बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक: नोरोवायरस! बचाव और घरेलू उपाय NoroVirus in Hindi

इस ब्लॉग में हमने नोरोवायरस के लक्षण, फैलने का तरीका, बचाव और घरेलू उपायों के बारे में बताया है. साथ ही, इससे जुड़े मिथकों को भी दूर किया है.

बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक: नोरोव...
बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक: नोरोव...


नोरोवायरस, जिसे कभी-कभी "विंटर वोमिटिंग बग" के नाम से भी जाना जाता है, एक बेहद संक्रामक वायरस है जो उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है. यह वायरस हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों को संक्रमित करता है और खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है.

नोरोवायरस के लक्षण

नोरोवायरस से संक्रमित होने पर आम तौर पर लक्षण 12 से 48 घंटों के अंदर दिखाई देने लगते हैं. इन लक्षणों में शामिल हैं:

  • तेज उल्टी
  • पानी जैसा दस्त
  • पेट में ऐंठन
  • जी मिचलाना
  • बुखार
  • सिरदर्द
  • शरीर में दर्द

ये लक्षण आमतौर पर एक से तीन दिनों तक रहते हैं, लेकिन कुछ मामलों में थोड़े लंबे समय तक भी रह सकते हैं.

नोरोवायरस कैसे फैलता है

नोरोवायरस दूषित भोजन या पानी के सेवन से, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से या दूषित सतहों को छूने से फैल सकता है. यह वायरस वातावरण में भी फैल सकता है, खासकर संक्रमित व्यक्ति के उल्टी करने से.

नोरोवायरस से बचाव

नोरोवायरस से बचाव के लिए आप निम्न सावधानियां रख सकते हैं:

  • हमेशा साफ पानी पिएं और अच्छी तरह से पका हुआ भोजन ही खाएं.
  • सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से धोएं.
  • बार-बार हाथ धोएं, खासकर शौचालय जाने के बाद, डायपर बदलने के बाद और खाना बनाने से पहले.
  • बीमार लोगों के सीधे संपर्क में आने से बचें.
  • अगर आप बीमार हैं तो दूसरों के संपर्क में आने से बचें.

नोरोवायरस का इलाज

नोरोवायरस का कोई खास इलाज नहीं है. आमतौर पर यह वायरस अपने आप ही ठीक हो जाता है. हालांकि, डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना बहुत जरूरी है. ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) घोल पीना डिहाइड्रेशन को रोकने में मददगार होता है. अगर आप बहुत ज्यादा उल्टी कर रहे हैं या दस्त लग रहा है और तरल पदार्थ भी नहीं रख पा रहे हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

कब डॉक्टर को दिखाएं

अगर आपको या आपके बच्चे को लगातार उल्टी या दस्त हो रहा है और तरल पदार्थ भी नहीं रख पा रहे हैं, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. साथ ही, अगर तेज बुखार है, खून का आना हो रहा है या लक्षण तीन दिन से ज्यादा समय तक रहें तो भी डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है.

नोरोवायरस एक आम परेशानी है, लेकिन इससे बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतकर आप खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ रख सकते हैं. अगर आपको कोई सवाल है या अपनी स्थिति के बारे में चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें.

नोरोवायरस से जुड़े मिथक

नोरोवायरस से जुड़े कई तरह के मिथक फैले हुए हैं, जिनकी वजह से लोग असल जानकारी से दूर रह जाते हैं. आइए ऐसे ही कुछ मिथकों को तोड़ते हैं:

मिथक 1: केवल सर्दियों में ही नोरोवायरस का संक्रमण होता है.

हकीकत: वैसे तो इसका नाम "विंटर वोमिटिंग बग" है, लेकिन नोरोवायरस पूरे साल किसी भी मौसम में फैल सकता है. हालांकि, सर्दियों के महीनों में ठंड और कम तापमान इसकी वजह से संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है.

मिथक 2: एंटीबायोटिक दवाएं नोरोवायरस का इलाज कर सकती हैं.

हकीकत: नोरोवायरस एक वायरल संक्रमण है, जबकि एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमणों के इलाज के लिए होती हैं. नोरोवायरस के मामले में एंटीबायोटिक दवाएं कारगर नहीं होतीं.

मिथक 3: दही खाने से नोरोवायरस का इलाज होता है.

हकीकत: दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन ये सीधे तौर पर नोरोवायरस का इलाज नहीं कर सकते. हालांकि, दही का सेवन डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद कर सकता है, जो कि नोरोवायरस से होने वाली परेशानियों में महत्वपूर्ण है.

मिथक 4: नोरोवायरस का कोई इलाज नहीं है.

हकीकत: वैसे तो नोरोवायरस का कोई खास दवा-इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है. पर्याप्त आराम और तरल पदार्थों का सेवन शरीर को इस वायरस से लड़ने में मदद करता है. कुछ मामलों में डॉक्टर सहायक दवाएं भी दे सकते हैं.

मिथक 5: नोरोवायरस होने पर कुछ भी नहीं खाना चाहिए.

हकीकत: भले ही उल्टी और दस्त की वजह से कुछ खाने का मन न करे, लेकिन जल्द स्वस्थ होने के लिए थोड़ा-थोड़ा करके हल्का भोजन लेते रहना फायदेमंद होता है. केला, सेब की प्यूरी, टोस्ट या सूप जैसे आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ ले सकते हैं.

नोरोवायरस के बारे में जागरूकता जरूरी

नोरोवायरस एक आम परेशानी है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है. सफाई और सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है. साथ ही, इससे जुड़े मिथकों को न मानें और सही जानकारी रखें. अगर आपको कोई लक्षण दिखाई देते हैं या कोई सवाल है, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

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