भारत के नए लेबर कोड्स 2025 | जानिए काम के घंटे, महिला सुरक्षा और रोजगार से जुड़े नए नियम

भारत के नए लेबर कोड्स लागू हो चुके हैं। जानिए इन चार कोड्स से कैसे बदले हैं काम के घंटे, महिला कर्मचारियों के अधिकार, वेतन और नौकरी के नियम। पूरी जानकारी आसान हिंदी में।

भारत के नए लेबर कोड्स 2025 | जानिए काम के घंटे, महिला सुरक्षा और रोजगार से जुड़े नए नियम

भारत के नए लेबर कोड्स लागू — जानिए क्या बदलेगा

भारत के श्रम कानूनों में ऐतिहासिक बदलाव हो चुका है। संसद द्वारा 2020 में पारित चारों Labour Codes अब लागू हो गए हैं। इनका उद्देश्य पुराने, जटिल और ब्रिटिश काल के श्रम कानूनों को बदलकर एक आधुनिक और सरल ढाँचा देना है।

सरकार का कहना है कि नए लेबर कोड्स से “नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के हितों में संतुलन” आएगा, जबकि आलोचक इसे श्रमिकों के अधिकारों के कमजोर होने के रूप में देख रहे हैं।

4 नए Labour Codes कौन-कौन से हैं?

  • Code on Wages — वेतन, बोनस और भुगतान से जुड़े नियम
  • Industrial Relations Code — हायर-फायर, नौकरी सुरक्षा और यूनियन नियम
  • Social Security Code — PF, पेंशन, ESI और gig workers की सुरक्षा
  • Occupational Safety, Health & Working Conditions Code — सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य वातावरण

महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति

नए कानूनों के अनुसार अब महिलाएँ सभी सेक्टर्स में रात की शिफ्ट (Night Shift) में काम कर सकती हैं — चाहे वह mining हो, manufacturing या heavy machinery.

शर्तें:

  • महिला कर्मचारी की सहमति आवश्यक
  • नियोक्ता को सुरक्षा, परिवहन और निगरानी की पूर्ण व्यवस्था करनी होगी

काम के घंटे — अब 8 घंटे प्रति दिन

नए नियमों के तहत:

  • काम के घंटे 8 घंटे प्रति दिन तय
  • साप्ताहिक सीमा 48 घंटे ही रहेगी
  • Overtime कर्मचारी की consent पर होगा और भुगतान दोगुना होगा

Hire & Fire नियमों में बड़ा बदलाव

अब जिन कंपनियों में 299 तक कर्मचारी हैं, वे बिना सरकारी अनुमति के कर्मचारी निकाल या रख सकती हैं।

पहले यह सीमा केवल 100 कर्मचारियों तक थी।

Gig Workers भी Social Security के दायरे में

अब सरकारी social security योजनाओं का लाभ Swiggy, Zomato, Ola, Uber जैसे प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी मिलेगा।

कार्यस्थल की सुरक्षा

अब सभी उद्योगों को कर्मचारियों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और स्वास्थ्य-संबंधी सुविधाएँ देना अनिवार्य होगा।

ये बदलाव भारत के औद्योगिक ढाँचे में एक नए अध्याय की शुरुआत करते हैं।

नए लेबर कोड्स का असर, फायदे और चुनौतियाँ

कर्मचारियों के लिए लाभ

  • सभी सेक्टर्स में एक समान न्यूनतम वेतन सुनिश्चित
  • Overtime का भुगतान दोगुना
  • Gig workers को भी बीमा, पेंशन और सुरक्षा की सुविधाएँ
  • महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की आज़ादी

नियोक्ताओं के लिए आसानी

नए लेबर कोड्स से कंपनियों के लिए अनेक compliances अब आसान हो गए हैं।

  • 29 कानूनों की जगह केवल 4 कोड्स
  • सभी रजिस्ट्रेशन और अपडेट एक online portal पर
  • MSME सेक्टर को बड़ा लाभ

आलोचनाएँ और चिंताएँ

ट्रेड यूनियनों का कहना है कि Hire & Fire नीति से कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • 12 घंटे शिफ्ट का विकल्प थकान और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकता है
  • नए बदलावों से कंपनियों को ज्यादा फायदा, कर्मचारियों को कम लाभ

क्या रोजगार बढ़ेगा?

सरकार का दावा है कि नए कोड्स से रोजगार वृद्धि होगी, क्योंकि कंपनियों को भर्ती में ज्यादा लचीलापन मिलेगा।

कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जब तक Skill Development और Demand नहीं बढ़ेगी, बड़ा बदलाव मुश्किल है।

ऐतिहासिक संदर्भ

भारत के कई पुराने श्रम कानून जैसे Factories Act 1948 और Industrial Disputes Act 1947 अब अप्रासंगिक हो चुके थे।

नए कोड्स इन्हें आधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था के अनुरूप बनाते हैं।

महिलाओं के लिए एक नया युग

पहली बार Mining, Construction और Manufacturing जैसे क्षेत्रों में महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई है।

यह भारत में Gender Equality के लिए क्रांतिकारी बदलाव है।

निष्कर्ष

नए लेबर कोड्स भारत के आर्थिक और औद्योगिक ढाँचे में बड़ा सुधार हैं।

इनसे कंपनियों को लचीलापन मिलेगा और कर्मचारियों को कुछ नए अधिकार मिलेंगे।

लेकिन इन कोड्स की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इन्हें जमीन पर कितनी ईमानदारी से लागू किया जाता है।

Frequently Asked Questions

कुल चार लेबर कोड्स हैं — वेतन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षा व स्वास्थ्य से संबंधित।

हाँ, नए कोड्स के अनुसार महिलाएँ consent और सुरक्षा के साथ night shift में काम कर सकती हैं।

8 घंटे प्रतिदिन और 48 घंटे साप्ताहिक सीमा तय की गई है।

हाँ, अब ओवरटाइम का भुगतान सामान्य वेतन से दोगुना होगा।

299 कर्मचारियों तक की कंपनियाँ अब सरकार की अनुमति के बिना layoffs कर सकती हैं।

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