवनशैली और अनुकूलन के कारण काफी लंबी होती है, लेकिन उनकी मृत्यु दर पर विभिन्न प्राकृतिक और मानवीय कारक प्रभाव डालते हैं। शिकारी जानवरों और पर्यावरणीय खतरों के साथ-साथ मानवीय हस्तक्षेप भी उनकी संख्या और जीवन प्रत्याशा को प्रभावित करता है। इसके बावजूद, स्लॉथ अपनी धीमी और संतुलित जीवनशैली के कारण लंबी आयु जीने में सक्षम होते हैं।