साही: कांटों से लैस अनोखा जीव! अनोखे और रोचक तथ्य! Interesting Facts about Porcupine with FAQs
क्या आपने कभी सोचा है कि जंगल में रहने वाला ये कांटेदार जीव कौन सा है? जी हां, यह साही है! इस लेख में, हम आपको साही के रोचक तथ्यों, उनकी आदतों, उनकी खास विशेषताओं और उनके महत्व के...
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रोचक तथ्य Last Update Fri, 20 December 2024, Author Profile Share via
साही: कांटों से लैस अनोखा जीव
प्रकृति अपने अनोखे जीवों से भरी पड़ी है, जिनमें से कुछ अपनी दिलचस्प विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं. साही (Porcupine) भी ऐसे ही अनोखे जीवों में से एक है। यह एक बड़ा कृन्तक प्राणी है, जो अपने शरीर पर तीरनुमा कांटों के लिए प्रसिद्ध है.
साही का रूप
साही का शरीर मोटा और गोल होता है. इनकी लंबाई लगभग 60 से 90 सेंटीमीटर और वजन 5.5 से 16 किलोग्राम तक होता है. इनके बाल छोटे और भूरे, सफेद या ग्रे रंग के होते हैं. लेकिन इनकी सबसे खास विशेषता होती है उनकी पीठ और पूंछ पर पाए जाने वाले लंबे, नुकीले और खोखले कांटे. ये कांटे असल में संशोधित बाल होते हैं, जो शिकारियों से बचने में साही की मदद करते हैं.
साही का बचाव का कवच
जब साही को खतरा महसूस होता है, तो वह अपनी पीठ के कांटों को खड़ा कर लेता है और धीरे-धीरे पीछे की ओर हटना शुरू कर देता है. अगर शिकारी उस पर हमला करने की कोशिश करता है, तो ये कांटे शिकारी के शरीर में चुभ जाते हैं. ये कांटे इतने मजबूत होते हैं कि आसानी से नहीं निकल पाते और शिकारी को काफी तकलीफ पहुंचाते हैं. कुछ प्रजातियां अपने कांटों को फेंक भी सकती हैं, हालांकि यह उनकी मुख्य रक्षात्मक तकनीक नहीं है.
आहार
साही शाकाहारी प्राणी होते हैं. ये जंगलों, घास के मैदानों और खेतों में रहते हैं. इनका मुख्य भोजन पत्तियां, फल, जड़ें और छाल होते हैं. ये रात में ज्यादा सक्रिय होते हैं और दिन में पेड़ों के नीचे या खुद खोद कर बनाई गई बिलों में छिपते रहते हैं.
प्रजातियां
दुनिया भर में साही की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से भारतीय कलगीदार साही (crested porcupine) सबसे आम है. यह मुख्य रूप से भारत और दक्षिण एशिया के अन्य देशों में पाया जाता है.
संघर्ष
दुर्भाग्य से, वनों की कटाई और शिकार के कारण साही का प्राकृतिक आवास लगातार कम होता जा रहा है. इसके अलावा, ये अक्सर सड़क दुर्घटनाओं का शिकार भी हो जाते हैं.
साही के बारे में रोचक तथ्य
कांटों का कवच
जैसा कि हम जानते हैं, साही की सबसे खास पहचान उसके शरीर पर मौजूद लंबे और नुकीले कांटे हैं. लेकिन ये कांटे असल में संशोधित बाल होते हैं, जो केराटिन (Keratin) नामक प्रोटीन से बने होते हैं. ये कांटे इतने मजबूत होते हैं कि आसानी से नहीं टूटते और शिकारियों से बचाव में उनकी मदद करते हैं.
कांटों को फेंकने में सक्षम
कुछ साही प्रजातियां, खासकर उत्तरी अमेरिका में पाए जाने वाली न्यू वर्ल्ड पोर्क्युपाइन (New World Porcupine), अपने कांटों को फेंकने में सक्षम होती हैं. ये कांटे ढीले से जुड़े होते हैं और जब साही किसी खतरे को महसूस करता है, तो वो अपने शरीर को हिलाता है, जिससे ये कांटे शिकारी की तरफ फेंके जा सकते हैं.
कानों का कमाल
साही की सुनने की क्षमता बहुत तेज होती है. उनके बड़े कान जमीन के नीचे से आने वाली कोमल आवाजों को भी सुन सकते हैं, जो उन्हें शिकारियों से बचने में मदद करता है.
खाने के शौकीन
साही रात में सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं और रात भर खाना खाते रहते हैं. एक रात में, वे अपने शरीर के वजन के बराबर मात्रा में पत्तियां, फल, जड़ें और छाल खा सकते हैं!
दांतों का तलवार
साही के दांत लगातार बढ़ते रहते हैं, बिल्कुल उसी तरह जैसे खरगोश के दांत. ये दांत बहुत मजबूत होते हैं और इनका इस्तेमाल पेड़ों की छाल को कुतरने और कठोर फल तोड़ने में किया जाता है.
पानी की कमी ? कोई दिक्कत नहीं
साही को ज्यादा पानी पीने की जरूरत नहीं होती है. उन्हें अपने खाने से ही ज्यादातर पानी मिल जाता है.
अकेले रहना पसंद
साही आम तौर पर अकेले रहना पसंद करते हैं. वे केवल संभोग के मौसम में ही जोड़े बनाते हैं.
बिल्डर साही
साही जमीन के नीचे सुरंगें खोदने में माहिर होते हैं. ये सुरंगें उनके रहने और छिपने के काम आती हैं. ये सुरंगें इतनी जटिल हो सकती हैं कि कभी-कभी लोमड़ियां भी इनका इस्तेमाल अपने आवास के लिए कर लेती हैं!
गुस्से से ज्यादा डर
साही आक्रामक प्राणी नहीं होते हैं. वे खतरे का सामना करने के लिए आमतौर पर भागने या अपने कांटों को खड़ा करने का सहारा लेते हैं.
सुपरहीरो की शक्ति
कुछ शोधों के अनुसार, साही के कांटों पर प्राकृतिक एंटीबायोटिक्स (antibiotics) पाए जाते हैं, जो उन्हें संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं.
लंबी उम्र का राज
साही अपेक्षाकृत लंबा जीवन जीते हैं. जंगली साही 15 से 20 साल तक जीवित रह सकते हैं, जबकि कैद में रहने वाले साही इससे भी ज्यादा उम्र तक जी सकते हैं.
प्यार करने वाले माता-पिता
साही अच्छे माता-पिता होते हैं. मादा साही लगभग छह महीने तक गर्भवती रहती है और एक या दो बच्चों को जन्म देती है. ये बच्चे जन्म के समय ही नरम कांटों से ढके होते हैं, जो कुछ ही हफ्तों में सख्त हो जाते हैं. माता साही अपने बच्चों की देखभाल करती है और उन्हें भोजन ढूंढना सिखाती है.
संगीत प्रेमी
कुछ शोधों से पता चलता है कि साही संगीत के प्रति संवेदनशील होते हैं. वे कम आवृत्ति वाली ध्वनियों को सुन सकते हैं और इन ध्वनियों के जवाब में प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं.
संकेतों की भाषा
साही आपस में बातचीत करने के लिए विभिन्न तरह के ध्वनियों का इस्तेमाल करते हैं. वे दांत पीसने, फुफकारने और चीखने जैसी आवाजें निकालते हैं, जिनके जरिए वे एक-दूसरे को खतरे, भोजन या संभोग के मौसम के बारे में जानकारी देते हैं.
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