स्कूल का पीपल का पेड़ : दोस्ती की छांव कहानी Short Story in Hindi

जीवन से जुड़ी कुछ अच्छी बातें:- यह कहानी एक स्कूल के पीपल के पेड़ और उसकी छाया में एक दोस्ती के बारे में है। कहानी में, लेखक बताता है कि कैसे वह और उसकी दोस्त रिया उस पेड़ के नीचे...

स्कूल का पीपल का पेड़ : दोस्ती की छांव क...
स्कूल का पीपल का पेड़ : दोस्ती की छांव क...


जीवन से जुड़ी कुछ अच्छी बातें

हमारे स्कूल के मैदान के बीचों बीच एक विशाल पीपल का पेड़ लगा हुआ था। उसकी घनी छाँव तले हम बच्चे अक्सर अपना ज्यादातर समय बिताते थे। तपती धूप से बचने के लिए, गर्म लंच खाने के लिए, या फिर छुट्टी के दौरान गपशप करने के लिए - वो पीपल का पेड़ हमारी दूसरी कक्षा का एक अहम हिस्सा बन चुका था।

उस पेड़ के नीचे ही मेरी दोस्ती रिया से हुई थी। हम दोनों बिल्कुल अलग थे। मैं शांत और थोड़ी अंतर्मुखी, जबकि रिया हंसमुख और हमेशा बातें करने वाली। मगर उस पेड़ के नीचे बैठकर हमारी दोस्ती का बीज पनपा।

हम पेड़ के नीचे कहानियां सुनाते, चित्र बनाते, या फिर पेड़ की ऊंची शाखाओं पर चढ़ने की कोशिश करते। कभी-कभी रिया मुझे पेड़ पर चढ़ना सिखाती, तो कभी मैं उसे डरावनी कहानियां सुनाकर हंसाता।

एक बार स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। मैं इसमें भाग लेना चाहता था, पर मुझे थोड़ा डर लग रहा था। रिया को पता चला, तो उसने मेरा हौसला बढ़ाया। उसने मेरी साथ प्रैक्टिस की, मुझे तर्क करना सिखाया, और मुझमें आत्मविश्वास जगाया।

उस प्रतियोगिता में भले ही मैं जीता नहीं, पर रिया की दोस्ती और पेड़ की शांत छाँव में मिले सहयोग ने मुझे बहुत कुछ सीखा। मैंने ये जाना कि दोस्ती हमें न सिर्फ खुशी देती है, बल्कि मुश्किलों में भी हमारा साथ देती है।

कुछ साल बाद स्कूल बदलने के बाद रिया से मेरी दूरी हो गई। मगर स्कूल का वो पीपल का पेड़ और उसकी छाँव में बिताए हुए पल आज भी मेरी यादों में ताजा हैं। वो पेड़ मुझे हमेशा ये याद दिलाता है कि सच्ची दोस्ती कितनी अनमोल होती है।

अब जब भी मैं किसी नए स्कूल या कॉलेज जाता हूं, तो सबसे पहले वहां के पेड़ों को ढूंढता हूँ। पेड़ों की छाँव में मुझे रिया की याद आती है, और वो याद दिलाती है कि दोस्ती को बनाए रखने के लिए कोशिशें ज़रूरी होती हैं।

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