चिंपू की चालाकी: हर परिस्थिति में खुश रहना! Chimpu Ki Chalaki Hindi Short Story
सीख - चतुराई और बुद्धि का इस्तेमाल ! जानवरों में भी होती है समझ ! हर परिस्थिति में खुश रहना ! जानवरों का सम्मान

कहानियाँ Last Update Wed, 18 December 2024, Author Profile Share via
चिंपू की चालाकी
चिंपू नाम की एक चतुर चिम्पैंजी चिड़ियाखाने में रहती थी. हर दिन उसे वही लोहे के पिंजरे का नजारा, वही घूमने आने वाले शोरगुल वाले लोग और वही बचे हुए फल और सब्जियां मिलती थीं. चिंपू इससे ऊब चुकी थी. उसे जंगल की खुली हवा, ऊंचे पेड़ों पर चढ़ना और स्वादिष्ट मेवे खाना याद आता था.
एक दिन चिंपू ने देखा कि चिड़ियाखाने का एक रखवाला अपना खाना खुलेआम रखकर पिंजरे की सफाई कर रहा था. चिंपू के दिमाग में एक चाल आया. उसने अपने पिंजरे के कोने में रखे एक पत्थर को उठाया और ध्यान से निशाना लगाकर रखवाले के सिर पर दे मारा. रखवाला चीखते हुए वहां से भागा.
जब रखवाला वापस आया तो उसने देखा कि उसका सैंडविच गायब है. चिंपू पिंजरे के बीच में मस्ती से सैंडविच खा रही थी. रखवाले को गुस्सा आया मगर चिंपू की चालाकी देखकर उसे हंसी भी आ गई. उसने सोचा, "यह चिंपैंजी तो वाकई बहुत तेज है!"
अगले दिन, चिंपू ने देखा कि रखवाला फिर से अपना खाना खुला रखकर पिंजरे की सफाई कर रहा है. इस बार चिंपू ने थोड़ा अलग तरीका अपनाया. उसने पिंजरे की जाली से एक टूटी हुई तिन की चादर निकाली और उसे मोड़कर एक चाबी का आकार दिया. फिर उसने अपने पिंजरे का ताला खोलने का नाटक किया.
रखवाला हैरान होकर चिंपू को देखने लगा. चिंपू ने यह मौका देखा और पिंजरे से बाहर निकलकर सैंडविच चुरा ली. रखवाला फिर से चीखता हुआ भागा. थोड़ी देर बाद वापस आया तो चिंपू पिंजरे के अंदर ही थी, मानो कुछ हुआ ही न हो. रखवाला समझ गया कि चिंपू ने उसे फिर से छल लिया है.
चिंपू की हरकतों से चिड़ियाखाने में सब खुश थे. चिंपू उन्हें हंसाती थी और यह याद दिलाती थी कि जानवरों में भी कितनी चतुराई होती है. चिंपू को भले ही जंगल की आजादी न मिली, लेकिन उसकी चालाकी ने चिड़ियाखाने का माहौल खुशनुमा बना दिया.
इस कहानी से हमें कई सीख मिलती हैं:
चतुराई और बुद्धि का इस्तेमाल: चिंपू की कहानी हमें सिखाती है कि मुश्किल परिस्थितियों में भी चतुराई और बुद्धि का इस्तेमाल करके रास्ता निकाला जा सकता है. चिंपू ने बोरियत से बचने के लिए और स्वादिष्ट खाना पाने के लिए अपनी चतुराई का इस्तेमाल किया.
जानवरों में भी होती है समझ: चिंपू की कहानी बताती है कि जानवरों में भी समझ होती है. चिंपू ने अपने रखवाले को छलने के लिए टूटी हुई तिन की चादर से चाबी बनाने का नाटक किया. इससे पता चलता है कि जानवर भी अपने परिवेश को समझते हैं और परिस्थिति के अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं.
हर परिस्थिति में खुश रहना: चिंपू भले ही चिड़ियाखाने से बाहर नहीं निकल पाई, लेकिन उसने अपनी चतुराई का इस्तेमाल करके वहां रहते हुए भी खुश रहने का तरीका ढूंढ लिया. यह हमें सिखाता है कि हर परिस्थिति में खुश रहने का प्रयास करना चाहिए.
जानवरों का सम्मान: चिंपू की कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि जानवर भी संवेदनशील प्राणी होते हैं. उन्हें जंगल जैसा प्राकृतिक वातावरण मिलना ही उनके लिए बेहतर होता है. चिड़ियाखाने के अधिकारियों ने चिंपू की बुद्धि को पहचानते हुए उसके रहने का वातावरण बेहतर बनाने का फैसला किया. इससे हमें जानवरों के प्रति सम्मान रखने की सीख मिलती है.
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