अखिलेश का सपना! आकाश छूने की जुनून भरी कहानी
अखिलेश एक छोटे से गाँव का रहने वाला लड़का था। गाँव के आसपास खेतों के अलावा कुछ खास नहीं था, लेकिन अखिलेश का सिर हमेशा आसमान में होता था। वह पक्षियों को उड़ते हुए देखता और सपने देखता था कि वह भी एक दिन उनके जैसा उड़ सकेगा।
गाँव के लोग अखिलेश के सपनों को मूर्खता समझते थे। वे कहते, "बेटा, जमीन पर रहो, आसमान छूना किसी के बस की बात नहीं है।" लेकिन अखिलेश उनकी बातों पर ध्यान नहीं देता था। वह पुराने टायरों और लकड़ी के टुकड़ों से हवाई जहाज बनाने की कोशिश करता रहता था।
एक दिन, एक इंजीनियर गाँव आया। उसने अखिलेश को हवाई जहाज का मॉडल बनाते हुए देखा। इंजीनियर को अखिलेश का जुनून और लगन देखकर बहुत अच्छा लगा। उसने अखिलेश को विज्ञान की किताबें दीं और उसे विमान कैसे उड़ते हैं, इसके बारे में बताया।
इंजीनियर की बातों ने अखिलेश की जिज्ञासा को और बढ़ा दिया। वह पढ़ने में लग गया और विज्ञान के बारे में जितना हो सके सीखने लगा। गाँव के स्कूल में विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती थी, इसलिए अखिलेश शहर की लाइब्रेरी जाने लगा।
कुछ सालों बाद, अखिलेश शहर के सबसे अच्छे कॉलेज में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने लगा। उसने कड़ी मेहनत की और अंतरिक्ष यान बनाने वाली एक बड़ी कंपनी में काम करने लगा।
कई सालों की मेहनत के बाद, अखिलेश ने अंतरिक्ष यान बनाने में अहम भूमिका निभाई। आखिरकार, वह दिन आया जिसका अखिलेश बचपन से सपना देख रहा था। वह अंतरिक्ष यात्री के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा पर निकल पड़ा।
जब अखिलेश अंतरिक्ष में था, उसने नीचे पृथ्वी को देखा। उसे अपना गाँव याद आया और वह मुस्कुरा दिया। उसने साबित कर दिया था कि जुनून और मेहनत से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है, चाहे वह कितना भी असंभव लगता हो।

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