दादी की कहानी: पहाड़ों की रानी, रानी रजवाड़ी और उनके सोने का शहर! Short Story in Hindi
सर्दियों की शाम, दादी की गोद में बैठकर कहानी सुनना बचपन की सबसे प्यारी यादों में से एक होता है। अनम के लिए भी यही बात थी। इस कहानी में, दादी अनम को पहाड़ों की रानी, रानी रजवाड़ी की कहानी सुनाती हैं। ये कहानी जादू, त्याग और ईमानदारी के बारे में एक सीख देती है, जिसे अनम कभी नहीं भूल पाएगी।
कहानियाँ By Tathya Tarang, Last Update Sat, 27 July 2024, Share via
दादी की कहानी
अनम हिमाचल के एक छोटे से गांव में रहती थी। सर्दियों की एक शाम, वह दादी के पास अलाव के पास बैठी हुई थी। हवा ठंडी थी और आग की गर्मी सुखद लग रही थी। अनम ने दादी से कोई कहानी सुनाने का आग्रह किया। दादी मुस्कुराई और कहने लगी, "बच्ची, आज तुम्हें पहाड़ों की रानी, रानी रजवाड़ी की कहानी सुनाती हूँ।"
खोया हुआ शहर
दादी ने बताया कि पहाड़ों में कहीं दूर, घने जंगलों के बीच में, सोने का एक शहर हुआ करता था। उस शहर में रानी रजवाड़ी राज करती थीं। रानी बहुत दयालु थीं और उनकी प्रजा उनसे बहुत प्यार करती थी। उनके राज्य में हमेशा खुशहाली रहती थी।
लालची राजा
लेकिन एक पड़ोसी राज्य का राजा बहुत लालची था। उसे सोने के शहर के बारे में पता चला और उसने उसे हथियाने की ठानी। उसने अपनी विशाल सेना के साथ रानी रजवाड़ी पर हमला कर दिया। रानी की सेना कमजोर थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी रानी के लिए बहादुरी से लड़ाई की।
जादुई नदी
लंबे युद्ध के बाद भी रानी हार नहीं मानीं। आखिर उन्होंने एक फैसला किया। उन्होंने अपने महल के पीछे बहने वाली जादुई नदी की शरण ली। माना जाता था कि यह नदी राजा को सोने के शहर का रास्ता कभी नहीं बताएगी। रानी ने नदी से प्रार्थना की और नदी उनकी पुकार सुन ली।
सोने का अभिशाप (The Curse of Gold)
नदी का पानी अचानक उफान पर आ गया और उसने सोने के शहर को अपनी लहरों में समा लिया। रानी रजवाड़ी और उनकी प्रजा पहाड़ों में कहीं खो गईं। लालची राजा को सिवाय खाली जमीन के कुछ नहीं मिला। कहते हैं कि आज भी पूर्णिमा की रात को, पहाड़ों में नदी के किनारे सोने की चमक देखी जा सकती है।
दादी ने कहानी खत्म की और अनम की तरफ देखा। अनम की आंखें कहानी के जादू में खोई हुई थीं। दादी ने कहा, "बच्ची, ये कहानी हमें सिखाती है कि लालच कभी अच्छा नहीं होता। रानी रजवाड़ी के पास सब कुछ था, लेकिन उन्होंने लालच के आगे नहीं झुकीं।"
यादें
अनम ने सिर हिलाया। वह जानती थी कि दादी की कहानियों में हमेशा कोई न कोई सीख होती है। वह इस कहानी को कभी नहीं भूलेगी और ना ही रानी रजवाड़ी के त्याग को। हर पूर्णिमा की रात, वह खिड़की से बाहर आसमान को देखेगी, सोने के शहर की कल्पना करती हुई।
दादी की कहानी से सीख
दादी की कहानी रानी रजवाड़ी और उनके सोने के शहर के बारे में है। कहानी हमें ये सीख देती है:
लालच बुरी होती है: कहानी का मुख्य पाठ लालच के बुरे परिणामों के बारे में है। पड़ोसी राजा का लालच ही युद्ध का कारण बना और उसने कुछ हासिल नहीं किया। रानी रजवाड़ी के पास सब कुछ होने के बावजूद उन्होंने लालच में न आकर अपने राज्य की रक्षा की।
समर्पण और त्याग: रानी रजवाड़ी अपने राज्य और प्रजा के लिए समर्पित थीं। उन्होंने हार न मानते हुए अपनी रक्षा के लिए हर संभव कोशिश की। आखिर में उन्होंने अपने राज्य को बचाने के लिए बड़ा त्याग किया।
ईमानदारी की जीत: कहानी में जादुई नदी ईमानदारी का प्रतीक है। रानी रजवाड़ी के ईमानदारी भरे जीवन की रक्षा के लिए नदी ने उनकी मदद की। लालची राजा को कुछ हासिल न हो सका।
ये सीख हमें जिंदगी के हर पहलू में काम आती हैं। हमें लालच से दूर रहना चाहिए, अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहना चाहिए और हमेशा ईमानदारी का रास्ता चुनना चाहिए।
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