नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली मुहावरे पर आधारित लघु कथाएँ
इस लेख में हम रोचक कहानियों के माध्यम से लोकप्रिय हिंदी मुहावरे "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली" का गहरा विश्लेषण करेंगे।
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कहानियाँ Last Update Thu, 13 February 2025, Author Profile Share via
नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली
1. शहर का धनी
शहर का सबसे बड़ा व्यापारी रमेश था। उसने व्यापार में धोखाधड़ी कर लोगों से करोड़ों रुपये कमाए। लेकिन जब उसे उम्रदराज़ी में अपनी गलती का एहसास हुआ, तो वह धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल हो गया और दान-पुण्य करने लगा। लोग अब कहने लगे, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
2. मंत्री की दिखावटी ईमानदारी
रामलाल एक भ्रष्ट मंत्री था, जो हर सरकारी योजना में घोटाला करता था। उसने जनता के धन का खूब दुरुपयोग किया। लेकिन जब उसकी राजनीतिक स्थिति कमजोर होने लगी, तो उसने लोगों के सामने ईमानदार बनने का नाटक शुरू कर दिया। यह देखकर जनता कहने लगी, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
3. अमानत का जाल
सुरेश अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार लेकर उन्हें कभी वापस नहीं करता था। जब उसकी सच्चाई सबके सामने आई, तो उसने धर्मशाला बनाने की योजना बनाई, ताकि लोगों की नजरों में वह पुनः सम्मान पा सके। लोगों ने यह देखकर कहा, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
4. कॉर्पोरेट दुनिया का प्रपंच
एक बड़ी कंपनी के सीईओ, आनंद, ने कई वर्षों तक अपने कर्मचारियों का शोषण किया और उन्हें उनका हक नहीं दिया। लेकिन जब उसे अपने पद से हटाए जाने का खतरा महसूस हुआ, तो उसने कर्मचारियों के लिए बोनस और सुविधाओं की घोषणा कर दी। सभी ने कहा, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
5. पड़ोसी की मक्कारी
पड़ोस में रहने वाला रमेश हमेशा दूसरों की चीजें चुराता था। लेकिन जब उसकी चोरी पकड़ी गई, तो उसने मंदिर में जाकर पूजा-पाठ शुरू कर दिया और सबके सामने अच्छे कर्मों का दिखावा करने लगा। लोग उसकी चालाकी को समझ गए और बोले, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
6. महंगा दान
एक ठेकेदार, सुरेश, ने सरकारी निर्माण कार्य में बड़ी घूस ली और घटिया सामग्री का उपयोग किया। बाद में उसने अपनी छवि सुधारने के लिए गरीबों में कपड़े बांटने की योजना बनाई। लोग जानते थे कि यह सिर्फ उसकी छवि बचाने का प्रयास है, तो बोले, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
7. छात्र का बहाना
राहुल हमेशा स्कूल में नकल करता था और पढ़ाई से बचने के लिए झूठ बोलता था। जब परीक्षा के समय वह पकड़ा गया, तो उसने अध्यापक से माफी मांगने और भविष्य में अच्छे आचरण का वादा किया। क्लास के सभी बच्चे हंसकर बोले, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
8. राजनेता की चाल
एक नेता, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कई घोटाले किए थे, चुनाव से पहले गरीबों में राशन बांटने और मुफ्त सेवाओं की घोषणा की। जनता समझ चुकी थी कि यह सब वोट पाने का तरीका है, इसलिए कहने लगी, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
9. शिक्षक का छल
एक शिक्षक, जो हमेशा अपने छात्रों से सख्ताई और अनुचित व्यवहार करता था, जब सेवानिवृत्ति के समय आया तो उसने छात्रों को उपहार और शुभकामनाएँ देना शुरू कर दिया। छात्रों ने आपस में कहा, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"
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