तरबूज: गर्मियों का मीठा और सेहतमंद तोहफा। Health and Skin Benefits - Scientific Watermelon Facts

जलपरी रंग का रसीला फल तरबूज गर्मी के मौसम की शान होता है. यह न सिर्फ खाने में मीठा और स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. आइए आज इस ब्लॉग में तरबूज के कुछ दिल...

तरबूज: गर्मियों का मीठा और सेहतमंद तोहफा...
तरबूज: गर्मियों का मीठा और सेहतमंद तोहफा...


तरबूज का इतिहास

यह जानकर आपको शायद आश्चर्य होगा कि तरबूज की उत्पत्ति भारत में नहीं बल्कि अफ्रीका में हुई थी. वहाँ लगभग 5000 साल पहले से तरबूज की खेती की जाती रही है. मिस्र के पिरामिडों में भी तरबूज के चित्र मिले हैं, जो यह बताते हैं कि प्राचीन मिस्रवासी भी तरबूज खाते थे.

तरबूज की अनोखी किस्में

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया भर में तरबूज की लगभग 1200 से भी ज्यादा किस्में पाई जाती हैं! जी हां, सिर्फ लाल ही नहीं, तरबूज पीले, यहाँ तक कि काले रंगों में भी मिलते हैं. इसके आकार भी गोल, अंडाकार या फिर लम्बे हो सकते हैं. जापान में तो तरबूज को डिब्बे के आकार में उगाने का चलन भी है!

तरबूज का पोषण तत्वों का खजाना

तरबूज पानी का ही तो एक रूप है, ऐसा सोचना गलत है. तरबूज में 92% पानी जरूर होता है, लेकिन इसके साथ ही इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, पोटैशियम और लाइकोपीन जैसे जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. लाइकोपीन एक खास तरह का एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है.

तरबूज खाने के फायदे

  • लू से बचाव: गर्मियों में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे लू लगने का खतरा रहता है. तरबूज में मौजूद पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और लू से बचाता है.

  • वजन घटाने में सहायक: तरबूज में कैलोरीज बहुत कम होती हैं और फाइबर की मात्रा अच्छी होती है. यह वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए अच्छा विकल्प है.

  • त्वचा के लिए फायदेमंद: तरबूज में मौजूद विटामिन ए और विटामिन सी त्वचा को पोषण देते हैं और निखार लाते हैं.

  • हृदय को स्वस्थ रखे: तरबूज में मौजूद लाइकोपीन हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करता है.

तरबूज चुनने के टिप्स:

  • पक चुका तरबूज चुनें (Choose a Ripe Watermelon): तरबूज को उठाकर देखें, वजनदार होना चाहिए. हल्का लगने वाला तरबूज शायद पका न हो.

  • आवाज सुनकर परखें (Test by Sound): पके तरबूज को थपथपाने पर खोखली आवाज आती है.

  • डंठल (Stem) देखें: पके तरबूज का डंठल सूखा हुआ होना चाहिए.

तो अगली बार जब भी आप तरबूज काटेंगे, तो याद रखें कि आप सिर्फ एक फल ही नहीं खा रहे हैं, बल्कि सेहत का खजाना अपने अंदर ले रहे हैं. तो इस गर्मी का लुत्फ उठाएं तरबूज के मीठे और सेहतमंद स्वाद के साथ!

तरबूज के अनोखे रोचक तथ्य

तरबूज के मीठे और रसीले गूदे के अलावा, इसके बारे में कुछ अनोखे और रोचक तथ्य भी हैं जिन्हें जानकर आप हैरान रह जायेंगे. तो आइए जानते हैं तरबूज से जुड़े कुछ अनोखे रोचक तथ्य-

  • फल नहीं सब्जी?: वनस्पति विज्ञान के अनुसार तरबूज को फल नहीं बल्कि एक तरह की सब्जी माना जाता है. इसकी वजह यह है कि तरबूज तोरी और कद्दू के समान मित्र (same family) से संबंध रखता है.

  • अंतरिक्ष यात्रियों का पसंदीदा (Favorite of Astronauts): क्या आप जानते हैं कि तरबूज अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पसंदीदा फलों में से एक है? इसकी वजह यह है कि तरबूज हल्का होता है, इसमें भरपूर पानी होता है और खराब होने का खतरा भी कम होता है.

