भारत के नए लेबर कोड्स लागू — जानिए क्या बदलेगा
भारत के श्रम कानूनों में ऐतिहासिक बदलाव हो चुका है। संसद द्वारा 2020 में पारित चारों Labour Codes अब लागू हो गए हैं। इनका उद्देश्य पुराने, जटिल और ब्रिटिश काल के श्रम कानूनों को बदलकर एक आधुनिक और सरल ढाँचा देना है।
सरकार का कहना है कि नए लेबर कोड्स से “नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के हितों में संतुलन” आएगा, जबकि आलोचक इसे श्रमिकों के अधिकारों के कमजोर होने के रूप में देख रहे हैं।
4 नए Labour Codes कौन-कौन से हैं?
- Code on Wages — वेतन, बोनस और भुगतान से जुड़े नियम
- Industrial Relations Code — हायर-फायर, नौकरी सुरक्षा और यूनियन नियम
- Social Security Code — PF, पेंशन, ESI और gig workers की सुरक्षा
- Occupational Safety, Health & Working Conditions Code — सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य वातावरण
महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति
नए कानूनों के अनुसार अब महिलाएँ सभी सेक्टर्स में रात की शिफ्ट (Night Shift) में काम कर सकती हैं — चाहे वह mining हो, manufacturing या heavy machinery.
शर्तें:
- महिला कर्मचारी की सहमति आवश्यक
- नियोक्ता को सुरक्षा, परिवहन और निगरानी की पूर्ण व्यवस्था करनी होगी
काम के घंटे — अब 8 घंटे प्रति दिन
नए नियमों के तहत:
- काम के घंटे 8 घंटे प्रति दिन तय
- साप्ताहिक सीमा 48 घंटे ही रहेगी
- Overtime कर्मचारी की consent पर होगा और भुगतान दोगुना होगा
Hire & Fire नियमों में बड़ा बदलाव
अब जिन कंपनियों में 299 तक कर्मचारी हैं, वे बिना सरकारी अनुमति के कर्मचारी निकाल या रख सकती हैं।
पहले यह सीमा केवल 100 कर्मचारियों तक थी।
Gig Workers भी Social Security के दायरे में
अब सरकारी social security योजनाओं का लाभ Swiggy, Zomato, Ola, Uber जैसे प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी मिलेगा।
कार्यस्थल की सुरक्षा
अब सभी उद्योगों को कर्मचारियों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और स्वास्थ्य-संबंधी सुविधाएँ देना अनिवार्य होगा।
ये बदलाव भारत के औद्योगिक ढाँचे में एक नए अध्याय की शुरुआत करते हैं।

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