  • विश्व रिकॉर्ड तोड़ तरबूज (World Record Breaking Watermelon): साल 2013 में अमेरिका के अर्कांसास (Arkansas) राज्य में 122 किलो से भी ज्यादा वजन वाला तरबूज उगाया गया था! यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया का सबसे भारी तरबूज बन गया.

  • त्योहारों का अहम हिस्सा (Important Part of Festivals): चीन और जापान जैसे देशों में तरबूज का इस्तेमाल कई त्योहारों में किया जाता है. चीन में तो तरबूज को गर्मी के मौसम के दौरान सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.

  • शादी की रस्मों में भी शामिल (Included in Wedding Ceremonies): कुछ दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में तरबूज को शादी की रस्मों में भी शामिल किया जाता है. वहां तरबूज को उर्वरता और फलदायक जीवन का प्रतीक माना जाता है.

  • दवाइयों में भी इस्तेमाल (Used in Medicines): तरबूज के बीजों से तेल निकाला जाता है, जिसका इस्तेमाल कुछ पारंपरिक दवाओं में किया जाता है.

अनोखे प्रयोग

तरबूज का इस्तेमाल सिर्फ खाने के लिए ही नहीं, बल्कि कई अनोखे प्रयोगों में भी किया जाता है. कुछ देशों में तरबूज के छिलकों से खाद बनाई जाती है, तो वहीं कुछ संस्कृतियों में तरबूज के टुकड़ों को चेहरे पर लगाकर फेशियल पैक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

तरबूज का विज्ञान

तरबूज सिर्फ मीठा और रसीला फल ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे विज्ञान का भी एक दिलचस्प पहलू है. आइए जानते हैं तरबूज से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्यों के बारे में:

  • लाल रंग का राज: तरबूज का लाल रंग एक खास तरह के रसायन की वजह से होता है जिसे लाइकोपीन (Lycopene) कहते हैं. लाइकोपीन एक कैरोटीनॉयड (Carotenoid) है जो कई फलों और सब्जियों में पाया जाता है और यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है.

  • पौधों का अनोखा अनुकूलन: तरबूज शुष्क जलवायु (Dry Climate) वाले इलाकों में भी उगने के लिए अनुकूलित है. इसकी वजह यह है कि तरबूज के पत्ते मोम की परत से ढंके होते हैं जो पानी के वाष्पीकरण को रोकते हैं. साथ ही, तरबूज की जड़ें गहरी होती हैं जो मिट्टी में मौजूद पानी को सोखने में मदद करती हैं.

  • पौधे का हिस्सा जो हम खाते नहीं हैं: आप शायद यह जानकर हैरान होंगे कि तरबूज का सफेद छिलका भी खाने योग्य होता है! जी हां, तरबूज का छिलका फाइबर, विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है. कुछ देशों में तरबूज के छिलके का इस्तेमाल कर सब्जी बनाई जाती है या फिर अचार के रूप में खाया जाता है.

  • पके तरबूज की पहचान विज्ञान से: आप जानते हैं कि पके तरबूज को चुनने के लिए कई पारंपरिक तरीके हैं, लेकिन विज्ञान भी इसमें आपकी मदद कर सकता है. तरबूज के एक छोटे से टुकड़े को काटकर वाष्पशील पदार्थों (Volatile Compounds) की जांच की जा सकती है. इन वाष्पशील पदार्थों की मात्रा से यह पता लगाया जा सकता है कि तरबूज पका है या नहीं.

  • तरबूज की खेती में नई तकनीकें: आजकल तरबूज की खेती में कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics) और ग्रीनहाउस (Greenhouse) खेती. इन तकनीकों से पानी की कम खपत होती है और फसल की पैदावार भी बढ़ती है.

ये कुछ वैज्ञानिक तथ्य थे जो बताते हैं कि तरबूज कितना खास फल है. उम्मीद है कि अगली बार जब आप तरबूज काटेंगे, तो आप इसके पीछे छिपे विज्ञान के बारे में भी थोड़ा सोचेंगे!

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